डिजिटल दुनिया में साइबर सुरक्षा पर कार्यशाला

उदयपुर : डिजिटल दुनिया में  सभी के निर्भरता बढ़ने के साथ साइबर सुरक्षा की आवश्यकता भी बढ़ी है। साइबर अपराध, डाटा उल्लंघन और सिस्टम की क्षति जैसे खतरे बढ़ते जा रहे हैं ऐसे में विशेष कर महिलाओं को जागरूक होने की महत्ती आवश्यकता है। ये विचार कट्स द्वारा गोगुंदा में अलर्ट संस्थान के प्रशिक्षण सभागार में आयोजित कार्यशाला में उभर कर सामने आए। कट्स संस्थान चित्तौड़गढ़ द्वारा द एशिया फाउंडेशन के सहयोग से साइबर सुरक्षा और बढ़ते साइबर अपराधों के प्रति सूक्ष्म लघु और मध्यम व्यावसायिक इकाइयों के संचालकों की क्षमता और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन अलर्ट संस्थान सभागार में  किया गया।
कट्स के कार्यक्रम अधिकारी मदन गिरी गोस्वामी ने बताया कि जिले में उद्यम प्रमाण पत्र प्राप्त व्यावसायिक इकाइयों से जुड़े प्रतिनिधियों को साइबर सुरक्षा और साइबर अपराधों से हो रही ठगी के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु कार्यशालाओं का आयोजन किया गया।  कार्यशाला में कट्स जयपुर से साइबर सुरक्षा कार्यक्रम प्रभारी आकर्ष भार्गव ने साइबर सुरक्षा और इसके महत्व की बुनियादी समझ और भारत में समग्र साइबर अपराध परिदृश्य और साइबर हमलों के प्रकार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भारत की जीडीपी का 30 प्रतिशत  हिस्सा सूक्ष्म लघु और मध्यम व्यावसायिक इकाइयों से आता है। 60 प्रतिशत  भारतीय सूक्ष्म लघु और मध्यम व्यावसायिक इकाइयों से जुड़े लोग प्रभावित हुए और छोटे व्यवसाइयों के खिलाफ 2021 से साइबर अपराधों में 300 प्रतिशत  की वृद्धि  हुई है। भारत में 43 प्रतिशत    साइबर हमले छोटे व्यवसायों को निशाना बनाते हैं।
अलर्ट संस्थान के निदेशक बी. के. गुप्ता ने बताया कि बढ़ते साइबर अपराधों के लिए छोटे-बड़े उद्यमियों को एकजुट होकर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।
कट्स जयपुर की हेमा शर्मा ने  बताया कि विभिन्न प्रकार के साइबर अपराध जैसे कि व्हाट्सएप हैकिंग, सिम स्वैप, ओटीपी फ्रॉड, लोन एप्लीकेशन फ्रॉड, कॉल फॉरवर्डिंग आधारित फ्रॉड, साइबर एक्सटॉर्शन, क्रिप्टोकरंसी एवं ट्रेडिंग आधारित फ्रॉड तथा सोशल इंजीनियरिंग आधारित साइबर अपराधों से अर्थव्यवस्था पर और सूक्ष्म लघु उद्योगो पर असर पड़ रहा है।
कार्यक्रम में हैंड इन हैंड इंडिया के प्रकाश मेघवाल ने साइबर हेल्पलाइन 1930 पर साइबर अपराधों की तत्काल सूचना देने के की जानकारी प्रदान की। अलर्ट संस्थान के अध्य्क्ष जितेंद्र मेहता ने कहा कि महिलाओं के लिए साइबर सुरक्षा जागरूकता एक महत्वपूर्ण पहलू है जो उन्हें साइबर दुनिया में सुरक्षित रहने में मदद करता है। ऐसे में महिलाएं स्वयं के साथ ग्रामीण महिलाओं, अपनी माता-बहनों-बेटियों को इसकी जानकारी साझा कर जागरुक कर सुरक्षित कर सकती हैं । कार्यक्रम में  फतेहलाल, सीमा सुथार ने भी विचार व्यक्त की। कार्यशाला में अलर्ट संस्थान एवं हेंडस इन हैंड की 20 स्वयं सहायता समूह के उद्यमी कार्यक्रम से जुड़ी महिलाओं सहित 64 प्रतिभागियों ने भाग लिया। 

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