एमबी हॉस्पिटल की कायाकल्प के लिए संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट फिर दिखे एक्शन मोड में

कहा- बजट व संसाधन की कोई कमी नहीं, सारे कार्य समय पर गुणवत्तापूर्ण हो
उदयपुर।
संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट गुरुवार को एक बार फिर उदयपुर संभाग के प्रमुख महाराणा भूपाल चिकित्सालय की कायाकल्प के लिए एक्शन मोड पर दिखाई दिए। संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट आरएनटी मेडिकल कॉलेज पहुंचे और आरएनटी सभागार में राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी की एक महत्वपूर्ण बैठक लेकर पूर्व में ली गई गई बैठक एवं की गई हॉस्पिटल विजिट के दौरान सौंपे गये कार्यों का फीडबैक लिया।
संभागीय आयुक्त ने विजिट के दौरान निर्माण विभाग के अधिकारियों को सिविल, सेनेट्री, इलेक्ट्रीक एवं टॉयलेट्स आदि मरम्मत कार्य को लेकर दिशा-निर्देश दिये थे। विभाग द्वारा इन कार्यों को समय पर पूर्ण करने पर आयुक्त भट्ट ने संतोष जाहिर करते हुए बड़े कार्यों को लेकर शीघ्र प्रस्ताव तैयार करने, टेंडर प्रक्रिया पूर्ण करने एवं कार्ययोजना बनाकर कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।
संभागीय आयुक्त ने कहा कि सारे कार्य गुणवत्ता के साथ समय पर पूर्ण हो, हमारे पास संसाधन और बजट की कोई कमी नहीं है। पीडब्ल्यूडी एसई अशोक कुमार शर्मा ने चिकित्सालय के विभिन्न वार्डों में करवाए गए मरम्मत एवं निर्माण कार्य की प्रगति के साथ ही भावी कार्यों की योजना एवं अन्य पहलुओं के बारे में अवगत कराया।
आरएनटी प्राचार्य डॉ. लाखन पोसवाल ने चिकित्सालय मरम्मत कार्यों में अब तक की प्रगति से अवगत कराया और पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभिन्न कार्यों की प्रगति को प्रस्तुत किया। इस दौरान एक बार फिर से संभागीय आयुक्त ने आगे होने वाले कार्यों की भी पूर्व एवं पश्चात की फोटोग्राफी करवाने के निर्देश दिए।
मातृ विज्ञान संस्थान का होगा निर्माण :
बैठक दौरान बताया गया कि मुख्यमंत्री महोदय की बजट घोषणा के अनुरूप मातृ विज्ञान संस्थान का निर्माण प्रस्तावित है। एमबी परिसर में जनाना हॉस्पीटल के स्थान पर नव निर्माण की संभावनाओं पर चर्चा की गई। डॉ. पोसवाल ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में मातृ विज्ञान संस्थान पर 30 करोड़ रुपयों की स्वीकृति दी गई है। संभागीय आयुक्त ने इस पर उचित व्यवस्थाएं करने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए।  
बैठक दौरान संभागीय आयुक्त भट्ट ने अस्पताल परिसर में जहां-तहां बैठने वाले मरीजों के परिजनों के लिए बैठक की उपयुक्त व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। इस पर डॉ. पोसवाल ने एमबी बेसमेंट पार्किंग एरिया में बैठक की व्यवस्थाओं का सुझाव दिया। संभागीय आयुक्त भट्ट ने आगामी विजीट दौरान इस पर चर्चा करने की बात कही।
 बैठक में फायर फाइटिंग सिस्टम एवं सुरक्षा के इंतजामों पर चर्चा करते हुए संभागीय आयुक्त ने कहा कि चिकित्सालय के विभिन्न वार्डों एवं कक्षों में आग से होने वाले हादसों से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाए। उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों व चिकित्सकों की सुरक्षा के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं हो। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर तकनीकी बातों का विशेष ध्यान रखने और तदनुरूप व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए निर्देश प्रदान किए।
संभागीय आयुक्त ने कहा कि चिकित्सालय परिसर में जहां भी छज्जे क्षतिग्रस्त है, उन्हें शीघ्र दुरुस्त कराएं और जहां आवश्यकता हो वहां छज्जे हटवाकर वैकल्पिक व्यवस्था करें और शीघ्र नया निर्माण कार्य करते हुए सुविधाओं को सुचारू बनाएं। उन्होंने कहा कि जहां प्लास्टर गिरने की संभावना है या कोई अन्य भाग क्षतिग्रस्त है तो उसे भी शीघ्र दुरुस्त करवाएं।
बैठक में चिकित्सा अधिकारियों एवं विभिन्न विभागों के अधिकारियों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसे जॉब नहीं, सेवा कार्य मानकर कार्यों का प्रभावी क्रियान्वयन करें। इसके लिए सभी संबंधित विभाग एवं चिकित्सालय प्रशासन समन्वय स्थापित कर कार्यों को अंजाम दे ताकि प्रदेश सहित अन्य राज्यों से आने वाले रोगियों को यहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके और वे दुआएं दें।
संभागीय आयुक्त भट्ट ने एमबी हॉस्पिटल के कायाकल्प को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को उजागर करते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि हमारा एमबी हॉस्पीटल एक मिसाल बने। आने वाले समय में हर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ सम्पूर्ण चिकित्सालय परिसर हाइटेक बने, यहां अत्याधुनिक एंबुलेंस के साथ हर आवश्यक इंतजाम व व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जाए जिससे रोगी को अन्य किसी भी प्राइवेट अस्पताल या उदयपुर से बाहर न जाना पड़े।
एमबी अस्पताल की पुरानी व नई इमरजेंसी के मुख्य द्वार पर वाहनों की पार्किंग की स्थिति पर संभागीय आयुक्त ने नाराजगी जताई और कहा कि यह बर्दाश्त के बाहर है। उन्होंने इमरजेंसी परिसर को नॉ पार्किंग जोन घोषित कर दुपहिया और चौपहिया वाहनों को सख्ती से प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए।
बैठक में अतिरिक्त संभागीय आयुक्त अंजलि राजोरिया सहित चिकित्सालय प्रशासन के विभिन्न विभागाध्यक्ष एवं अन्य संबंधित चिकित्सा अधिकारियों ने चिकित्सालय में सुविधाओं के विस्तार और कायापलट के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए।  

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