पानेरियों की मादड़ी में श्रीमद् भागवत का पांचवां दिन
उदयपुर। पानेरियों की मादड़ी स्थित घूमर गार्डन में पुरुषोत्तम मास के उपलक्ष में चल रही भागवत कथा के पांचवे दिन कृष्ण जन्मोत्सव एवं उनकी बाल लीलाओं का श्रोताओं ने खूब आनंद लिया। श्यामलाल मेनारिया अखिलेश मेनारिया और उज्ज्वल मेनारिया ने बताया कि व्यासपीठ पर विराजे कथावाचक संजय शास्त्री ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, उनके नामकरण और उनकी बाल लीलाओं के छोटे-छोटे प्रसंगों का सारगर्भित वर्णन किया तो श्रोता भाव विभोर हो गए। यही नहीं कई महिला पुरुष श्रोता तो उनकी भावनाओं को सुनकर कृष्ण भक्ति में ऐसे डूबे कि सभी झूमने लगे और कईयों की आंखों से अश्रु धारा तक बहने लगी। शास्त्रीजी के मुख से ज्योंही लल्ला, कन्हैया और मैया मैया जैसे शब्द निकले सभी भाव विभोर हो गये। ऐसा लगा मानो वह कथा पंडाल में नहीं बल्कि गोकुल और मथुरा में है और उनके सामने ही कन्हैया अपनी लीलाएं कर रहे हैं।
कथावाचक संजय शास्त्री ने कृष्ण जन्म एवं उनकी बाल लीला के छोटे-छोटे प्रसंगों को बताते हुए कहा कि जैसे ही कृष्ण का जन्म हुआ, देवकी और वासुदेव की कोठरी के पहरेदार गहरी नींद में चले गए और ताले खुल गए। कृष्ण को टोकरी में रखकर वासुदेव गोकुल के लिए निकल पड़े। जब वे यमुना नदी के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ आ गई है। अपनी जान की परवाह किए बिना, वासुदेव ने नदी के उस पार चलना शुरू कर दिया। उनके हर कदम से पानी कम होता गया और भगवान विष्णु के नाग ने शिशु कृष्ण को बारिश से बचाया। जब कृष्ण नंद के घर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि नंद की पत्नी यशोदा ने एक बच्ची को जन्म दिया है। धीरे से उन्होंने बच्ची को उठाया और कृष्ण को वहां रख दिया। फिर वे बच्ची के साथ लौट आया।
शास्त्रीजी ने माखन चुराने के प्रसंग को सुनाते हुए कहा कि कृष्ण को मक्खन खाना बहुत पसंद था। जैसे-जैसे वे बड़े हुए, अपने ही घर और पड़ोसियों का मक्खन चुराना शुरू कर दिया। यशोदा ने मक्खन लटका दिया ताकि कृष्ण उस तक न पहुँच सकें। कृष्ण और उनके मित्र आसानी से हार मानने वाले नहीं थे। उन्होंने इसका समाधान निकाला। दूसरी बार जब वह मक्खन चुराने गए, तो कृष्ण ने अपने दोस्तों के साथ एक मानव पिरामिड बनाया। वे ऊपर चढ़ गए और मक्खन के कलश को तोड़ दिया। उन्होंने सिर्फ मक्खन की ही चोरी नहीं की। एक बार गोपियों को एक अद्भुत सीख देने के लिए वस्त्र भी चुराए थे।
इसी तरह कृष्ण की बाल लीलाओं के तहत शास्त्रीजी ने कहा कि कृष्ण के बाल सखाओं ने माता यशोदा से शिकायत की कि आपका लल्ला मिट्टी खाता है। जब कृष्ण घर आये तो माता यशोदा ने उनको इसके बारे में पूछा लेकिन कृष्ण ने साफ मना कर दिया। जब माता यशोदा ने कहा कि अगर तुमने मिट्टी नहीं खाई है तो तुम्हारा मुंह खोलकर दिखाओ। जब कृष्ण ने अपना मुंह खोला तो माता यशोदा को कृष्ण के मुंह में सारे ब्रह्मांड के दर्शन हो गए। यह देखकर माता यशोदा भी चकित हो गई। इस तरह के कृष्ण की बाल लीलाओं के छोटे-छोटे प्रसंग सुनकर श्रोता आनंद में लीन हो गए।
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, नामकरण और बाल लीलाओं से श्रोता हुए भावविभोर
Hindustan Zinc’s Integrated Annual Report ranks among top 3 Indian Integrated Reports at LACP Spotli...
मां बगुलामुखी महायज्ञ शाला की हो रही परिक्रमा, ज्वार को सींच रहे श्रद्धालु
डॉ. लक्ष्यराजसिंह ने केदारेश्वर महादेव की विशेष पूजा-अर्चना की
Flipkart introduces an all-new competitive and simplified rate card policy to enhance the seller exp...
विक्रमादित्य रैकेटलॉन विश्व चैंपियनशिप में करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व
Hdfc Bank net profit up 30 percent in first quarter
वेदांता के चैयरमेन अनिल अग्रवाल ने कोविड -19 से प्रभावित कमजोर समुदायों की आजीविका की रक्षा के लिए 1...
आर्ची आर्केड में नव्य मंगल
भ्रष्टाचार किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा : मुख्यमंत्री भजनलाल
कोटक सिक्योरिटीज ने लॉन्च किया ट्रेड फ्री प्रो प्लान
स्वावलंबन की सखी महिलाओं के बढ़ते कदम, बैंक द्वारा 1 करोड की ऋण सुविधा
Prabha Khaitan Foundation Hosts The Write Circle Session with Renowned Author Lakshmi Puri at Radiss...