आधुनिक खेती में हिन्दुस्तान जिंक की पहल

  • समाधान ने किसानों को सस्टेनेबल, नवाचार और सस्ती तकनीक दी है
  • व्यापक जनाधार में पशुधन की देखभाल, पशु विकास, फसल उपज में वृद्धि और किसानों को मजबूत करना शामिल है।
  • 28 हजार से अधिक किसान पशु प्रजनन पद्धति, नई कृषि पद्धतियां और पशु सलाह सेवाओं से लाभान्वित

उदयपुर । भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में खेती का महत्वपूर्ण योगदान है। लाखों परिवार इस पेशे पर निर्भर हैं। जनसंख्या का करीब 60 प्रतिशत हिस्सा खेती में शामिल है और यह निरंतर बढ़ रहा है। वर्तमान और भविष्य में इस पेशे की जरूरतों को सुनिश्चित करना देश की जिम्मेदारी है। हिन्दुस्तान जिंक ने अपने समाधान प्रोजेक्ट के जरिये किसानों की आय और उनकी सृजन क्षमता बढ़ाने के तरीकों में सहायता की है।

खेती का प्राथमिक पहलू आज खेती में इस्तेमाल किए जाने वाले तरीके हैं। भारत के किसानों को फसलों की खेती के लिए नई और तकनीक के अनुकूल तरीकों का उपयोग करना चाहिए लेकिन दुर्भाग्यवश कई किसानों को आधुनिक तकनीक के बारे में जानकारी ही नहीं हैं या वे उन्हें लागू करने के लिए आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं।
राजस्थान में वैज्ञानिक सोच का प्रचार-प्रचार करने और खेेतों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए समाधान प्रोजेक्ट का आरंभिक उद्देश्य से बढ़ाकर विस्तार किया गया था। इसने राजस्थान के पांच जिलों अजमेर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, उदयपुर और राजसमंद में कृषि समुदाय पर ध्यान केन्द्रित किया।

समाधान प्रोजेक्ट के माध्यम से कंपनी ने सस्टेनेबल, नवीन और सस्ती तकनीक के साथ किसानों को सहयोग दिया। परिणामस्वरूप 3400 से अधिक पशुपालकों के 35 हजार 800 से अधिक मवेशी लाभान्वित हुए हैं। बहुआयामी तरीके का समर्थन कर वे 11,500 से अधिक परिवारों तक पहुंचकर मवेशियों के लिए ताजा और पौष्टिक चारे की भरपूर आपूर्ति सुनिश्चित कर 24 घंटे 7 दिन पशु चिकित्सक सेवाएं प्रदान करने में सफल हुए हैं। इस परियोजना को लागू कर हिन्दुस्तान जिंक ने किसानों को सही तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान कर उनकी आजीविका सुधारने में महती भूमिका निभाई। पशुओं के कृमि मुक्त, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान के अलावा शिविरों के माध्यम से मानसूनी बीमारियों का भी उपचार किया गया।
इसके अलावा समाधान ने 263 एकड़ से अधिक भूमि में फलदार पौधे विकसित किए जिससे समुदाय के पारिस्थितकीय संतुलन और आर्थिक सुरक्षा में भी सुधार हुआ। अपने एकीकृत पशुधन विकास केन्द्र के माध्यम से समाधान ने डेढ़ गुना अधिक दूध उत्पादन के साथ 5338 मादा संतानों का उत्पादन किया और 19 प्रतिशत दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि हुई। पशु स्वास्थ्य शिविरों से एक लाख से अधिक छोटे-बड़े पशुओं को स्वास्थ्य सहायता मिली है।

किसानों को मजबूत करने और उनकी स्थिरता में सुधार के प्रयास में समाधान किसान उत्पादक संगठनों, संस्थानों का भी विस्तार कर रहा है। कृषि और पशधन नवाचारों को कृषि स्तर तक बढ़ाने और सुनिश्चित करने से समाधान अन्य क्षेत्रों एवं राज्यों के लिए एक प्रेरणात्मक कार्यक्रम बन जाएगा।

समाधान में पिछले एक साल में मक्के के उत्पादन में औसत 6.3 क्विंटल प्रति बीघा के साथ करीब 12 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। हिन्दुस्तान जिंक ने स्ट्रॉबेरी, ब्रोकली, लेट्यूस जैसी विदेशी फसलों का उत्पादन करने के लिए उच्च तकनीक वाली सब्जी-खेती कार्यक्रम भी शुरू किया। इन कारणों से किसान फसल चक्र के दौरान सब्जियों में 20 हजार रूपए की औसत आय में वृद्धि के साथ विदेशी सब्जियों में 90 हजार रूपए तक की अतिरिक्त आय अर्जित करने में कामयाब रहा।
समाधान अपने कार्यान्वयन भागीदार बायफ लाइवलीहुड के सहयोग से चार वर्षों से अधिक समय से कार्य कर रहा है। इस

दौरान 13835 किसानों ने अपने क्षेत्र की विशिष्ट कृषि पद्धतियों का लाभ लिया और 14 हजार से अधिक किसानों ने पशु प्रजनन और पशु सलाहकार सेवाओं में सुधार देखा।

हिन्दुस्तान जिंक ने अपने समाधान कार्यक्रम का विस्तार करने के लिए महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमपीयूएटी) और बायफ लाइवलीहुड (भारतीय कृषि उ़द्योग फाउण्डेशन) के साथ हाथ मिलाकर अब तक 30 हजार से अधिक किसानों को लाभान्वित किया है। एमपीयूएटी हमारे समुदाय के किसानों को खेतों पर तकनीकी सहायता देकर कार्यक्रम में सहयोग करेगा और शैक्षिक प्रशिक्षण देकर प्रगतिशील किसानों को हमारे साथ आने के लिए आकर्षित करेगा।
इस तरह खेती के तरीकों का आधुनिकीकरण किसानों को शिक्षित बनाने में सक्षम बनाता है जिससे समुदाय और आसपास के गांवों की अर्थव्यवस्था बढ़ाने में मदद मिलती है।

जिस तरह से खेती की जाती है, वह हमारे जीवन के लिए जरूरी भी है क्योंकि हम अपनी दैनिक पोषण सम्बन्धी जरूरतों के लिए उन पर निर्भर हैं, इसलिए यह अत्यंत आवश्यक है कि हमारे कृषि क्षेत्र को सर्वोत्तम संभावित प्रौद्योगिकी और नवाचार प्राप्त हो। हमें भविष्य को ध्यान में रखकर यह भी सुनिश्चित करना होगा कि प्रौद्य़ोगिकी सस्टेनेबल हो। हिन्दुस्तान जिंक हमेशा ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों को सशक्त बनाने और शिक्षित करने के लिए हरसंभव प्रयास करता रहा है और करता रहेगा।

Related posts:

बच्चों को सिखाये मुख स्वच्छता के गुर

LAUNDRY REDEFINED: ARIEL PODS LAUNCHED IN INDIA

वर्तमान ही जीवन, उसे बेहतर बनाएँ : अग्रवाल  

दुर्लभ सुरबहार वाद्य यंत्र के कलाकार डॉ. अश्विन एम.दलवी पहुंचे उदयपुर

Kotak Mutual Fund Launches Kotak MNC Fund

एशिया वन ने वारी को भारत के सबसे बडे ब्रांड खिताब से नवाजा

महिंद्रा फर्स्ट चॉइस व्हील्स ने एक और उपलब्धि हासिल की, एक ही दिन में यूज्ड कारों के 34 नये डिजिटल ...

आयुर्वेद महाविद्यालय में वेदारंभ कार्यक्रम का शुभारंभ

साई तिरूपति यूनिवर्सिटी के वेंकटेश्वर कॉलेज ऑफ नर्सिंग में स्पोर्ट्स वीक का शुभारंभ

कोरोना से मृत्यु को प्राप्त हुए अभिभावकों के बच्चों को रसिकलाल एम. धारीवाल पब्लिक स्कूल में सत्र 202...

उपभोक्ता सुरक्षा संगठन द्वारा एक दिवसीय उपभोक्ता विचार गोष्ठी एवं "उपभोक्ता राष्ट्रीय गौरव सम्मान"सं...

Flipkart strengthens its supply chain for the upcoming festive season