इरशाद खान ‘सिकन्दर’ स्वयं प्रकाश स्मृति सम्मान

नाटक ‘जौन एलिया का जिन’ का सम्मान के लिए चयन

दिल्ली। साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में कार्यरत संस्थान ’स्वयं प्रकाश स्मृति न्यास’ ने सुप्रसिद्ध साहित्यकार स्वयं प्रकाश की स्मृति में दिए जाने वाले वार्षिक सम्मान की घोषणा 18 नवम्बर को की। डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के इस सम्मान में इस बार उपन्यास विधा के लिए सुपरिचित ग़ज़लकार और नाटककार इरशाद खान ‘सिकन्दर’ के नाटक ‘जौन एलिया का जिन’ को दिया जाएगा।
सम्मान के लिए तीन सदस्यी निर्णायक मंडल ने सर्वसम्मति से इस नाटक को वर्ष 2024 के लिए चयनित करने की अनुशंसा की है। निर्णायक मंडल के अध्यक्ष काशीनाथ सिंह (वाराणसी) ने अपनी संस्तुति में कहा कि नाटक के क्षेत्र में ऐसी युवा प्रतिभा का चयन गहरे संतोष का विषय है जो एक साथ हिंदी, उर्दू और भोजपुरी भाषाओँ में सक्रिय है। निर्णायक मंडल के वरिष्ठ सदस्य रंग आलोचक और संस्कृतिकर्मी रवींद्र त्रिपाठी (दिल्ली) ने संस्तुति में कहा कि इरशाद खान ‘सिकन्दर’ का नाटक ‘जौन एलिया का जिन’ एक मशहूर शायर जौन एलिया की जिंदगी पर आधारित होने के साथ साथ उर्दू शायरी के कई महीन नुक्तों को भी सामने लाता है। सर्वविदित है कि जौन एलिया बड़े शायर होने के साथ साथ विवादास्पद शख्स थे और उनकी निजी जिंदगी पेचीदगियों से भरी थी। इस नाटक में ये हंगामें भी हैँ और एक शायर की तकलीफें भी। दूसरे निर्णायक कवि आलोचक प्रो आशीष त्रिपाठी (वाराणसी) ने कहा कि नाटक के क्षेत्र में आ रहे नये लेखकों में इरशाद खान ‘सिकन्दर’ ने अपनी प्रतिभा से आश्वस्त किया है। उन्होंने नाटक को विचार और कला का मंजुल सहकार बताया। निर्णायक मंडल के तीसरे सदस्य युवा आलोचक और रंगकर्मी अमितेश कुमार (प्रयागराज) ने अपनी संस्तुति में कहा कि इरशाद खान ‘सिकन्दर’ बुनियादी तौर पर शायर हैं इसलिए इसमें हैरत की बात नहीं कि उन्होंने नाटक लिखने के लिए जो विषय चुना उसके केंद्र में शायरी है। जौन एलिया के बहाने वह उर्दू के साथ साथ भारतीय उपमहाद्वीप में बसी उर्दू – हिंदी की साझा विरासत की तह में जाते हैं और उसे पाठकों के लिए प्रकाशित करते हैं। नाटक लिखने से पहले उन्होंने रंगमंचीय जरूरतों को समझा है और इस क्रम में उन्होंने पाठ की साहित्यिकता का भी निर्वाह किया है। इससे संभव हुआ है ऐसा नाटक जो महज प्रदर्शन आलेख नहीं है। इसे मंच पर खेला जाना सहल है और पढ़े जाने का भी आनंद है। नए नाटकों में इस समन्वय को साधने की चेतना कम ही नाटककारों में दिखती है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि मूलत: राजस्थान के अजमेर निवासी स्वयं प्रकाश हिंदी कथा साहित्य के क्षेत्र में मौलिक योगदान के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने ढाई सौ के आसपास कहानियाँ लिखीं और उनके पांच उपन्यास भी प्रकाशित हुए थे। इनके अतिरिक्त नाटक, रेखाचित्र, संस्मरण, निबंध और बाल साहित्य में भी अपने अवदान के लिए स्वयं प्रकाश को हिंदी संसार में जाना जाता है। उन्हें भारत सरकार की साहित्य अकादेमी सहित देश भर की विभिन्न अकादमियों और संस्थाओं से अनेक पुरस्कार और सम्मान मिले थे। उनके लेखन पर अनेक विश्वविद्यालयों में शोध कार्य हुआ है तथा उनके साहित्य के मूल्यांकन की दृष्टि से अनेक पत्रिकाओं ने विशेषांक भी प्रकाशित किए हैं। 20 जनवरी 1947 को अपने ननिहाल इंदौर में जन्मे स्वयं प्रकाश का निधन कैंसर के कारण 7 दिसम्बर 2019 को हो गया था। लम्बे समय से वे भोपाल में निवास कर रहे थे और यहाँ से निकलने वाली पत्रिकाओं ‘वसुधा’ तथा ‘चकमक’ के सम्पादन से भी जुड़े रहे।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि फरवरी में आयोज्य समारोह में नाटककार इरशाद खान ‘सिकन्दर’ को सम्मान में ग्यारह हजार रुपये, प्रशस्ति पत्र और शॉल भेंट किये जाएंगे। साहित्य और लोकतान्त्रिक विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए गठित स्वयं प्रकाश स्मृति न्यास में कवि राजेश जोशी(भोपाल), आलोचक दुर्गाप्रसाद अग्रवाल (जयपुर), कवि-आलोचक आशीष त्रिपाठी (बनारस), आलोचक पल्लव (दिल्ली), इंजी अंकिता सावंत (मुंबई) और अपूर्वा माथुर (दिल्ली) सदस्य हैं।

Related posts:

Fabindia Welcomes Spring with 'The Big Spring'

Vedanta profitsurges 13% to ₹ 5,000 crores on the back of record production and low cost

भ्रष्टाचार किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा : मुख्यमंत्री भजनलाल

अरूण मिश्रा हिन्दुस्तान जिंक के नये उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, नामकरण और बाल लीलाओं से श्रोता हुए भावविभोर

हिंदुस्तान जिंक को बिजनेस एक्सीलेंस 2022 के लिए सीआईआई इएक्सआईएम बैंक अवार्ड

कावड़ निर्माता मांगीलाल मिस्त्री नहीं रहे

नारायण सेवा के अवार्ड समारोह में अनुपम खेर ने 55 शख्सियत को किया सम्मानित

फॉरएवरमार्क डायमंड ज्वेलरी हॉलीवुड में आकर्षण का केंद्र बनी

जैनधर्म का प्रमुख पर्युषण महापर्व आज से

करण राठौड़ ने सेवा निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष का पद संभाला

जिंक द्वारा कायड में सीएसआर के तहत् अगंदान हेतु जागरूकता सत्र आयोजित