जल संकट के समाधान में आमजन की भागीदारी जरूरी

  • कोविड के बाद के न्यू नॉर्मल में छिपे हैं भविष्य के सुनहरे अवसर
    उदयपुर।
    देश में जल संसाधन संकट में है। नदियां प्रदूषित हो रही हैं, जल संचयन तंत्र बिगड़ रहे हैं। भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। ऐसे में यह जरूरी है कि जल संकट व जल के समुचित प्रबंधन की बात आम जनता की चर्चा व समाधान में भागीदारी का विषय बने। यह विचार ऐश्वर्या कॉलेज की ओर से रोटरी क्लब उदयपुर मीरा रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3050, रोटरी क्लब इंदौर गेलेक्सी रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3040, ग्रीन लीफ एनजीओ के साझे में हुए सेमीनार में उभर कर सामने आये। इस अवसर पर मुख्य अतिथि रिटायर्ड आईएफएस राहुल भटनागर थे। अध्यक्षता पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के नोडल ऑफिसर रहे भूजल वैज्ञानिक एवं सुधीन्द्र मोहन शर्मा ने की। विशिष्ट अतिथि सी.एम. बेन्द्रे थे। इस अवसर पर रोटरी क्लब मीरां की अध्यक्ष सुषमा कुमावत, ऐश्वर्या कॉलेज की सीएमडी डॉ. सीमासिंह, रोटेरियन सोनिया सोनी, प्रियंका भाणावत उपस्थित थे।
    पहले सत्र में ‘ट्रेडशनल विस्डम एंड न्यू जनरेशन पर्सपेक्टिव्ज’ पर मुख्य अतिथि रिटायर्ड आईएफएस राहुल भटनागर ने कहा कि विशेषज्ञों ने हमेशा से जल को उन प्रमुख संसाधनों में शामिल किया है जिन्हें भविष्य में प्रबंधित करना सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य होगा। नीति आयोग के आंकड़े बताते हैं कि भारत के शहरी क्षेत्रों में 970 लाख लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिलता है जबकि देश के ग्रामीण इलाकों में तकरीबन 70 प्रतिशत लोग प्रदूषित पानी पीने और 33 करोड़ लोग सूखे वाली जगहों में रहने को मजबूर हैं।
    मुख्य वक्ता सुधीन्द्र मोहन शर्मा ने बताया कि दुनिया का नौवां सबसे बड़ा फ्रेश वॉटर रिज़र्व भारत के पास है। उसके बाद भी पानी की समस्या होना साफ दर्शाता है कि जल प्रबंधन में दोष है जिसे दूर किया जाना चाहिए। देश की जनता 85 प्रतिशत जल भूजल से प्राप्त करती है। भूजल को दूषित होने से बचाना जरूरी है। स्वच्छ जल की उपलब्धता, निरंतरता और गुणवत्ता के लिए कम्यूनिटी से पार्टनरशिप करते हुए उसके हाथों में जल स्रोतों के प्रबंधन का जिम्मा देने की जरूरत है। पुराने जल स्रोतों को रिचार्ज करें, गांवों पर फोकस करें, सिवरेज का समुचित प्रबंधन करें तो जल भी और कल भी का सपना पूरा किया जा सकता है।
    दूसरे सत्र में ‘द न्यू नॉर्मल’ विषय पर बोलते हुए स्पीकर सी.एम. बेन्द्रे ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया। संकट के इस दौर के असर इतने व्यापक हैं कि उनका मूल्यांकन सदियों तक किया जाता रहेगा। हम धीरे-धीरे एक पोस्ट कोविड व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं। पोस्ट कोविड के नए दौर में कई सारी बातें न्यू नॉर्मल के तौर पर सामने आ रही हैं जिनके साथ हमें जीना सीखना होगा। हमें कोरोना के नए वेरियंट के साथ जीते हुए ऑनलाइन कार्य पद्धति के साथ आगे बढऩा होगा। न्यू नार्मल का नया अर्थ तंत्र भी हमारे जीवन को प्रभावित कर रहा है, हमें उसके साथ जीते हुए तरक्की के नए रास्ते खोजने होंगे। समग्र अर्थों में देखें तो हमारी पीढ़ी का पूरा जीवन ही नए सिरे से परिभाषित होता दिखाई दे रहा है। घर पर साथ बैठकर परिवार का भोजन करना, बाजार की चीजों से परहेज करना, दूसरों के सुख-दुख में काम आना, आस-पड़ोस वालों की खबर रखना आदि न्यू नॉर्मल हैं। कोविड ने कई बच्चों को अनाथ कर दिया है। हमें उनके लिए काम करना है। कोविड के बाद आर्थिक तंगी से आत्महत्या करने वालों की दर बढ़ गई है। हमें डिप्रेशन में आए ऐसे लोगों को बचाने का हर संभव प्रयास करना है। कोविड ने जो सिखाया, उसके प्रभाव बरसों बरस तक हमारी पीढिय़ों तक में संचरित होते रहेंगे। भारत इस दौर से दृढ़ता से उभर कर नए शिखरों की और प्रखरता से उन्नत होगा, यही उम्मीद है। इस सत्र के मुख्य अतिथि रिटायर्ड आईएफएस राहुल भटनागर थे।
    रोटरी क्लब मीरां की अध्यक्ष सुषमा कुमावत ने वर्ष में एक वृक्ष लगाकर पर्यावरण मित्र बनने का संदेश दिया। ऐश्वर्या कॉलेज की सीएमडी डॉ. सीमासिंह ने पर्यावरण और जल से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार प्रकट किये।

Related posts:

हिन्दुस्तान जिंक़ के शिक्षा संबंल कार्यक्रम में लाभान्वित हो रहे 13000 विद्यार्थी

Hindustan Zinc launches passenger EVs for employees to reduce carbon footprint

आरएसएमएम पेनशनर ने निगम /बोर्ड मे भी आरजीएचएस की सीमा बढाने की मांग की

प्रारंभिक बाल देखरेख संबंधी प्रस्तावों को प्राथमिकता से पारित करवाने समुदाय आगे आए

विश्व जल दिवस मनाया

जिंक पर्यावरण संबंधी बेस्ट प्रेक्टिसेज के लिए सीआईआई राष्ट्रीय पुरस्कार 2021 से पुरस्कृत

अजय खतूरिया ने किया 61वीं बार रक्तदान

ऑल इण्डिया एसबीआई फेडरेशन ने किया नारायण संस्थान का विजिट

Hindustan Zinc’s First All Women Mine Rescue Team Represents India at the XIII International Mine Re...

जैन धर्म में ज्योतिष एवं वास्तु विज्ञान के महत्व पर कार्यशाला आयोजित

Hindustan Zinc Transforming the Lives of over 2 Lakh Underprivileged and Specially Abled Children

जल जीवन मिशन के बंद पड़े कार्यों को शीघ्र शुरू करें- जिला कलेक्टर पोसवाल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *