ऑनलाइन आईटी कौशल सेगमेंट में एक नए स्टार्टअप आई- टेक का प्रवेश

उदयपुर : राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में छात्रों में 21वीं सदी के कौशल विकसित करने की परिकल्पना की गई है। हालांकि, सिखाए गए कौशल और प्रदान किए गए कौशल के बीच बहुत बड़ा अंतर मौजूद है। यदि छात्रों को कम उम्र से ही प्रासंगिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाए तो इस अंतर को पूर्ण किया जा सकता है। इसी उद्देश्य के साथ आईएएनटी ने आई- टेक की स्थापना की है, जो कक्षा 6 से 12 (विज्ञान, वाणिज्य और कला शाखा) के छात्रों के लिए 100% ऑनलाइन आईटी कौशल प्रशिक्षण मंच है।
आई- टेक कोर्स (पाठ्यक्रम) प्रौद्योगिकी कौशल – कोडिंग, आईटी फंडामेंटल्स, क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबर सुरक्षा, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पायथन, आदि और संज्ञानात्मक शिक्षण – आत्म संवर्धन, माइंड मैपिंग, सामान्य ज्ञान आदि को जोड़ देगा। यह कोर्स छात्रों की शिक्षा में एक नया आयाम जोड़ेंगा, जो उनकी कक्षा की शिक्षा के अनुरूप भी होगा।
स्टेट , सीबीएसई या आईसीएसई बोर्ड से संबंधित छात्र इन कोर्स का अनुसरण कर सकते है। भले ही छात्र निजी या सरकारी स्कूलों में गुजराती माध्यम, हिंदी माध्यम या अंग्रेजी माध्यम में पढ़ रहे हों, आगामी वर्षों में सभी छात्रों के लिए आईटी शिक्षा अनिवार्य हो जाएगी।
आईएएनटी की मेनेजिंग डायरेक्टर भक्ति ओझा खेरानी ने बताया कि, इस कोर्स के विषय कौशल और ज्ञान का संयोजन है और इसे भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। आगे जाकर, इन कौशलों से सुसज्ज होना सफल करियर बनाने के लिए जरूरी हो जाएगा।
आई- टेक कोर्स को चार श्रेणियों में बांटा गया है – कक्षा 6 और 7 के लिए आई- टेक जूनियर, कक्षा 8 और 9 के लिए आई- टेक सीनियर, कक्षा 10 से 12 के लिए आई- टेक एक्सपर्ट और 12वीं से आगे की कक्षाओं के लिए आई- टेक सुप्रीम । कोर्स को विज्ञान, गणित और प्रौद्योगिकी के संगम के साथ डिजाइन किया गया है, जो छात्रों को वास्तविक जीवन में भी मदद करेगा।
भारत में कक्षा 6 से 12 तक में अंदाजित 180 मिलियन (18 करोड़) बच्चे हैं। भविष्य में, आईएएनटी का लक्ष्य कक्षा 3 से आईटी शिक्षा तक प्रशिक्षण के दायरे का विस्तार करना है, जो कार्यक्षम छात्रों की संख्या में 210 मिलियन(21 करोड़) तक की वृध्धि करेगा। इन छात्रों तक पहुंचने के लिए, आईएएनटी का लक्ष्य 25,000 डिजिटल फ्रेन्चाइजी स्थापित करना है, जो रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। यह कोर्स ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। इसमें बैच की संख्या सीमित होगी। छात्र जिसमें सहज हो, उसी भाषा में पढ़ाया जाएगा।
सरकार की डिजिटल पहल, बढ़ते स्मार्टफोन का उपयोग, इंटरनेट की बढ़ती पहुंच, युवा आबादी, ऑनलाइन शिक्षा की अपेक्षाकृत कम लागत और अन्य कारकों के साथ भारतीय ऑनलाइन शिक्षा सेगमेंट अनुमानित 2 बिलियन डॉलर का है।

Related posts:

जिंक इन्कलुजन व सोशल इम्पेक्ट पर बेस्ट एचआर प्रैक्टिसेज के लिए सीआईआई नेशनल एचआर सर्किल कम्पटिशन 202...

Dolat Capital maintains ‘BUY’ rating for Paytm with a target price of ₹1400

Double swoop for Hindustan Zinc – Chanderiya and Debari units win prestigious ‘Sword of Honour’ from...

पांच माह के बच्चे के सिर की गांठें व सिर में भरे पानी का सफल ऑपरेशन

ऋतिक-राकेश रोशन पहली बार एक साथ पर्दे पर, मोबिल1 के साथ दिखाया 'अनफॉरगेटेबल जर्नीज़' का जज़्बा

इंदिरा आईवीएफ ने आयोजित की पहली राष्ट्रीय 'रेप्रो क्विज'

सखियों की बनाई ईकोफ्रेण्डली राखी से सजेगी भाईयों की कलाई

पारस जे. के. हॉस्पिटल में हड्डी एवं जोड़ प्रत्यारोपण जांच शिविर

एचडीएफसी बैंक ने एशियामनी बेस्ट बैंक अवार्ड्स में 3 प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते

Hindustan Zinc Raises Awareness on Basic Steps to Prevent Communicable Diseases on Dussehra and Glob...

Skoda Slavia arrives in the Indian market

जिंक कार्बन उत्सर्जन को जीरो लेवल पर पहुंचाने के लिए अंडर ग्राउंड माइनिंग में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन ...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *