कोरोना पोजीटिव पाए छात्र को किया अस्पताल में भर्ती, परिजनों व दोस्तों को आईसोलेशन वार्ड में रखा

उदयपुर । जिला मुख्यालय पर गुरुवार को छात्र के नोवेल कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद जिला प्रशासन व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने पुख्ता कार्यवाही की। जिला कलक्टर श्रीमती आनंदी ने बताया कि इंदौर में कक्षा 8वीं में पढ़ने वाला 15 वर्षीय छात्र उदयपुर में रहने वाले अपने 2 दोस्तों के साथ 20 मार्च को इन्दौर से टेªेन से रवाना हुआ था और तीनों छात्रा चित्तौडगढ़ में 21 मार्च को प्रातः 02.40 ए.एम. पर पहंुचे जहां अपने पिता के साथ में लेने के बाद चित्तौडगढ़ से चारो निजामुदीन एक्सप्रेस से उदयपुर पहुंचे। उस कोच में मात्र 4 व्यक्ति ही थे एवं पूरा कोच खाली था। उदयपुर पहंुचने के बाद दोनों दोस्त अपने घर एवं ये दोनांे पिता पुत्र अपने घर चले गये।
उन्होंने बताया कि 21 मार्च से 31 मार्च तक विद्यार्थी अपने घर पर ही रहा एवं उदयपुर में किसी कार्यक्रम में नहीं गया। इसको दिनांक 31 मार्च को सर्दी, जुखाम, खांसी एवं बुखार के लक्षण आये जिस पर यह 1 अप्रेल को कोरोना ओपीडी में अपने पिताजी के साथ दिखाने आया जहां उसको लक्षण एवं ट्रावेल हिस्ट्री होने से भर्ती कर लिया गया तथा दिनांक 2 अप्रेल को उसके सेम्पल की जांच करने पर कोरोना पोजीटिव पाया गया।
प्रशासन ने यह की कार्यवाही
कलक्टर ने बताया कि संबंधित विद्यार्थी के घर में कुल 13 सदस्य रहते है जिसमें से 1 पोजीटिव को अस्पताल में भर्ती किया गया है तथा 11 सदस्यों को तुरन्त अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में ले जाकर भर्ती किया गया है तथा सभी सदस्यों की सैम्पलिंग की गई। एक होम गार्ड एवं उसके साथी, जिसको लक्षण है को उदयपुर लाकर भर्ती कर लिया गया है। उसके घर में कार्य करने वाली महिला को तुरन्त अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में ले जाकर भर्ती किया गया है। इसी प्रकार पोजीटिव मरीज के साथ में आये दोस्त एवं उसके भाई जिसको खांसी एवं जुखाम है, को तुरन्त अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में ले जाकर भर्ती किया गया है। पोजीटिव मरीज के साथ में आये दोस्त दोनों दोस्त जिसको कोई लक्षण नहीं है को तुरन्त अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में ले जाकर भर्ती किया गया है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने आज कुल 16 क्लोज कॉन्टेक्ट के सैम्पल लिये गये जिसकी जांच की जा रही है। कोरोना पोजीटिव के मालुम चलते ही आर.एन.टी. मेडीकल कॉलेज से रेपिड रेस्पोन्स टीम पोजीटिव के घर गई जहां सेनिटाईजेशन का कार्य किया। रेपिड रेस्पोन्स टीम एवं जिला प्रशासन ने 3 कि.मी. कन्टेन्मेन्ट जोन निर्धारित किया। हाउस टू हाउस सर्वे के लिये पूर्व निर्धारित 60 टीमों (कुल 120 व्यक्ति) द्वारा सर्वे किया गया जिसमें कुल 1888 घरों का सर्वे किया गया जिसमे 9664 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें 6 आई.एल.आई. के मरीज मिले जिनको चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ की टीम द्वारा इनको स्क्रीन कर दवाईयां दी गई। इनमें से किसी को भी अस्पताल रेफर नहीं किया गया। इन घरों में 2 व्यक्ति भीलवाडा से आये थे जो कि स्वस्थ है। इसके साथ ही नगर निगम की टीम द्वारा 1 कि.मी. की परिधि के घरों के बाहर हाईपोक्लोराईड सोल्युशन का छिड़काव किया गया है।

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