महाराणा उदयसिंह की 500वीं जयंती पर वर्चुअल व्याख्यान का शुभारंभ

उदयपुर। उदयपुर संस्थापक महाराणा उदयसिंह (द्वितीय) की 500वीं जयंती के पर वर्चुअल व्याख्यान माला का शुभारंभ करते हुए, महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के ट्रस्टी लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने महाराणा उदयसिंहजी के जीवन मूल्यों और मेवाड़ में उनके अभूतपूर्व योगदान पर अपने विचार रखे।
मेवाड़ ने बताया कि महाराणा उदयसिंहजी ने जल एवं पर्यावरण को संरक्षण देते हुए कई कार्य किये, जिसमें उन्होंने उस दौर में जल ही जीवन है के महत्व को समझते हुए ’उदय सागर’ झील का निर्माण करवाया, जो वर्तमान समय में भी बहुपयोगी झील है। महाराणा उदयसिंहजी को याद करते हुए मेवाड़ ने अपने पूर्वजों के बलिदान, उदयपुर की स्थापना आदि पर विचार प्रस्तुत किये साथ ही उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में भी हम सभी को महाराणा उदयसिंहजी के आदर्श जीवन मूल्यों को पहचानना चाहिए और उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
इतिहासकार नारायणलाल शर्मा ने बताया कि कई इतिहासकारों ने महाराणा उदयसिंहजी को इतिहास में वो स्थान नहीं दिया जो उन्हें वास्तव में मिलना चाहिए था। उन्होंने बताया यदि महाराणा की ऐसी अद्वितीय सोच नहीं रही होती तो क्या आज मेवाड़ सुरक्षित रह पाता! क्या आज उदयपुर विश्व में अपनी पहचान बता पाता! जैसे कई ज्वलंत प्रश्न किये। इसी कारण शर्मा ने उदयपुर संस्थापक महाराणा उदयसिंहजी पर शोधपूर्ण कार्य करते हुए इतिहास लेखन किया।
प्रातःकालीन सत्र में सिटी पेलेस के जनाना महल स्थित लक्ष्मी चौक में उदयपुर के स्वराज जैल बैंड द्वारा मनमोहक स्वरलहरियां प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन की ओर से महाराणा उदयसिंह की पूजा-अर्चना करवाई गई। इसके पश्चात् जैल बैंड द्वारा गणेश वंदना से विधिवत् कार्यक्रम आरम्भ किया, जिसमें परमेश्वर व्यास ने ‘महाराज गजानंद आओ नी, मारी सभा में रस बरसाओ नी’ और मेवाड़नाथ प्रभु एकलिंगनाथजी को समर्पित करते हुए ‘राम जपे शिव राम जपे’ जैसे गीत प्रस्तुत किये।
गायक जनरेल सिंह ने 100 वर्ष पूराने गीत ‘कानियो मानियो कूर‘ को प्रस्तुत किया। जनरेल ने देशभक्ति आदि गीतों के साथ ‘दम मस्त कलंदर मस्त मस्त’ और ’तेरी मिट्टी में मिल जावा’ जैसे गीतों को प्रस्तुत कर श्रोतागणों व पर्यटकों को झुमने पर मज़बूर कर दिया।
मेवाड़ी गीतों की प्रस्तुति देते हुए कलाकारों ने ‘म्हारो वीर शिरोमणि देस, म्हाने प्यारों लागे सा’, ’वो महाराणा प्रताप कठै’ जैसे गीतों की मनभावन प्रस्तुतियों से खुब तालियां बटोरी। उदयपुर के स्वराज जैल युनिवर्सिटी बैंड में गिटार पर रवि दुधानी, ढ़ोलक पर संजय पटेल, काउन पर पप्पु, की-बोर्ड पर चैन सुख के साथ प्रगट सिंह, सुनील देवड़ा, सोहन आदि सहगायक की भूमिका में गीत प्रस्तुत किये। अंत में महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्रसिंह आउवा ने जैल बैंड के सभी सदस्यों को बधाई देते हुए महाराणा मेवाड़ हिस्टोरिकल पब्लिकेशन्स ट्रस्ट, उदयपुर के प्रकाशनों से चुनिंदा पुस्तकें सभी को भेंट की गई तथा आउवा ने सभी को कोरोना महामारी के नियमों की पालना करने पर सभी उपस्थितों का आभार व्यक्त किया।

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