श्रृंगार शरीर का नहीं आत्मा का : प्रशांत अग्रवाल

उदयपुर। नारायण सेवा संस्थान में आयोजित ‘अपनों से अपनी बात’ कार्यक्रम के दूसरे दिन अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि शरीर के श्रृंगार की बजाय सद्कर्म और सद्गुणों से आत्मा को सजाएं। आत्मा नित्य है जबकि शरीर नश्वर है। देश के विभिन्न प्रांतों से निःशुल्क सर्जरी एवं कृत्रिम हाथ-पैर लगवाने के लिए आए दिव्यांगजन एवं स्कूली बच्चों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अच्छे कर्म का परिणाम सदैव सुखद होता है। इसीलिए काम ऐसा करें जो दीन- दुखियों के चेहरे पर मुस्कान लाए। जीवन में धन से न कोई सुखी होता है और न किसी को किया जा सकता है। करुणा, प्रेम और आत्मीयता से ही लोगों का दिल जीता जा सकता है। समाज और राष्ट्र तभी विकसित और खुशहाल होंगे, जब हम परिवार और रिश्तों को सहज और सुदृढ़ बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। समस्या परिवार, समाज और दुनिया में नहीं बल्कि व्यक्ति के विचारों में है। व्यक्ति की सोच पर ही यह निर्भर करता है कि उसका परिणाम किस प्रकार का होगा।
अग्रवाल ने कहा कि व्यक्ति के साथ जो भी घटित होता है, वह उसके अपने कर्मों के अनुसार ही होता है। इसीलिए जीवन में जो भी करें वह ऐसा हो जो दुनिया से आपकी विदाई के बाद भी याद किया जाता रहे।

Related posts:

कॉर्पोरेट जगत में वेदांता केयर्स द्वारा देश में सबसे बडा टीकाकरण अभियान

कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण ढंग से संपादित हुई मतगणना, भाजपा की शांतादेवी रही विजयी

दरीबा स्मेल्टिंग कॉम्प्लेक्स और जिंक स्मेल्टर देबारी को ग्रीनको गोल्ड और सिल्वर रेटिंग

डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शिष्टाचार भेंट

जिंक ने अंतर्राष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य दिवस पर किया जागरूक

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उदयपुर जिले को दी सौगात

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा बिछड़ी में नवनिर्मित सामुदायिक भवन एवं बालिका षौचालय का उद्घाटन

Indira IVF’s first-born Navya, the flagbearer in the quest to eradicate infertility, celebrates her ...

नारायण सेवा में कम्प्युटर प्रशिक्षण बैच का समापन

ज्ञान को आलोकित करने एसबीआई ने दिया 8 लाख का सहयोग

नीतू सालवी को पीएच.डी. की उपाधि

स्मार्ट वॉच से बीपी देखें पर सटीकता के लिए डॉक्टर जरूरी : डॉ. खंडेलवाल