उदयपुर : भारत के निजी क्षेत्र के अग्रणी बैंक एचडीएफसी बैंक ने 11,000 से अधिक छात्रों और शिक्षकों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रथाओं के बारे में जागरूक करने के लिए 150 से अधिक कार्यशालाएँ आयोजित कीं । बैंक ने ये विशेष सुरक्षित बैंकिंग कार्यशालाएँ शिक्षक दिवस के अवसर पर 4 सितंबर से 10 सितंबर के बीच आयोजित कीं।
बैंक ने पूरे भारत में स्कूल/कॉलेज/शैक्षणिक संस्थानों तक अपनी पहुँच बनाई और छात्रों, शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए सुरक्षित बैंकिंग सत्र आयोजित किए। इन इंटरैक्टिव सत्रों के माध्यम से, प्रतिभागियों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रथाओं पर बहुमूल्य जानकारी से लाभान्वित हुए, ताकि वे साइबर धोखाधड़ी का शिकार न हों।
कार्यशालाओं में वास्तविक जीवंत के उदाहरण, कहानियाँ और वीडियो शामिल थे, जिनसे प्रतिभागियों को धोखेबाजों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली विभिन्न कार्यप्रणाली को समझने में मदद मिली। एचडीएफसी बैंक पिछले चार वर्षों से देश भर में विभिन्न स्थानों पर सुरक्षित बैंकिंग पहल के तहत साइबर धोखाधड़ी जागरूकता कार्यशालाएँ आयोजित कर रहा है। इन कार्यशालाओ में डिजिटल सुरक्षा की बेहतर सुझबुझ के लिए सम्बंधित विषयो को शामिल किया गया , जिसमे साइबर फ्रॉड अवेयरनेस, सिक्युर नेट बैंकिंग एंड शॉपिंग टिप्स, प्रवेंटिव मेजर्स एवं रिपोर्ट सस्पेक्टेड स्कैम्स शामिल है।
एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष (क्रेडिट इंटेलिजेंस एंड कंट्रोल) मनीष अग्रवाल ने कहा कि आज के डिजिटल युग में यह जरूरी है कि हम युवाओं और शिक्षकों को ऑनलाइन दुनिया के सुरक्षित तरीके से मार्गदर्शन करने के लिए ज्ञान से लैस करें। जागरूकता की कमी के कारण लोग साइबर धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं। इसलिए, जागरूकता पैदा करना आवश्यक है ताकि वे गोपनीय बैंकिंग डेटा साझा न करें या असत्यापित लिंक पर क्लिक न करें। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य प्रतिभागियों को धोखेबाजों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली विभिन्न कार्यप्रणाली और सुरक्षित बैंकिंग प्रथाओं के बारे में शिक्षित करना था, जिसका पालन करना बहुत जरुरी है, ताकि वे अपने परिवार और दोस्तों को और अधिक शिक्षित कर सकें और वे इस तरह की ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार न बनें।
बैंक ग्राहकों को डिजिटल रूप से लेन-देन करते समय सतर्क रहने और सुरक्षित बैंकिंग आदतें अपनाने और अपनी गोपनीय बैंकिंग जानकारी किसी के साथ साझा करने से बचने के लिए प्रोत्साहित करता है। यदि ग्राहक ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, तो उन्हें तुरंत बैंक को अनाधिकृत लेनदेन की सूचना देनी चाहिए और भविष्य में होने वाले नुकसान से बचने के लिए भुगतान मोड को ब्लॉक कर देना चाहिए। ग्राहकों को गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा शुरू की गई 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके भी शिकायत दर्ज करनी चाहिए और राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करनी चाहिए।