मेटल उत्पादन के साथ साथ हिन्दुस्तान जिंक खेलों को बढ़ावा देने में भी अग्रणी

30 हजार से अधिक खेल प्रतिभाओं और एथलीट्स को दे रहा प्रोत्साहन
उदयपुर :
विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक, हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड मेटल उत्पादन के साथ साथ खेलों को बढ़ावा देने में भी अग्रणी है। हिन्दुस्तान जिंक ने अपने संचालन क्षेत्र के आस पास एवं राजस्थान में क्रिकेट, कबड्डी, हैंडबॉल और वॉलीबॉल को विकसित करने में लगातार निवेश किया है, जिससे 30,000 से अधिक खेल प्रतिभाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। फुटबॉल को बढ़ावा देने की कंपनी की परंपरा जावर स्टेडियम में 1976 से चली आ रही है, जहाँ लगभग आधी सदी से राष्ट्रीय टूर्नामेंट आयोजित किए जाते रहे हैं।


कंपनी की जावर स्थित फुटबाॅल अकादमी ग्रामीण क्षेत्र में फुटबाॅल के खेल में बालक बालिकाओं को महत्वपूर्ण मंच प्रदान कर रही है, वहीं वेदांता जिंक सिटी हाॅफ मैराथन खिलाडियों और धावकों के लिए प्रमुख उत्साहपूर्ण आयोजन में से एक है। जावर स्टेडियम लगभग पाँच दशकों की विरासत के साथ देश में फुटबाॅल के खेल के लिए अपनी विशेष पहचान रखता है जिसमें देश भर की टीम अपने उत्कृष्ट खेल का प्रदर्शन करते है। कंपनी की यह पहल युवाओं को सशक्त बनाने के साथ ही स्वस्थ समाज के निर्माण में योगदान दे रहे है।
हिन्दुस्तान जिंक के सीईओ, अरुण मिश्रा ने कहा कि, हम खेल को एक ऐसी शक्ति के रूप में देखते हैं जो व्यक्ति और समुदाय दोनों को आकार देती है। भारत की पहली बालिका आवासीय फुटबॉल अकादमी की शुरूआत से लेकर भारत की सबसे सुंदर मैराथन की मेजबानी करने तक, हमारा दृष्टिकोण ऐसे मंच बनाना है जहाँ युवाओं को आत्मविश्वास, अनुशासन और अवसर मिल सके। ये पहल केवल एथलीट को प्रोत्साहित करने के लिए ही नहीं, बल्कि स्वस्थ, अधिक समावेशी समुदायों का निर्माण करने और भारत की खेल और सामाजिक प्रगति में योगदान करने के उद्धेश्य से हैं।
इस दृष्टिकोण के केंद्र में जिंक फुटबॉल अकादमी है, जो जावर, उदयपुर में पूर्ण आवासीय अकादमी है, जो भारत के सबसे सम्मानित बुनियादी स्तर के फुटबॉल संस्थानों में से एक के रूप में उभरी है। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ द्वारा 3-स्टार रेटिंग और स्पोर्ट इंडिया अवार्ड्स 2024 में स्पोर्ट्स एकेडमी ऑफ द ईयर के रूप में मान्यता प्राप्त, यह अकादमी युवा फुटबॉल प्रतिभाओं का पालना बन गई है, जो मोहम्मद कैफ और साहिल पूनिया जैसे ग्रामीण दिग्गजों को गर्व से भारतीय जर्सी पहनने में सक्षम बनाती है। पिछले कुछ वर्षों में, अकादमी ने अनुशासन, उत्कृष्टता और अवसर के लिए लगातार प्रतिष्ठा बनाई है, इसके खिलाड़ियों ने हैदराबाद एफसी, मोहन बागान सुपर जायंट्स, भारतीय वायु सेना और सीआईएसएफ जैसे प्रमुख प्लेटफार्म में प्रतिष्ठित स्थान अर्जित किए हैं। इस सफलता के आधार पर, हिंदुस्तान जिंक ने एआईएफएफ के साथ साझेदारी की, हाल ही में जिंक फुटबॉल गल्र्स अकादमी, बालिकाओं के लिए भारत की पहली आवासीय अकादमी शुरू की है जहां फुटबॉल प्रशिक्षण में अत्याधुनिक एफक्यूब तकनीक उपलब्ध है। पंद्रह वर्ष से कम उम्र की बीस बालिकाओं के साथ पहला बैच प्रशिक्षण ले रहा हैं जिसकी संख्या साठ तक विस्तार करने की योजना है, यह अकादमी न केवल भविष्य के एथलीट को आकार दे रही है बल्कि खेल के माध्यम से सशक्तिकरण और समानता को भी बढ़ावा दे रही है।

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