प्रशांत अग्रवाल ‘सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति’ राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित

उदयपुर। विश्व दिव्यांगता दिवस पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा विज्ञान-भवन, नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया। दिव्यांगजन सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति’ श्रेणी में यह अवार्ड अग्रवाल को दिया गया। समारोह की अध्यक्षता केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने की। इस दौरान केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले, प्रतिमा भौमिक और ए. नारायणस्वामी की गरिमामयी उपस्थित रही।
दिव्यांगों के कल्याणार्थ निस्वार्थ भाव से बेमिसाल सेवाओं के लिए अग्रवाल का चयन किया गया। प्रशांत अग्रवाल दिव्यांगों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए आवासीय विद्यालय, व्यवसायिक पुनर्वास केंद्र व सहायक उपकरणों के वितरण के लिए अग्रणी रहे है। राष्ट्रपति ने पुरस्कार और प्रमाण पत्र भेंटकर सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने सर्वश्रेष्ठ पुनर्वास पेशेवर के लिए डॉ. आप्टे सुभाष, दिव्यांगों के लिए सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता का पुरस्कार अमेजन इंडिया और सुगम्य भारत अभियान के कार्यान्वयन के लिए सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग सशक्तिकरण निदेशालय मध्यप्रदेश सहित विभिन्न श्रेणियों में 30 से अधिक पुरस्कार दिये ।
प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि यह सम्मान उन दिव्यांग भाई-बहिनों का है जिनके जीवन में खुशी आई और संस्थान से लाभान्वित हुए। संस्थान संस्थापक चेयरमैन कैलाश मानव ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह पुरस्कार हमें ओर कर्तव्यनिष्ठा और नम्रतापूर्वक सेवा करने की प्रेरणा देता रहेगा।
उल्लेखनीय है कि नारायण सेवा संस्थान उदयपुर (राज.) दिव्यांगता और मानवता के क्षेत्र में सन 1985 से सेवारत है। संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल का जन्म 21 सितंबर 1973 को उदयपुर में हुआ। उन्होंने स्नातक तक शिक्षा ग्रहण की। बाल्यकाल से ही अपने पिता का सान्निध्य पाकर उनके पद चिन्हों पर चलने की ठानी। किसी प्यासे को पानी, भूखे को भोजन और बीमार को दवा देने के लिए तत्पर रहते हैं। अग्रवाल के नेतृत्व में 4 लाख 45 हजार से ज्यादा दिव्यांगों की सफल सर्जरी हुई है। करीब 40 हजार ऐसे दिव्यांग जो दुर्घटना में हाथ-पैर खो चुके है उन्हें कृत्रिम अंग लगाए हैं। दिव्यांग बंधु-बहिनों का पूर्ण पुनर्वास देने के लिए कंप्यूटर, मोबाइल, सिलाई प्रशिक्षण देते हैं। करीब 10 हजार की जिंदगी बदली है। 2300 से ज्यादा जोड़ों का सामूहिक विवाह कर उनकी गृहस्थी बसाई गई है। अग्रवाल की प्रेरणा और प्रयासों से दिव्यांग खेल अकादमी की स्थापना हुई और 5 बार राष्ट्रीय स्तर की स्वीमिंग, ब्लाइंड क्रिकेट, व्हीलचेयर क्रिकेट और शारीरिक दिव्यांग क्रिकेट चैंपियनशिप का आयोजन हुआ है जिसका गिनिज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड भी बना है। दिव्यांग जन सशक्तिकरण के लिए सतत चिंतन देश और समाज के लिए मानक और प्रेरणादायी बनता जा रहा है। वर्ष 2017 में राजस्थान सरकार ने भी अग्रवाल को सर्वश्रेष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता का पुरस्कार से नवाजा है।

Related posts:

खत्म हुआ इंतजार, नेहरू गार्डन के नए रूप का हुआ दीदार

हिंदुस्तान जिंक की दो खदाने देश की पहली ग्रीनको प्रमाणित खदान

वीआईएफ़टी में कवि सम्मेलन आयोजित

जीवन रतन मार्डन स्कूल ने मनाया वार्षिकोत्सव

साई तिरूपति विश्वविद्यालय में युवामंथन कार्यक्रम 

कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में सहयोग करते हुए हिंदुस्तान यूनिलीवर ने यूनिसेफ के साथ साझेदारी की

Hindustan Zinc’s Board approves India’s first Zinc Tailings Reprocessing Plant, driving sustainable ...

नारायण सेवा ने घर बैठे दिव्यांगों को वेबिनार से जोड़ दी परामर्श

KTM organises a spectacular Stunt show in Chittorgarh

हिन्दुस्तान जिंक को तीसरी तिमाही में 1,620 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ, तिमाही के दौरान धातु एवं चांदी क...

हिन्दुस्तान जिंक प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों को बोनस एवं एक्सग्रेसीया की घोषणा

रित्विक रॉय की उम्दा पारी की बदौलत जीता दिल्ली चैलेंजर्स