जंग से बचाव से लेकर सरंक्षण तक – विश्व विरासत दिवस पर हिन्दुस्तान जिंक का मिशन

जिंक गैल्वनाइजेशन ने भारत के लोटस टेंपल, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, प्रधानमंत्री संग्रहालय, नौसेना भवन, यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर, कतर के लुसैल स्टेडियम और दुबई के बुर्ज खलीफा और ब्लूवाटर आइलैंड जैसे प्रतिष्ठित स्थलों की संरचनात्मक अखंडता को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जिंक़ गैल्वनाइजेशन जंग से बचाव कर विरासत की रक्षा करने और भविष्य को मजबूत बनाने के लिए एक लागत प्रभावी, सस्टनेबल समाधान प्रदान करता है।
उदयपुर : विश्व विरासत दिवस 2025 पर, विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने देश के बहुमूल्य स्मारकों के लिए अक्सर अनदेखे खतरे, जंग के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की है। जंग, एक स्वभाविक लेकिन लगातार चलने वाली प्रक्रिया है, जो नमी, ऑक्सीजन, प्रदूषकों और लवणों के कारण होने वाली रासायनिक और विद्युत रासायनिक प्रतिक्रियाओं के माध्यम से धातुओं को धीरे धीरे कमजोर करती है। जलवायु परिवर्तन की बढ़ती गति और प्रदूषण के बढ़ते स्तर के साथ, जंग प्रमुख विनाशकारी शक्ति के रूप में उभर रही है, जो संरचनात्मक नुकसान को तेज करती है और सदियों की शिल्पकला को नष्ट कर देती है। इससे निपटने के लिए जिंक सबसे प्रभावी और सस्टेनेबल समाधानों में से एक है। इसके सुरक्षात्मक गुण इसे जंग से बचाव में प्रमुख सहयोगी बनाते हैं।
आमतौर पर ताजमहल या चारमीनार जैसी प्रसिद्ध पत्थर की संरचनाओं पर ध्यान आकर्षित करती है, लेकिन इन स्मारकों में और उसके आस-पास मौजूद पुरानी धातु की संरचनाएँ जंग और क्षरण के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील हैं। दिल्ली में अशोक स्तंभ, धातुकर्म उत्कृष्टता का प्राचीन चमत्कार है, जो लगातार तत्वों का सामना कर रहा है फिर भी मजबूत बना हुआ है। लेकिन विरासत स्थलों में अनगिनत अन्य लौह और इस्पात घटक इतने मजबूत नही हैं। औपनिवेशिक काल के लोहे के पुल जैसे कोलकाता का हावड़ा ब्रिज से लेकर विरासत उद्यानों और महलों में सजे हुए द्वार और रेलिंग तक, ये धातु तत्व अनियमित मौसम की स्थिति, नमी, औद्योगिक प्रदूषण और नमक युक्त हवा के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण धीरे धीरे कमजोर हो रहे हैं।
भारत के सकल घरेलू उत्पाद में प्रति वर्ष जंग से होने वाला नुकसान लगभग 5 प्रतिशत है जो कि रोके जा सकने वाले नुकसानों में 100 बिलियन है। यह जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की तुलना में काफी अधिक है, जहाँ जिंक कोटेड स्टील के व्यापक उपयोग ने इस आंकड़े को 1.5 प्रतिशत से भी कम कर दिया है। जब विरासत संरचनाओं की बात आती है, तो नुकसान केवल आर्थिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक भी होता हैं, जो हमारे साझा इतिहास के अमूल्य अध्यायों को मिटा देता हैं।
विश्व के कई समकालीन विरासत-प्रेरित स्थल और भविष्य के विरासत जैसे भारत के लोटस टेंपल, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, प्रधानमंत्री संग्रहालय, यशोभूमि, कन्वेंशन संेटर और नौसेना भवन, कतर का लुसैल स्टेडियम और दुबई का बुर्ज खलीफा और ब्लूवाटर आइलैंड ने संरचनात्मक लंबी आयु सुनिश्चित करने के लिए जिंक गैल्वनाइजेशन को अपनाया है। जिंक-आधारित गैल्वनाइजेशन एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाली तकनीक है, जो जंग और संरचनात्मक गिरावट से निपटने के लिए मजबूत और लंबे समय तक चलने वाला समाधान प्रदान करती है। यह सरल, लागत प्रभावी तकनीक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करती है, जो बहाली और संरक्षण में उपयोग की जाने वाली धातु-आधारित सहायक संरचनाओं को 30-40 वर्षो का अतिरिक्त जीवन प्रदान करती है। इस वर्ष के विश्व धरोहर दिवस की थीम,आपदाओं और संघर्षों से खतरे में पड़ी धरोहर के अनुरूप, हिन्दुस्तान जिंक का संदेश केवल धातु तक ही सीमित नहीं है। यह विरासत संरक्षण और आधुनिक बुनियादी ढांचे दोनों में जंग-रोधी सामग्रियों को एकीकृत करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता बढ़ाने का मिशन है। ऐसे भारत का निर्माण करना महत्वपूर्ण है जहाँ हमारे अतीत पर गर्व और भविष्य की तैयारी एकसाथ हो।
जिंक, एक महत्वपूर्ण धातु है, जिसे लंबे समय से स्टील को जंग से बचाने की अपनी बेजोड़ क्षमता के लिए जाना जाता है। समय के साथ खराब होने वाली पारंपरिक कोटिंग्स के विपरीत, जिंक-गैल्वनाइज्ड संरचनाएं कैथोडिक सुरक्षा प्रदान करती हैं, जो प्रभावी रूप से जंग को रोकती हैं और दीर्घकालिक स्थायित्व सुनिश्चित करती हैं। इसके अलावा, गैल्वनाइज्ड स्टील की बहुमुखी प्रतिभा और डिजाइन मजबूत अनुकूलन और कुशल निर्माण की अनुमति देता है, जिससे यह विभिन्न परियोजनाओं के लिए लागत प्रभावी और व्यावहारिक विकल्प बन जाता है।
जैसे-जैसे देश वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है, सभी हितधारकों, सरकारी निकायों, संरक्षणवादियों, इंजीनियरों और उद्योगों पर यह जिम्मेदारी है कि हम जो विरासत में मिले हैं, उसकी रक्षा करें। जिंक गैल्वनाइजेशन के साथ, हम न केवल जंग से लड़ते हैं बल्कि हम अपनी विरासत को भी संरक्षित करते हैं।

Related posts:

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा राजसमंद में 70 नए नंदघरों का शुभारंभ, इस वर्ष अब तक 101 नदंघर प्रारंभ

Hindustan Zinc United Over 7,000 Rural Womenat the Sakhi Utsav

वैक्सीनेशन में उत्कृष्ट पंचायतों को विकास कार्यों के लिए मिलेगा अलग से फंड : मुख्यमंत्री

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा किसानों को आधुनिक कृषि एवं तकनीक की पहल अनुकरणीय : जिला कलक्टर

पुलिस दिवस पर एएसपी भगवत सिंह हिंगड़ डीजीपी डिस्क अवॉर्ड से सम्मानित

कोरोना योद्धा महिला शक्ति का सम्मान

जिंक की कायड़ माइन राजस्थान की एकमात्र 5-स्टार रेटिंग विजेता से पुरस्कृत

Hindustan Zinc inaugurates skill development centre to empower local youth

एसपीएसयू में 2024 में रिकॉर्ड एडमिशन और 2025-26 में न्यू एज पाठ्यक्रमों की शुरुआत

गुलाबचंद कटारिया द्वारा निधि पुनमिया का सम्मान

हिन्द जिंक डीएवी जावर माइन्स विद्यालय का उत्कृष्ट रहा परिणाम

रोटरी क्लब मीरा द्वारा मठ पार्क में सूर्य नमस्कार