उदयपुर। तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण के 50वें दीक्षा कल्याणक महोत्सव वर्ष का शुभारंभ शासनश्री मुनि सुरेशकुमार के सान्निध्य में तेरापंथ सभा उदयपुर के बेनर तले तेरापंथ भवन में समारोहपूर्वक आहुत हुआ। मुनि सुरेशकुमार ने कहा कि ग्यारह वर्ष की उम्र में मुनि सुमेरमल ‘लाडनूं’ से दीक्षित मुनि मुदित से आचार्य महाश्रमण की यात्रा अनुपमेय है। वे पुण्य के शिखर पुरुष हैं। यह जैनधर्म व तेरापंथ धर्म का परम सौभाग्य है कि आचार्यश्री महाश्रमण का नेतृत्व मिला। मुनिश्री ने सुमधुर गीत के संगान के साथ आचार्यश्री के चिरायु होने की शुभाशंसा की।
मुनि सम्बोधकुमार ‘मेधांश’ ने कहा कि घटनाएं घट जाती हैं, रह जाती हैं परछाइयां। हजारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पर रोती है तब कही चमन पर आचार्य महाश्रमण जैसे दीदावार पैदा होते हैं। आचार्यश्री महाश्रमण अपनी सहजता करुणा, कमिटमेंट से सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता हैं। मुख्य अतिथि एडीजे, सचिव जिला विधि प्राधिकरण कुलदीप शर्मा ने कहा कि आचार्य महाश्रमण से क्षमा और लोककल्याण की प्रेरणा ले तो समाज व्यवस्था में एक सकारात्मक परिवर्तन देखा जा सकता है। देश के विकास में महाश्रमण की एक महनीय भूमिका रही है।
मुख्य वक्ता संस्था शिरोमणि तेरापंथी महासभा के आंचलिक प्रभारी धीरेन्द्र मेहता ने कहा कि जिस व्यक्तिव का सृजन दो आचार्यों के कर कमलों से हुआ हो उसे हिमालयी शिखर पर आरोहण करने से कोई नही रोक सकता। नमस्कार महामंत्रोच्चारण व श्रीमती रेखा जैन के सुमधुर अभिवंदना गान से शुरू हुए समारोह में 25 दम्पतियों ने अंत:करण का अभिनंदन समूह गान कर इतिहास पुरुष को ऐतिहासिक वंदना अर्पित की। स्वागत तेरापंथ समाध्यक्ष अर्जुन खोखावत व आभार सभा मंत्री विनोद कच्छारा ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम में तेयूप अध्यक्ष अक्षय बड़ाला, महिला मंडल अध्यक्षा सीमा पोरवाल ने भावपूर्ण विचारों से आचार्य के प्रति अभ्यर्थना की। इस मौके आठ दिन तक आयोज्य समूहगान प्रतियोगिता, आलेख प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया गया। संचालन मुख्य संयोजक सुबोध दुग्गड़ ने किया।
विराट प्रेक्षाध्यान – योग महोत्सव बैनर लोकार्पित :
आचार्य महाश्रमण दीक्षा कल्याण महोत्सव वर्ष के तहत 17- 21 जून तक महाप्रज्ञ विहार में आयोज्य पाँच दिवसीय विराट प्रेक्षाध्यान योग महोत्सव का बैनर लोकपित हुआ। संयोजक चंद्रप्रकाश पोरवाल ने बताया यह शिविर प्रतिदिन सुबह 5.30 से 8 बजे तक गुजरात के प्रसिद्ध योग प्रशिक्षक आनंद व इंद्रजीत के मार्गदर्शन एवं ध्यान साधक मुनि सुरेशकुमार के सान्निध्य तथा मुनि संबोधकुमार ‘मेधाश’ के निर्देशन में आहुत होगा ।