सीम्स अस्पताल मे एक आटो-चालक पिता के दो वर्षीय बच्चे का लिवर प्रत्यारोपण

यह उपचार प्राप्त करने पहला बच्चा बना

उदयपुर। विरासत से मिली लीवर की घातक बीमारी से पीडित दो वर्षीय हिरवा का कोविड जैसे कठिन समय मे अहमदाबाद के सीम्स अस्पताल मे लीवर प्रत्यारोपण किया गया है। उसकी जीवनदाता युवा माता ने ही बच्चे को अपना लीवर देकर जीवनदान दिया। लीवर प्रत्यारोपण चिकित्सा क्षेत्र मे ना केवल सीम्स ने भी अभूतपूर्व सफलता हासिल की है, बल्कि यह अनमोल चिकित्सा कारगार भी साबित हुई है ।
गौरतलब है कि सफल सर्जरी से पहले हिरवा के परिवार के समक्ष बहुत सारी कठिनाईया थी। उसके पिता एक आटो-चालक है और वे इलाज का खर्च भी नही उठा सकते थे। वे पहले भी इस बीमारी से एक भाई बहन खो चुके थे। इसके अलावा कोविड महामारी के संकट मे अंग प्रत्यारोपण के आसपास के खतरो को और बढा दिया था । सबसे प्रमुख बात यह थी कि एक छोटा सा बच्चा रोगी था । हालांकि सफल लिवर प्रत्यारोपण के संघर्ष मे दो साल के बच्चे हिरवा ने पूरा साथ दिया ।
उल्लेखनीय है कि इस लिवर प्रत्यारोपण की टीम का नेतृत्व डॉ. बीसी राय सम्मानित डॉ. आनंद खखर कर रहे थे। कोविड 19 की महामारी ने सीम्स अस्पताल को इसे और अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया था। सीम्स अस्पताल के चेयरमैन डॉ. केयूर परिख ने बताया कि पूरी ईमानदारी और कठिन समय मे मिले समर्थन से हमने अपनी पूरी ताकत बच्चे के सफल लिवर प्रत्यारोपण मे लगा दी। उन्होंने कहा कि इस सर्जरी के बाद हिरवा धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहा है। मै सीम्स फाउंडेशन, मिलाप और हिरवा की माता जिसने लिवर दान दिया और स्वैच्छिक रक्तदाताओ का आभार व्यक्त करता हूृँ हिरवा की सफल सर्जरी चिकित्सा क्षेत्र ने हमारे आशा और विश्वास को पुर्नस्थापित करती है।
ट्रांसप्लांट टीम के निदेशक डॉ. धीरेन शाह ने कहा कि हमे इसे संभव बनाने मे गुजरात सरकार से महत्वपूर्ण मदद मिली। हम जयंती रवि और डॉ. राघवेन्द्र दीक्षित के आभारी है, जिन्होने हमे इस कोविड जैसी परिस्थिति मे स्वीकृति प्रदान की ।
गौरतलब है कि सीम्स मे लिवर ट्रांसप्लांट कार्यक्रम केवल छह महीने पुराना है और अब हमारे पास लिवर प्रत्यारोपण की सफलता दर 100 प्रतिशत है। जिसमे अब तक कोई मृत्यू नही हुई है। अब तक पांच जीवनदाता लिवर प्रत्यारोपण सहित छह लिवर प्रत्यारोपण अब तक किए जा चुके है। ये सभी स्वस्थ है क्योकि इन सबके बिना लिवर प्रत्यारोपण क्षेत्र मे आसानी से लक्ष्य हासिल नही किया जा सकता था ।
अस्पताल की ट्रांसप्लांट टीम डॉ. गौरव पटेल, डॉ. अमित चितलिया, डॉ. हिमांशु शर्मा, डॉ. प्राची ब्रह्मभट्ट, श्री प्रफुल्ल अचार, और एनेस्थेटिस्ट डॉ. निरेन भवसार, डॉ. दीपक देसाई भी मौजूद थे। इसके अलावा आनन्द खखर जिन्होने लिवर प्रत्यारोपण मे अपनी अग्रणी भूमिका निभाई है ।
चिकित्सा क्षेत्र मे सीम्स अस्पताल ने ऊचाईयो को तो छुआ ही है साथ ही कई नए कीर्तिमान भी स्थापित किए है। जिसमे गुजरात मे एकमात्र हार्ट ट्रांसप्लांट कार्यक्रम भी शामिल है। कोविड-19 की महामारी के दौरान यह सबसे विश्वसनीय निजी अस्पताल के रुप मे उभरा है। सीम्स जेसीआई-सयुक्त आयोग इंटरनेशनल(यूएसए) एनएबीएच (नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स) और एनबीएल (नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरटीज) से मान्यता प्राप्त है और यह अंतर्राष्ट्रीय गुण्वत्ता वाली हेल्थकेयर से युक्त है। रोगियो को समुचित सुविधा और सुरक्षा प्रदान करने वाले यह सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा संस्था है ।

Related posts:

जिंजर उदयपुर ने खोले अपने द्वार
ग्रामीण इलाके में विश्व स्तरीय सुविधाओं वाला वेलनेस सेंटर साबित होगा मील का पत्थर : कटारिया
हिन्दुस्तान जिंक आईईआई इंडस्ट्री एक्सीलेंस अवार्ड 2019 से सम्मानित
 देश में खनन उद्योग के लिए मील का पत्थर साबित होगा विश्व का पहला ज़िंक पार्क- माननीय मुख्यमंत्री भजन...
एचडीएफसी बैंक के फेस्टिव ट्रीट्स के तीसरे एडीशन में 10,000 से ज्यादा ऑफर्स
देश के भविष्य को शिक्षा के अवसरों से दिशा दिखाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा हिन्दुस्तान जिंक
Invesco Mutual Fund unveils Invesco India Focused 20Equity Fund
भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय खनन को आधुनिक तकनीक प्रदान करने के उद्धेश्य से प्रदेश का पहला प्लांट भीलवाड...
हिन्दुस्तान जिंक को आईईआई उद्योग उत्कृष्टता पुरस्कार
श्रीमाली समाज के सामूहिक करवा चौथ उद्यापन की तैयारियां अंतिम चरण में
जिंक स्मेल्टर देबारी को मिला आईसीसी एन्वायरमेंट एक्सीलेंस अवार्ड : 2020
डीएस ग्रुप का प्रोजेक्ट ‘वाटर इकोनॉमिक जोन‘ सर्टिफिकेट आॅफ रेकग्निषन से पुरूस्कृत

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *