राज्य सरकार करेगी अग्रणी कृषकों का सम्मान

उदयपुर में अग्रणी कृषकों से 30 सितंबर तक आवेदन मांगे  
उदयपुर। भूमिपुत्रों को सम्मानित कर प्रोत्साहित करने की मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की मंशाओं को पूरा करने की दृष्टि से राज्य सरकार द्वारा कृषि, उद्यानिकी और पशुपालन क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले अग्रणी कृषकों को सम्मानित किया जाएगा। उदयपुर जिले में कृषोन्नति योजना के कृषि विस्तार पर उप मिशन आत्मा योजना अन्तर्गत वर्ष 2024-25 में राज्य, जिला तथा पंचायत समिति स्तर पर पांच विभिन्न कृषि उद्यमों के श्रेष्ठ कृषकों को पुरस्कृत करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इस योजना में पुरस्कृत किये जाने हेतु कृषक के मनोनयन प्रस्ताव 30 सितंबर तक आमंत्रित किये गये है। यह आमन्त्रण प्रस्ताव प्रतापनगर स्थित उप निदेशक कृषि एवं पदेन परियोजना निदेशक (आत्मा) में भिजवाने होंगे।
उप निदेशक डॉ. राजेश्वरी राणावत ने बताया कि इन पुरस्कारों हेतु प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर पांच कृषकों का चयन प्रत्येक गतिविधिवार यथा कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन डेयरी व मत्स्य पालन, जैविक खेती, नवाचारी खेती, कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन आदि गतिविधियों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कृषकों में से एक-एक कृषक का चयन किया जाएगा। पंचायत समिति स्तर पर चयनित कृषकों में से 10 सर्वश्रेष्ठ कृषकों को जिला स्तर पर चयनित किया जायेगा तथा प्रत्येक के समस्त जिलों से चयनित कृषकों में से राज्य स्तर पर 10 सर्वश्रेष्ठ कृषकों का चयन होगा। पुरस्कार के तहत प्रत्येक गतिविधिवार पंचायत समिति स्तर पर राशि 10 हजार रुपये, जिला स्तर पर 25 हजार रुपये एवं राज्य स्तर पर 50 हजार रुपये देने का प्रावधान है।
कृषक चयन के लिए निर्धारित प्रावधान :
उप निदेशक ने बताया कि मनोनयन प्रस्ताव आमंत्रण के लिये कृषक चयन के लिए प्रावधान रखे गये है। इसके तहत पंचायत समिति एवं जिला स्तर पर सम्मानित किये जाने वाले कृषकों का चयन आत्मा योजना में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित शाषी परिषद द्वारा किया जायेगा। आत्मा योजना के तहत विगत में पुरस्कृत कृषकों का चयन दोबारा नहीं होगा। कृषकों को एक बार ही इस योजना के अंतर्गत सम्मानित किये जाने का प्रावधान है, जिन कृषकों को पूर्व में आत्मा योजना अन्तर्गत किसी भी स्तर पर चयनित किया जा चुका है, वह कृषक पुनः आवेदन के पात्र नहीं होंगे। इस योजना के तहत कृषक स्वयं या निर्वाचित जनप्रतिनिधि या कोई अन्य व्यक्ति/संस्था योग्य कृषक के प्रस्ताव उसके द्वारा कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में किये गये उत्कृष्ट कार्यां का विवरण मय 5-7 फोटोग्राफ्स सहित प्रस्तुत करते हुए नाम प्रस्तावित कर सकते है।
इन कृषकों को मिलेगी वरीयता :
वह कृषक जो कृषि विभाग द्वारा निर्धारित 21 मूल मंत्र की पालना, समग्र कृषि गतिविधियों यथा प्रमाणित बीज प्रयोग, बीज उपचार, फार्म मशीनरी, कृषि विभाग की पेकेज ऑफ प्रेक्टिसेज अपनाते हुए खेती करना एवं हाईटेक कृषि करते हुए गुणवत्तायुक्त उत्पादन लेते हो, उन्हीं कृषकों को चयन में वरीयता दी जायेगी। उद्यानिकी हाईटेक उद्यानिकी/माइक्रो इरिगेशन द्वारा सिंचाई, वृक्षों की आपसी दूरी तथा कटाई पश्चात प्रबंधन करने, सब्जियों की खेती करने वाले, फल बगीचा स्थापना मय ड्रिप व फसलोत्तर प्रबंधन करने वाले कृषकों को वरीयता दी जायेगी। पशुपालन डेयरी व मत्स्य पशुपालन में उन्नत नस्ल के पशु, अच्छा पशु स्वास्थ्य, नियमित टीकाकरण, पशुओं को संतुलित आहार, कृत्रिम गर्भाधान, दुग्ध उत्पादन आदि व मत्स्य पालन के अन्तर्गत मछली पालन का उत्कृष्ट कार्य करने वाले को जिसमें अच्छी किस्म का मछली बीज काम में लिया गया हो ऐसे कृषकों को वरीयता दी जायेगी।
जैविक खेती में कम्पोस्ट निर्माण, जीवामृत, वर्मीवॉश, जैविक उत्पाद का निर्माण व विपणन आदि जैविक खेती के उत्कृष्ट कार्य करने वाले कृषकों को वरीयता दी जायेगी। नवाचारी खेती व प्रसंस्करण मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, अजोला की खेती आदि अनेक नवाचारी गतिविधियां जो कृषि के क्षेत्र में नया हो तथा जो कृषक कृषि आधारित उत्पादों के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन का कार्य कर रहे है उन्हीं कृषकों को चयन में वरीयता दी जायेगी। आवेदक इस संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए अपने निकटतम कृषि कार्यालय या संबंधित कृषि पर्यवेक्षक व कृषि अधिकारी से सम्पर्क कर सकते है।

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