जयपुर, 21 अक्टूबर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि आज विश्व जिन बड़ी चुनौतियों से जूझ रहा है, उनके निराकरण का मार्ग गांधीजी के विचारों से खुलता है। पर्यावरण असंतुलन, आतंकवाद, चारित्रिक गिरावट और अविवेकपूर्ण तरीके से हो रहा विकास, वेचुनौतियां हैं, जिनका सामना पूरा संसार कर रहा है। महात्मा गांधी ने बहुत संक्षेप में मनुष्य, समाज और राष्ट्र के निर्माण का तरीका बताया। गांधीजी के अनुसार नैतिकता, अर्थशास्त्र, राजनीति और धर्म अलग-अलगइकाइयां हैं, पर इन सबका उद्देश्य एक ही है और वह है सर्वोदय। राजनीति अगर लक्ष्यहीन है और आदर्शा पर टिकी नहीं है तो वह पवित्र नहीं हो सकती। इसी प्रकार अनुचित साधनों और बिना परिश्रम कमाया गया धन, एक प्रकार से चुराया हुआ धन है।
राज्यपाल श्री मिश्र सोमवार को इन्दौर में वल्र्ड बुक आफ रिकार्डस द्वारा आयोजित परिचर्चा ‘‘वर्तमान में महात्मा गांधी की प्रांशगिकता‘‘ में बोल रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि महात्मा गांधी का जीवन और उनके कार्य उन्हें इतनी ऊंचाई प्रदान करते हैं कि आज उनके जन्म के 150 वर्ष बाद भी हमें न केवल प्रेरणा मिल रही है बल्कि भावी पीढ़ी के लिए भी इसमें संदेश निहित हैं। गांधीजी जी ने स्वतंत्र भारत में अपने जीवन का बहुत कम समय व्यतीत किया। इसके बावजूद हम देखते हैं कि आज देश का विकास और विकास की संकल्पना उनके स्वदेशी ग्राम स्वराज्य और स्वावलंबन जैसे सिद्धान्तों के बिना अधूरी है।
राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि महात्मा गांधी एक ऐसे व्यक्तित्व थे जिनके सिद्धान्त देश, धर्म, भाषा, जाति, सम्प्रदाय और वर्ग सबसे ऊपर उठकर सम्पूर्ण मानवता के लिए उपयोगी और प्रासंगिक बने रहेंगे।
राज्यपाल ने युवाओं का आव्हान किया कि वे महात्मा गांधी का ग्राम स्वराज्य, स्वदेशी और स्वावलंबन का मार्ग एक ऐसा जीवन दर्शन है, जो मनुष्य को दूसरे पर निर्भर होने से रोकता है।