माइनिंग ऑपरेशन्स में सरफेस पर महिलाओं को नाईट शिफ्ट में शामिल कर हिन्दुस्तान जिंक ने रचा इतिहास

हिन्दुस्तान जिंक ने 25 प्रतिशत जेण्डर डाइवर्सिटी अनुपात हासिल किया, जो मेटल, माइनिंग और हेवी इंजीनियरिंग उद्योगों में सबसे अधिक
कंपनी ने स्मेल्टर्स में नाईट शिफ्ट और बैक शिफ्ट में महिला कर्मचारियों को किया शामिल

उदयपुर। भारत की एकमात्र और विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने अण्डरग्राउण्ड माइंस के सरफेस पर मिल में महिलाओं को नाईट शिफ्ट में शामिल कर ऐतिहासिक कदम उठाया है। महिलाएं अब कंपनी की रामपुरा आगुचा माइंस में नाईट शिफ्ट में भी कार्य करेंगी, जो भीलवाड़ा में विश्व की सबसे बड़ी अण्डर ग्राउण्ड माइंस है। इस प्रगतिशील कदम से मिल और माइंस दोनों नियंत्रण कक्षों में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पूरी रात की शिफ्ट में कार्य करने वाली महिला टीम दिखाई देगी, जबकि उत्तराखंड में कंपनी के पंतनगर मेटल प्लांट और चित्तौड़गढ़ में चंदेरिया स्मेल्टिंग कॉम्प्लेक्स में महिलाएं सफलतापूर्वक नाईट शिफ्ट में कार्य कर रही है। साथ ही, अजमेर में कंपनी की कायड़ खदान में खनन कार्यों के लिए नियंत्रण कक्ष में नाईट शिफ्ट में महिलाएं सफलतापूर्वक कार्यरत है। इससे पहले, नियामक मानदंडों के अनुसार महिलाओं को केवल दिन की शिफ्ट में काम करने की अनुमति थी। यह विकास महिलाओं को उनके पुरुष समकक्षों के समान कैरियर के अवसरों तक पहुँचने की अनुमति देता है।


यह ऐतिहासिक कदम हिन्दुस्तान जिंक की मेटल, माइन और हेवी इंजीनियरिंग के पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्रों को बदलने की दिशा में एक और मील का पत्थर है। कंपनी ने इससे पूर्व भारत की पहली महिला अण्डर ग्राउण्ड माइन मैनेजर की नियुक्ति और देश की पहली महिला अण्डरग्राउण्ड माइन रेस्क्यू टीम की स्थापना कर उद्योग-प्रथम पहल का नेतृत्व किया है। दरीबा स्मेल्टिंग कॉम्प्लेक्स, जावर माइंस और सिंदेसर खुर्द माइन सहित प्रमुख स्थानों पर महिलाएँ सक्रिय रूप से बैक शिफ्ट में योगदान दे रही हैं, जहाँ परिचालन शिफ्ट रात 10 बजे तक चलती है। अपने निरंतर प्रयासों को दर्शाते हुए, हिंदुस्तान जिंक ने 25 प्रतिशत से अधिक का जेण्डर डाइवर्सिटी अनुपात हासिल किया है जो भारत के मेटल, माइन और हेवी इंजीनियरिंग क्षेत्रों में सबसे अधिक है।
हिन्दुस्तान जिंक की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने कहा कि यह हिन्दुस्तान जिंक और देश के लिये गर्व का क्षण है। हमारी अण्डर ग्राउण्ड माइंस में महिलाओं को नाइट शिफ्ट में शामिल कर, हम न केवल बाधाओं को तोड़ रहे हैं, बल्कि बुनियादी स्तर पर समावेश के लिए नए उदाहरण स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारी धारणा को दर्शाता है कि सच्ची प्रगति हर व्यक्ति को पूरी तरह से भाग लेने, निडरता से नेतृत्व करने और समान रूप से आगे बढ़ने के लिए सशक्त बनाने में निहित है। हम वास्तव में एक ऐसा कार्यस्थल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जहाँ विविधता नवाचार और विकास को बढ़ावा देती है।
हिन्दुस्तान जिंक ने खान सुरक्षा महानिदेशालय के दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया है, जिससे महिलाएं भूमिगत परिचालन सहित खदान परिसर में चैबीसों घंटे कार्य कर सकती हैं। हिन्दुस्तान जिंक में कार्यरत महिलाओं को मजबूत प्रोटोकॉल और कर्मचारी-केंद्रित नीतियों का सहयोग दिया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि महिलाएं अपने करियर के हर चरण में सशक्त हों। प्रगतिशील कार्यस्थल नीतियां, जैसे जीवनसाथी को काम पर रखने की नीति, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अवकाश, बच्चे की देखभाल के लिए वर्ष भर का अवकाश, लचीले-काम के घंटे, महिलाओं के लिए मासिक बिना-सवाल वाली छुट्टियां अवसरों को और बढ़ाती हैं, यह सुनिश्चित करती हैं कि जेण्डर कभी भी करियर की उन्नति में बाधा न बने। उल्लेखनीय है कि कंपनी अपने कर्मचारियों को उच्च-विकास व्यवसायों में समृद्ध नौकरी अवसर प्रदान करने की क्षमता रखती है। कर्मचारी वैश्विक समूह की स्थिरता और स्टार्ट-अप के कार्यो का अनुभव के साथ कार्य करते है।
इस उपलब्धि पर अपने विचार साझा करते हुए, रामपुरा आगुचा में मिल संचालन की ग्रेजुएट ट्रेनी यशिका रामनानी ने कहा कि मुझे नाईट शिफ्ट में कार्य करने वाली पहली महिलाओं में से एक होने पर गर्व है। हिन्दुस्तान जिंक की समावेशी संस्कृति, मजबूत मार्गदर्शन और अवसरों ने मुझे सीमाओं को आगे बढ़ाने और उन तरीकों से उत्कृष्टता हासिल करने का आत्मविश्वास दिया है, जिनकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। साथ ही रामपुरा आगुचा में मिल संचालन की एसोसिएट मैनेजर, सुभास्मिता परिदा ने कहा कि, हिन्दुस्तान जिंक में दिए गए अवसरों ने मुझे विकसित होने और अपने ज्ञान के आधार का विस्तार करने में मदद की है। इस टीम का हिस्सा बनने वाली पहली महिलाओं में से एक होने से मुझे बहुमूल्य कौशल हासिल करने में मदद मिलेगी, जिससे मैं अधिक स्वतंत्र और आत्मविश्वासी बनूंगी। यह पहल मेरे प्रोफेशनल और व्यक्तिगत विकास में सहायता करेगी।
इंडस्ट्री 4.0, डिजिटलाइजेशन, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का लाभ उठाते हुए, हिन्दुस्तान जिंक परिचालन में क्रांति ला रहा है, मैनुअल हस्तक्षेप को खत्म कर रहा है और इस क्षेत्र की पुरानी धारणाओं को खत्म कर रहा है कि यह शारीरिक रूप से कठिन है। कंपनी की डिजिटल खदानें, जिसमें टेली-रिमोट अंडरग्राउंड माइनिंग (जहां भूमिगत खनन उपकरण सतह से दूर से संचालित होते हैं) और रियल-टाइम एनालिटिक्स शामिल हैं, सभी के लिए रोमांचक और समावेशी करियर मार्ग प्रदान करते हैं। इसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 24 में कैंपस भर्ती अभियान के माध्यम से 33 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हिन्दुस्तान जिंक में शामिल हुईं, जिससे कंपनी मेटल्स के क्षेत्र में महिलाओं की पहली पसंद बन गई। वेदांता समूह की कंपनी हिन्दुस्तान जिंक विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत जस्ता उत्पादक और तीसरी सबसे बड़ी चांदी उत्पादक है। कंपनी भारत में प्राथमिक जिंक बाजार में लगभग 75 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है। हिन्दुस्तान जिंक एक प्रमाणित 2.41 गुना वाटर-पॉजिटिव कंपनी भी है। धातु और खनन उद्योग में अग्रणी कंपनी के रूप में, हिन्दुस्तान जिं़क एक सस्टेनेबल भविष्य के लिए ग्लोबल एनर्जी ट्राजिंशन के लिए आवश्यक मेटल्स प्रदान करने में महत्वपूर्ण है।

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