रेगिस्तानी और जुगलबंदी के संगीत से सजी लेकसिटी की सुरमयी शाम

पं. चतुरलाल की स्मृति में शास्त्रीय संगीत संध्या ‘स्मृतियां’ का आयोजन

उदयपुर। उदयपुर में जन्में प्रख्यात तबला वादक पं. चतुरलाल की स्मृति में पं. चतुरलाल मेमोरियल सोसायटी नई दिल्ली एवं वेदान्ता, हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को भारतीय लोककला मंडल में शास्त्रीय संगीत संध्या ‘स्मृतियां’ का आयोजन किया गया। युवा कलाकार श्रुति और प्रांशु चतुरलाल के रेगिस्तान पर पं. रोनू मजूमदार की बांसुरी की धुनों एवं मालिनी अवस्थी के लोकगीतों से लेकस्टिी की शाम सुरमयी हो गई।
सुर संध्या की शुरूआत में रेगिस्तान की प्रस्तुति में प्रांशु चतुरलाल एवं साथी कलाकारों ने लोक, शास्त्रीय और फ्युजन से राग, ताल और छंद के मनमोहक संगम से श्रोताओं को तालियों से स्वागत करने पर मजबूर कर दिया। षुरूआत में राग मांड और षास्वी में म्हारों बिछुड़ो नैणा रो लोभी , राग किरवानी में राजस्थानी लोकगीत ‘आवे हिचकी’ की पर्कशन के साथ सवाई खान के सूफी गायन, ढोलक पर लतीफ खान, सारंगी पर मुद्सिर खान तथा कीबोर्ड पर सलीम बिलाड़ा की दिल लुभा देने वाली तालमेल ने श्रोताओं के मन को थिरका दिया। राग देस में बालम जी म्हारा आप बसो परदेस और अपनी प्रस्तुती का समापन तबला, ड्रम्स, दरबुका एवं खडताल के साथ ढोलक और सारंगी से मुक्ताकाषी रंगमंच तालियों से गुंज उठा।


इसके बाद प्रख्यात बांसुरी वादक पं. रोनू मजुमदार ने साढ़े सात मात्राक से बांसुरी के कंठ खोले तो उनका अनुभव मुखर हो उठा। पं. रोनू मजुमदार और लोकगायिका मालिनी अवस्थी की पहलीबार हुई जुगलबंदी ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रांशु चतुरलाल ने तबले पर संगत की। पहलीबार पं. रोनू मजुमदार ने मालिनी अवस्थी के साथ बनारसी ठुमरी  हमसें नजरिया काहे फैरी रे बालम से श्रोताओं को झुमने पर मजबूर कर दिया। उनकी जुगलबंदी ने दादरा, झूला और होली, कजरी, चेती की प्रस्तुतियों में ‘झूला धीरे से झुलाओ बनवारी अरे सांवरिया’ की प्रस्तुति दी।
प्रारंभ में हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा, आईजी हिंगलाज दान, हिन्दुस्तान जिंक के पूर्णकालिक निदेषक अखिलेष जोषी एवं ई कनेक्ट के एम डी मनोज अग्रवाल ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संचालन पं. चरनजीत की पुत्री श्रुतिलाल ने किया। इस वर्ष कार्यक्रम के सह-प्रायोजक राजस्थान स्टेट माइन्स एंड मिनरल्स लि., पावर फाइनेंस कॉर्पाेरेशन, नेशनल थर्मल पावर कॉर्पाेरेशन लि., पावरग्रिड कॉर्पाेरेशन लि., भारतीय लोककला मंडल, होटल रमाडा एवं होटल प्राइड थे।
पं. चरनजीत ने बताया सोसायटी लगातार ‘स्मृतियां’ नामक कार्यक्रम उदयपुर में आयोजित करती आ रही है। इसके तहत अब तक पं. हरिप्रसाद चौरसिया (बांसूरी), पं. शिवकुमार शर्मा (संतूर), पं. जसराज (गायन), उस्ताद अमजद अली खां (सरोज), उस्ताद जाकिर हुसैन (तबला), पं. राजन साजन मिश्रा (गायन), कद्री गोपालनाथ (सेक्सोफोन), पं. रोनू मजुमदार (बांसुरी), प्रांशु चतुरलाल (तबला), राहुल शर्मा (संतुर), गुन्देचा बन्धु (गायन), उस्ताद सुजात हुसैन खां (सितार), शूबेन्द्रो राय (सितार) श्रीमती शासकीया राव दी हास (चौलो), मालाश्री (गायन) जैसे वरिष्ठ संगीतज्ञों के सामूहिक वादन के कार्यक्रम आयोजित कर चुकी है।

Related posts:

राजस्थान दिवस पर हिंदुस्तान जिंक द्वारा आयोजित सखी फेस्ट में स्वाद और समृद्ध सांस्कृतिक कार्यक्रम का...

महावीर युवा मंच 28 जून को मनाएगा दानवीर भामाशाह की जयंती

जावर क्षेत्र में ग्रामीण महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनी तारा और कमला

खेलों से जागृत होता है अनुशासन एवं देश प्रेम का भाव - मुख्यमंत्री

Hindustan Zinc’s Kayad Mine wins Golden Peacock Environment Management Award 2021

नारायण सेवा शाखा सम्मेलन सम्पन्न

आयुर्वेद पंचकर्म शिविर में चिकित्सकों व कार्मिकों का सम्मान

दो दिवसीय नि:शुल्क कोविड टीकाकरण शिविर सम्पन्न

श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा उदयपुर विशिष्ट सभा घोषित

दुर्लभ जन्मजात विकृति का सफल ऑपरेशन

Hindustan Zinc Wins 6th CSR Health Impact Awards 2022

जिला जिम्नास्टिक्स संघ उदयपुर की कार्यकारिणी के चुनाव संपन्न

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *