उदयपुर। पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, पिम्स हॉसिपटल उमरड़ा में एक सप्ताह के भीतर लीवर-पित्त संबंधी (हिपेटो बिलियरी) की दो बड़ी सफल सर्जरी हुई है।
पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. अतुल मिश्रा ने बताया कि सिरोही व डूंगरपुर निवासी 7-8 साल की दो बच्चियों में पेट दर्द की लगातार शिकायत के चलते हुई जांचों में दुर्लभ व बड़ी बीमारी कोलीडोकल सिस्ट का पता चला। यह बीमारी कोई एक से डेढ़ लाख लोगों में किसी एक को हो सकती है। इस बीमारी में लीवर से पित्त ले जाने वाली नली में जन्म से विकृति होती है। इसके कारण यह नली गुब्बारे की तरफ फूल जाती है। पित्त नहीं बहता है। पीलिया हो सकता है। पेट दर्द व उल्टी की समस्या रहती है जिससे आगे चलकर यह बीमारी कैंसर में तब्दील हो सकती है।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि ऑपरेशन तमाम जटिलताओं से भरा होता है। खराब नली को निकालकर तीन जगह आंतें व लीवर की सर्जरी कर नई नली बनाई जाती है। लगभग पांच घंटे चले प्रत्येक ऑपरेशन के बाद अब बच्चियां पूर्णत: स्वस्थ हैं और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। ऑपरेशन की इस लंबी प्रक्रिया में डॉ. मिश्रा के अलावा निश्चेतना विभाग के डॉ. त्यागी, डॉ. पीनू, डॉ. अनिल, डॉ. केतकी, डॉ. महावीर व स्टाफ अरूण, हरीश, अशोक, जीशान आदि ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पिम्स के चैयरमेन आशीष अग्रवाल ने बताया कि दोनों बच्चियों का इलाज पिम्स हॉस्पिटल में नि:शुल्क किया गया। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में कई जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक हुई है। पिम्स हॉस्पिटल व मेडिकल कॉलेज अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है।
पिम्स उमरड़ा में एक सप्ताह के भीतर दो बच्चियों की बड़ी व सफल सर्जरी हुई
