वेदांता देष की टॉप सस्टेनेबल कंपनियों में शामिल

उदयपुर। वेदांता समूह ने पर्यावरण, सामाजिक और गवर्नेंस (ईएसजी) के मानदंडों के अनुरूप प्रदर्शन में महत्वपूर्ण सुधार करते हुए धातु एवं खनन क्षेत्र में डाऊ जोंस सस्टेनिबिलिटी सूचकांक (डीजेएसआई) रैंकिंग में वर्ष 2020 में 12वां स्थान हासिल किया है। वर्ष 2019 में यह रैंकिंग 21वीं थी। कंपनी की यह सस्टेनिबिलिटी रैंकिंग सतत सुधार की दिशा में तीन वर्षों के ट्रेंड को दिखाती है। परसेंटाइल के मानक पर यह सुधार 86 फीसदी है जबकि वर्ष 2019 में यह 70 और वर्ष 2018 में 60 फीसदी था।
इस वर्ष वेदांता समूह ने एशिया पैसिफिक क्षेत्र में धातु एवं खनन श्रेणी में दूसरा स्थान हासिल किया है जबकि पिछले वर्ष कंपनी सातवें स्थान पर थी। यह उपलब्धि सस्टेनिबिलिटी के मानदंडों के आधार पर व्यवसाय प्रचालन के प्रति वेदांता की कटिबद्धता का द्योतक है। समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिं़क ने एशिया पैसिफिक क्षेत्र में सस्टेनिबिलिटी में टॉप किया है जबकि डीजेएसआई रैंकिंग में यह आठवें स्थान पर रही। डीजेएसआई बाजार पूंजीकरण भारित सूचकांक के साथ समायोजित है जिससे ईएसजी मानदंडों के आधार पर चयनित कंपनियों के प्रदर्शन को मापा जाता है। इस वर्ष वेदांता का डीजेएसआई स्कोर 66 रहा जबकि पिछले वर्ष यह 51 था। कंपनी ने मानवाधिकार, समुदाय पर सामाजिक प्रभाव एवं जल संबंधी जोखिमों आदि क्षेत्रों में रेटिंग में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। पिछले वर्ष मानवाधिकार के क्षेत्र में कंपनी का डीजेएसआई स्कोर 20 था जो इस वर्ष 73 हो गया है। समुदाय पर सामाजिक प्रभाव पिछले वर्ष के 47 अंकों के मुकाबले इस वर्ष बढ़कर 89 के आंकड़े पर पहुुंच गया।
जैव विविधता के क्षेत्र में वेदांता का स्कोर 38 से बढ़कर 79 हो गया जबकि जोखिम एवं आपात प्रबंधन के क्षेत्र में कंपनी का स्कोर 32 से बढ़कर 66 पर पहुंच गया। वर्ष 2019 में जलवायु रणनीति के क्षेत्र में डीजेएसआई स्कोर 40 था जो इस वर्ष बढ़कर 73 हो गया। दुनिया की शीर्ष कंपनियों के सस्टेनिबिलिटी प्रदर्शन का मूल्यांकन करने वाले डाऊ जोंस सस्टेनिबिलिटी सूचकांक में वेदांता को मैटेरिएलिटी, पर्यावरण, जल संबंधी जोखिमों और सामाजिक रिपोर्टिंग के क्षेत्र में 100 फीसदी अंक मिले हैं।
सस्टेनिबिलिटी प्रदर्शन के क्षेत्र में सुधार के लिए कंपनी के शीर्ष नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा है कि समूह शून्य क्षति, शून्य अपशिष्ट एवं शून्य उत्सर्जन की नीति के प्रति दृढ़ कटिबद्ध है। कॉरपोरेट गवर्नेंस के उच्च मानदंडों के अनुरूप समूह अपने प्रचालन तथा स्टेकहोल्डरों के लिए मूल्यसंवर्धन की दिशा में प्रदर्शन जारी रखेगा। वेदांता न सिर्फ स्वयं के लिए बल्कि अपने प्रचालन क्षेत्र के समुदायों, क्षेत्रों, देशों और उद्योगों में सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने के लिए बेहतरीन स्थिति में है।
इसी बीच, ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए वेदांता समूह ने सरकार के साथ जलवायु परिवर्तन उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किए हैं। वेदांता समूह ने स्वैच्छिक तौर पर ‘कार्बन न्यूट्रैलिटी’ की दिशा में आगे बढ़ने हेतु वचनबद्धता जाहिर की है। उद्घोषणा पर वेदांता समूह के साथ ही निजी समूह की टॉप 20 कंपनियों ने हस्ताक्षर किए हैं। इससे कंपनियों ने स्वयं को पेरिस समझौता के अंतर्गत भारत की कटिबद्धता के प्रति एकरूप कर लिया है। अभियान का उद्देश्य देश को कुल शून्य उत्सर्जन लक्ष्य की ओर विशिष्ट उत्सर्जन मानदंडों के जरिए ले जाना है। इसमें नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन देना, ऊर्जा कुशलता में सुधार, जल कुशल प्रक्रियाएं, हरित गतिशीलता, योजनाबद्ध वानिकी तथा अपशिष्ट प्रबंधन एवं रिसाइकलिंग आदि शामिल हैं।
वेदांता समूह कंपनियों में हिंदुस्तान जिं़क लिमिटेड, केयर्न ऑयल एंड गैस, वेदांता एल्यूमिनियम, स्टरलाइट कॉपर, सेसा गोवा तथा ईएसएल जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं जिनमें सस्टेनिबिलिटी के विश्वस्तरीय मानकों का पालन किया जाता है। सामुदायिक विकास, जल प्रबंधन तथा सुरक्षा प्रोटोकॉल आदि प्रमुख क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान के लिए वेदांता समूह ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अनेक पुरस्कार जीते हैं।
वेदांता समूह का लक्ष्य दीर्घकालिक विकास और मूल्य निर्माण है। इसके साथ ही वैविध्यीकृत वृहद, दीर्घ आयु काल और कम लागत वाली परिसंपत्तियों के माध्यम से सतत विकास सुनिश्चित करना है। सतत विकास का एजेंडा चार स्तंभों पर आधारित है। ये हैं – जिम्मेदार स्टीवार्डशिप, मजबूत संबंधों का निर्माण, मूर्ल्य संवर्धन एवं उसे साझा करना और रणनीतिक संवाद। इन स्तंभों का विकास यूएनजीसी के 10 सिद्धांतों, संयुक्त राष्ट्र के एसडीजी तथा अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी), आईसीएमएम और ओईसीडी द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुरूप हुआ है।
विकास के सतत मॉडल के जरिए संगठन अपने व्यवसाय को भविष्योन्मुखी बनाने, उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करने और समुदाय को महत्वपूर्ण फायदे उपलब्ध कराने हेतु काम करते हैं। सस्टेनिबिलिटी फ्रेमवर्क के जरिए व्यावसायिक इकाइयां अपनी प्रक्रियाओं और प्रणालियों में व्यवसाय के सतत सिद्धांतों को अपनाती हैं। इस फ्रेमवर्क में नीतियां, तकनीकी मानदंड, प्रबंधन के मानदंड तथा विभिन्न स्तंभों की मार्गदर्शक व्याख्याएं शामिल हैं जिनसे स्पष्ट मानदंडों की स्थापना, प्रदर्शन में सुधार हेतु लक्ष्यों के निर्धारण और सभी स्टेकहोल्डरों के लिए मूर्ल्य संवर्धन में मदद मिलती है।

Related posts:

70 प्रतिशत से अधिक मिर्गी के मामलों में दवाओं से ही सफल उपचार : डॉ. मनीष कुलश्रेष्ठ

उदयपुर में चैम्पियन प्राइम सैलून तैयार, हर सर्विसेज के लिए अलग से एरिया बनाए

Himalaya Lip Care brings its flagship initiative “Muskaan” to Madhya Pradesh and Chhattisgarh

ZINC FOOTBALL ACADEMY GOALKEEPER SAHIL POONIA CALLED UP FOR INDIA UNDER-16 NATIONAL TEAM CAMP

Mobil Hosts India’s First Night Street Race in Chennai with ‘Indian Racing Festival 2024’

HDFC Bank Parivartan launches scholarship to support national andinternational level women athletes

दरों में कटौती या रूख में बदलाव की उम्मीदों को आगे बढ़ाना होगा : बरूआ

NAND GHAR CONFERRED WITH BEST CORPORATE SOCIAL RESPONSIBILITY INITIATIVE BY RAJASTHAN GOVERNMENT

Nexus Celebration Mall announces second edition of ‘The Gloss Box’, in a bigger and better avatar

दो करोड़वां ट्रक/बस रेडियल टायर तैयार किया

ऊर्जा संरक्षण के लिए मार्ग प्रशस्त कर रही है आईएचसीएल

“DARR HAISIYATNAHI, HIMMAT DEKHTA HAI”: MOUNTAIN DEW REITERATES “DARR KE AAGE JEET HAI”PHILOSOPHY IN...