मजदूर एवं किसान की हालत आजादी के पहले जैसी दयनीय एवं चिंताजनक : डॉ. रेड्डी

उदयपुर। आज देश के मजदूर एवं किसान की हालत आजादी के पहले जैसी दयनीय एवं चिंताजनक हो गई है। बड़ी कुर्बानी से मिली आजादी आज खतरे में है। यह बात इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष, कांग्रेस पार्टी के सीडब्ल्यूसी मेम्बर, पूर्व सांसद केन्द्रीय श्रम संगठनों के संयोजक तथा विश्व श्रम संगठन इंटरनेशनल कन्फडेशन ऑफ टे्रड यूनियन (आईसीएफटीयू) के उपाध्यक्ष डॉ. जी. संजीव रेड्डी ने कही। वे सोमवार को डबोक स्थित मालविया धर्मशाला में आयोजित राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) की 177वीं कार्यसमिति की बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
डॉ. रेड्डी ने कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के विजन के कारण देश में पंचवर्षीय योजना, ग्रीन क्रांति, श्वेत क्रांति एवं विकास की योजना के तहत बड़े-बड़े उद्योग एवं कल कारखानों की स्थापना की गई और लाखों लोगों को रोजगार दिया गया। आज वे ही उद्योग, रोजगार एवं आजादी खतरे में है। नेहरूजी जब यह सब काम कर रहे थे तो मोदी का कहीं कोई पता नहीं था। आज गांधीजी के बताये रास्ते पर चलते हुए कांग्रेस ने गरीब एवं किसान की सहायता की है तो इंटक मजदूरों की सेवा कर रही है।
उन्होंने कहा कि लाभ में चलने वाले बड़े धंधे जिसमें रेल्वे, एलआईसी, बीएचईएल, एयरपोर्ट, बीएसएनएल, बीपीसीआईएल जैसी सैकड़ों नामचीन कंपनियां जो मुनाफा कमाती है उसे मोदी सरकार बेचना चाहती है। इससे स्थाई रोजगार कम हो जायेंगे। ठेका प्रथा शुरू होगी। पूरे देश को अडाणी एवं अंबानी का गुलाम बनाने की सरकार द्वारा निरंतर साजिश की जा रही है। देश को निजीकरण की ओर ढकेला जा रहा है। इससे आय घटेगी, रोजगार कम होंगे और महंगाई बढ़ेगी। कारण कि अच्छा वेतन पाने वाले स्थायी कर्मचारियों को निकालकर पांच से दस हजार वाले वेतन पर अस्थाई श्रमिकों को रखा जायेगा।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कोई उद्योग नहीं चलाना चाहती। कोई रोजगार नहीं देना चाहती। फिर एससी-एसटी-ओबीसी को आरक्षण एवं नौकरी के कोई मायने नहीं है। सरकार तीन कृषि कानून लाई है। किसान चार माह से सडक़ पर बैठा है परंतु निकम्मी सरकार किसी की सुनने को तैयार नहीं है। लोकसभा के बहुतम का उपयोग करके मजदूर एवं किसान विरोधी कानून बनाये जा रहे हैं। आम व्यक्ति को हिन्दू-मुस्लिम एवं समाज को बांटने का पाठ पढ़ाया जा रहा है। जीडीपी घटकर 4 प्रतिशत से भी कम हो गई है। मोदी सरकार बैंकों का निजीकरण करने पर आमादा है। चुनाव पूर्व 15 लाख रूपया खाते में देने, दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का वादा किया वहीं पिछले एक साल में तीन करोड़ रोजगार कम हुए हैं।
डॉ. रेड्डी ने कहा कि विशाखापट्टनम के स्टील प्लांट को कोरियाई कंपनी को बेचने के विरोध में 40 हजार कर्मचारी सडक़ पर लड़ रहे हैं। पूरा विशाखापट्टनम बंद है। बैंक से लोन लेकर धंधा शुरू करने वाला अंबानी आज विश्व का चौथा सबसे अमीर आदमी है। सस्ते क्रूड ओइल के मुकाबले महंगा पेट्रोल एवं डीजल बेचा जा रहा है। रसोई गैस 835 रूपये हो गई है। इंटक के मजदूर मिलकर युवा, गरीब, किसान, मजदूर, बेरोजगार एवं वंचितों के लिए सरकार से लड़ेंगे एवं मजदूरों के लाभ कम नहीं होने देंगे, यह हमारा वादा है।
बैठ को राजस्थान इंटक के प्रदेशाध्यक्ष जगदीशराज श्रीमाली, यूथ इंटक के प्रदेशाध्यक्ष नारायण गुर्जर, महामंत्री नरोत्तम जोशी, कोषाध्यक्ष ख्यालीलाल मालवीय, इंटक के वरिष्ठ नेता सतीश व्यास, एस. एम. अय्यर तथा महिला इंटक की प्रदेशाध्यक्ष चंदा सुहालका ने भी संबोधित किया।

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