नई दिल्ली। नई दिल्ली के ऐवान -ए-गालिब ऑडिटोरियम -में शनिवार की शाम संस्कृति और संवेदना का अनोखा संगम देखने को मिला, जब प्रसिद्ध शायर और गीतकार साहिर लुधियानवी की स्मृति में उदयपुर के मशहूर थिएटर निर्देशक लईक हुसैन और गजल गायक एवं संगीतकार डॉ. प्रेम भण्डारी द्वारा निर्देशित नृत्य नाटिका परछाइयाँ (ए शरीफ इंसानों) का प्रभावशाली मंचन हुआ।
राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में पहली बार प्रदर्शित इस डांस ड्रामा में द्वितीय विश्व युद्ध के पहले और बाद की वैश्विक परिस्थितियों और युद्ध काल की विभीषिका और हालातों का सुंदर ढंग से सटीक चित्रण किया गया ।विश्व शान्ति का सन्देश देने वाली इस अद्वितीय नृत्य नाटिका में तीस कलाकारों ने अपनी कला कौशल का प्रदर्शन किया ।
द परफॉर्मर्स कल्चरल सोसाइटी, उदयपुर और सबरंग संस्था नई दिल्ली द्वारा आयोजित इस संगीतमय नृत्य नाटिका की प्रस्तुति मानव जीवन की गहराइयों में छिपी भावनाओं और आत्ममंथन की कथा समेटे गहरा प्रभाव छोड़ गई ।निर्देशक लैयक हुसैन ने प्रकाश, संवाद और अभिनय के त्रिवेणी संगम से मंच पर ऐसी यथार्थमयी तस्वीर उकेरी कि दर्शक स्वयं अपने जीवन से उसका संबंध जोड़ने लगे।
डॉ. प्रेम भण्डारी की संगीत रचना नाटक की आत्मा बनी रही। सितार, तबले और सूफियाना धुनों के साथ उन्होंने भावनाओं को जीवन्त स्वर दिया। प्रत्येक दृश्य में संगीत और अभिनय का सामंजस्य दर्शकों को भीतर तक छू गया। कलाकारों ने अपने किरदारों को इतनी स्वाभाविकता से जिया कि दर्शक अपने आपको कहानी का हिस्सा महसूस करने लगे। दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट यह बताने के लिए काफी थी कि “परछाइयाँ” उनके मन पर गहरी छाप छोड़ गई।
आयोजक संस्था द परफॉर्मर्स कल्चरल सोसाइटी, उदयपुर की अध्यक्ष ने कहा कि “परछाइयाँ” का आगामी मंचन जयपुर, जोधपुर, अहमदाबाद और भोपाल में किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इस संवेदनशील नाटक से जुड़ सकें। इस अवसर पर एक मुशायरा का आयोजन भी हुआ जिसमें डॉ प्रेम भंडारी सहित जाने माने शायरों ने अपनी दिलकश नज़्मों की प्रस्तुति दी।
नृत्य नाटिका परछाइयाँ ने दर्शकों को किया भावविभोर
