आईसीएमएम के सीईओ रोहितेश धवन ने हिन्दुस्तान जिंक का दौरा कर, नवाचार और ईएसजी नेतृत्व की सराहना की

हिन्दुस्तान जिंक के इंटरनेशनल काउंसिल ऑन माइनिंग एंड मेटल्स में शामिल होने वाली पहली भारतीय कंपनी बनने के बाद आए रोहितेश धवन
जो दुनिया की चैथी सबसे बड़ी चांदी उत्पादक सिंदेसर खुर्द माइन ने सस्टेनेबिलिटर और जिम्मेदार खनन में भारत की प्रगति को दर्शाया।
उदयपुर।
भारत की एकमात्र और दुनिया की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड जिंक उत्पादक कंपनी, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने इंटरनेशनल काउंसिल ऑन माइनिंग एंड मेटल्स के प्रेसिडेंट और सीईओ रोहितेश धवन की अपनी प्रमुख सिंदेसर खुर्द खदान, राजस्थान में मेजबानी की। यह दौरा हिन्दुस्तान जिंक के आईसीएमएम में पहली भारतीय कंपनी के रूप में शामिल होने के तुरंत बाद हुआ है, जो कंपनी और भारत के खनन क्षेत्र के लिए वैश्विक स्तर पर सस्टेनेबिलिटी और नवाचार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। श्री धवन के साथ हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अरुण मिश्रा एवं कंपनी की वरिष्ठ नेतृत्व टीम भी इस दौरे में सम्मिलित रहे।


इस दौरान, श्री धवन ने सिंदेसर खुर्द खदान का दौरा किया, जो दुनिया की चैथी सबसे बड़ी चांदी उत्पादक खदान है। उन्होंने हिन्दुस्तान जिंक़ के विश्व स्तरीय परिचालन को करीब से देखा, जो तकनीकी नवाचार, पर्यावरण संरक्षण और ईएसजी नेतृत्व पर आधारित है। चर्चा में वैश्विक सहयोग को मजबूत करने, बेहतरीन प्रथाओं को साझा करने और दक्षिण एशिया में जिम्मेदार खनन को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। यह दौरा आईसीएमएम में हिन्दुस्तान जिंक के चयन के बाद हुआ, जो 2021 के बाद परिषद का पहला नया सदस्य है।
आईसीएमएम के प्रेसिडेंट और सीईओ रोहितेश धवन ने कहा कि, मुझे यह देखकर बहुत खुशी हुई कि हिंदुस्तान जिंक ने राजस्थान में अपने काम में, आधुनिक टेक्नोलॉजी को ईएसजी, पर्यावरण, सामाजिक और कॉर्पोरेट प्रशासन नेतृत्व के साथ जोड़ा है। एक हरित भविष्य का रास्ता भारत से होकर जाता है, जहाँ के धातु और खनिज वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यहाँ,मैंने जमीनी स्तर पर सस्टेनेबिलिटी, पर्यावरण और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति गहरी प्रतिबद्धता देखी है, जो मेरे लिए बहुत प्रेरणादायक है।
यह इस बात की पुष्टि करता है कि सिंदेसर खुर्द खदान और पूरे भारत में विश्व स्तरीय और जिम्मेदार खनन हो रहा है। यह एक शक्तिशाली उदाहरण है कि जब हम सिद्धांतों के साथ खनन करते हैं तो क्या संभव है।हिन्दुस्तान जिंक अपनी सस्टेनेबिलिटी 2.0 कार्यसूची को तेजी से आगे बढ़ा रहा है, जो विज्ञान-आधारित लक्ष्यों और 2050 या उससे पहले शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने की दृढ़ प्रतिबद्धता पर आधारित है। 2024 में, कंपनी को लगातार दूसरे वर्ष एसएण्डपी ग्लोबल के कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट द्वारा दुनिया की सबसे सस्टेनेबल मेटल्स और माइनिंग कंपनी के रूप में मान्यता मिली। यह एसबीटीआई-सत्यापित 1.5°सी-अनुकूल लक्ष्य रखने वाली पहली भारतीय धातुओं और खनन कंपनी भी बनी। वित्तीय वर्ष 25 में, हिन्दुस्तान जिं़क ने अपने जीएचजी उत्सर्जन की तीव्रता को 2020 के आधार वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत कम किया, जबकि उत्पादन में लगातार वृद्धि जारी रखी। ये उपलब्धियां स्थायी विकास के प्रति कंपनी के संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाती हैं, जिसमें पर्यावरण जिम्मेदारी, तकनीकी नवाचार और हितधारकों के लिए दीर्घकालिक मूल्य सृजन को प्राथमिकता दी जाती है।

Related posts:

आईडीबीआई बैंक ने भेंट की नारायण सेवा संस्थान को ऐनेस्थीसिया मशीन

बड़ी तालाब भरने पर पदयात्रा निकाली

HDFC Ergo implements the Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana for farmers in Rajasthan for Rabi season

लेग्रांड कम्पनी द्वारा उदयपुर में देश का पहला इलेक्ट्रीशियन जॉब फेयर

कोरोना पॉजिटिव की ट्रेक्योस्टमी कर जान बचाई

उदयपुर में धूमधाम से मनाया जाएगा माता महालक्ष्मी प्राकट्योत्सव, सजावट, यज्ञ-हवन और सुंदरकांड पाठ की ...

Radisson Blu Palace Resort & Spa, Udaipur, upscales guests’ recreational experiences with its newly ...

प्रदेश के 4 चिकित्सा महाविद्यालयों में स्थापित होगी फिंगरप्रिंट लैब

राज्य सरकार की मेवाड़ को सौगात

प्रो. सारंगदेवोत फिर पांच साल के कुलपति चुने गए

एयू बनो चैम्पियन का दूसरा राज्य स्तरीय टूर्नामेंट उत्साह भरी जीतों के साथ समाप्त हुआ

अभिवंदना समुह गान प्रतियोगिता से हुआ आठ दिवसीय दीक्षा कल्याण महोत्सव का शुभारंम