उदयपुर। आस्था फाउंडेशन, मेरठ एवं सहयोगी संस्थानों द्वारा “सतत कृषि एवं संबद्ध विज्ञान के लिए वैश्विक अनुसंधान पहल (जीआरआईएएएस-2025)“ पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन प्रसार शिक्षा निदेशालय, उदयपुर में किया गया। इस दौरान महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक को लाइफ टाइम अचिवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया। डॉ. कर्नाटक को पुरस्कार प्रदान करते हुए डॉ. एस.पी. सिंह, आयोजन अध्यक्ष एवं वैज्ञानिक, सीएसएयूएटी, कलाई, अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) ने बताया कि यह सम्मान इन्हे कीट विज्ञान शिक्षण, अनुसंधान व प्रसार में उत्कृष्ट एवं आजीवन योगदान के लिए प्रदान किया गया है।
उल्लेखनीय है कि डॉ. कर्नाटक ने चालीस वर्षों तक कृषि एवं कीट विज्ञान क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाएं दी हैं। इन्हें मधुमक्खी पालन, चावल-गेहूं और गन्ना पारिस्थितिकी तंत्र के कीट प्रबंधन और मृदा जैव प्रबंधन में विशेषज्ञता प्राप्त हैं। इन्होने तराई क्षेत्र में मधुमक्खी की एपिस मेलिफेरा प्रजाति स्थापित की और इसके पालन के लिए प्रबंधन पद्धतियां विकसित की जिससे शहद मोम और अन्य शहद उत्पादों के उत्पादन से किसानों की आय में वृद्धि हुई है और पर-परागण वाली फसलों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है। इन्होने उत्तराखंड सरकार के कृषि पोर्टल का मधुमक्खी पालन भाग विकसित किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. अनिल कुमार सिंह, पूर्व डीडीजी-एनआरएम, आईसीएआर एवं पूर्व कुलपति, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर, विशिष्ट अतिथि एवं डॉ.बी. के. चक्रवर्ती, पूर्व निदेशक मत्स्य विभाग, बांग्लादेश, पूर्व कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर डॉ यु. एस. शर्मा, डॉ. शहनाज अयूब, निदेशक, बुंदेलखंड नवाचार एवं इन्क्यूबेशन केंद्र फाउंडेशन, बीआईइटी, झांसी (उ.प्र.), डॉ. आर एल सोनी, निदेशक प्रसार एवं देश के विभिन्न कृषि वैज्ञनिक एवं शोधार्थी उपस्थित थे।
डॉ. कर्नाटक लाइफ टाइम अचिवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित
