उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में निरंतर चल रहे योग अभ्यास शिविर के 1000 दिन पूरे हो चुके हैं। इस शिविर का शुभारंभ 19 अक्टूबर 2021 को तत्कालीन कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह की प्रेरणा से क्रीड़ा मंडल अध्यक्ष प्रो. शूरवीरसिंह भाणावत की अध्यक्षता तथा सुविवि योग केंद्र समन्वयक डॉ. दीपेंद्र सिंह चौहान के निर्देशन में स्वामी विवेकानंद ऑडिटोरियम परिसर में किया गया था।
विप्र संस्थान के राष्ट्रीय महासचिव के.के. शर्मा के नेतृत्व में प्रतिभागी योग अभ्यार्थियों का योग के प्रति उत्साह और अनुराग इतना अधिक था कि इस योग अभ्यास को लगातार बिना किसी अवकाश के निरंतर रूप से चलाएं रखने का अनुरोध किया। पूर्व कुलपति प्रो. इंद्रवर्धन त्रिवेदी तथा वर्तमान कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा के संरक्षण से ऐसा संयोग हुआ कि आज दिन तक इस नि:शुल्क योग अभ्यास शिविर को बिना किसी अवकाश के अनवरत चलते हुए 1000 दिन पूर्ण हो चुके हैं।
विगत 143 सप्ताह (प्रथम सप्ताह पुष्पदीप प्रजापत तथा 143 वें सप्ताह में झील मेवाड़ा) तक इस शिविर में योग केंद्र के अतिथि संकाय सदस्यों, वर्तमान एवं पूर्व विद्यार्थियों के साथ-साथ उदयपुर शहर के प्रतिष्ठित योग प्रशिक्षक और इस शिविर से तैयार हुए प्रशिक्षक भंवरलाल चौधरी, गोपाल प्रजापत, के. के. शर्मा, श्रीमती अंजू जैन, तथा योगेंद्र शर्मा समेत 101 योग शिक्षक (जिनकी आयु 72 से लेकर 19 वर्ष के मध्य है) अपनी सेवाएं प्रदान कर चुके हैं। उल्लेखनीय है कि इस योग अभ्यास शिविर में विदेशी पर्यटक भी आकर योग अभ्यास कर चुके हैं, तथा यहां अभ्यास करने वाले योगाभ्यासियों की ऊर्जा और उत्साह के संदर्भ में अपने सकारात्मक वक्तव्य भी स्थानीय समाचार पत्रों में दे चुके हैं।
उक्त शिविर में डॉ. मीना जैन 11 सप्ताह, भंवरलाल चौधरी 6 सप्ताह, श्रीमती प्रज्ञा सांखला 4 सप्ताह, डॉ. शुभा सुराणा 4 सप्ताह, शशांक सनाढ्य 3 सप्ताह, चंद्रप्रकाश पोरवाल 3 सप्ताह, पुष्पदीप प्रजापत 3 सप्ताह, श्रीमती संतोष राजपूत 3 सप्ताह, श्रीमती जाह्नवी परिहार 3 सप्ताह, श्रीमती चेतना मोदी 3 सप्ताह, प्रशिक्षण दे चुके है। उल्लेखनीय की इन प्रशिक्षकों में से चार प्रशिक्षक डॉ. समीक्षा नलवाया डॉ. शुभा सुराणा, डॉ.मीना जैन, डॉ. जसवंत मेनारिया, नि:शुल्क योग शिविरों के माध्यम से लंबे समय तक आम जनों को प्रशिक्षण देने के संदर्भ में गणतंत्र दिवस एवं स्वाधीनता दिवस पर जिला प्रशासन द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में सम्मानित हो चुके हैं।
योग केंद्र से प्रशिक्षित प्रशिक्षक मिथुन गमेती (पश्चिमोत्तासन), शिवराज आचार्य (कर्ण पीड़ासन), शुभम पूर्बिया (वज्रासन) तथा अजय सिंह (सूर्य नमस्कार) में विभिन्न संस्थाओं (रिकॉर्ड बुक) के माध्यम से योगासन वल्र्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं।
उक्त शिविर के माध्यम से हजारों लोग योग को अपनी दैनिक जीवनचर्या का भाग बनाकर शारीरिक मानसिक एवं भावनात्मक क्षमताओं का पूर्ण रूपेण लाभ ले रहे है, वहीं योग का अभ्यास करवाने वाले सैकड़ों प्रशिक्षक उक्त लाभों के साथ-साथ इसे अपनी जीविकापार्जन के साधन के रूप उपयोग में ला रहे है। क्रीड़ा मंडल अध्यक्ष प्रो. नीरज शर्मा ने योग को आज के युग की नितांत आवश्यकता बताते हुए कहा कि यह लोक व परलोक को सुधारने वाला पुरूषार्थ है, जिसका फल उत्तम स्वास्थ्य और शान्त चित्त है। योगाचार्य डॉ. जसवंत मेनारिया, डॉ. शुभा सुराणा, पुष्पदीप प्रजापत, चंद्रप्रकाश पोरवाल, राकेश सुथार, खुशी लोहार, काजल वैष्णव तथा गोपालदेव डांगी उपस्थित रहे।