भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए युवाओं को धर्म-संस्कृति की पताका को फहराते रहना होगा : लक्ष्यराजसिंह मेवाड़

लक्ष्यराजसिंह कल्लाजी मंदिर महायज्ञ में शामिल हुए
उदयपुर :
शेषावतार कल्लाजी वेदपीठ एवं शोध संस्थान के बैनतर तले कल्लाजी मंदिर मंडल न्यास निम्हाबेड़ा का सप्तम कल्याण महायज्ञ महोत्सव मनाया गया। महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ शामिल हुए। लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने कहा कि मातृभूमि के लिए शीश कटवाकर लोकदेवता के रूप में पूजनीय मेवाड़ के शूरवीर कल्लाजी महाराज के चरणों में प्रणाम करता हूं। समारोह में बड़ी संख्या में बच्चों और युवाओं को देखकर हृदय गद्गद् है, क्योंकि बच्चों-युवाओं की अच्छी उपस्थित इस बात की प्रतीक है कि हमारी भावी पीढ़ी भी धर्म-संस्कृति के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि दुनिया में सिर्फ भारतीय संस्कृति में ही गुरुजनों को माता-पिता से ऊपर का दर्जा देने की परंपरा प्राचीनकाल से चली आ रही है, जिसका निर्वहन वर्तमान में भी किया जा रहा है और मैं उम्मीद करता हूं कि भविष्य में भी यह परंपरा इसी मजबूती के साथ निभाई जाती रहेगी। व्यक्ति, समाज, प्रदेश, देश को सशक्त और प्रभावशाली बनाने की प्रेरणा प्रदान करने के अहम आधार गुरुजन ही होते हैं। भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए युवाओं को धर्म-संस्कृति की पताका को फहराते रहना होगा। जो काम हमारे पुरखे करते आए हैं उन्हीं के पदचिह्नों पर चलने का हम प्रयास करते आ रहे हैं।

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