उदयपुर। एशियन पेंट्स ने स्टार्ट इंडिया फाउंडेशन के साथ मिलकर राजस्थान नेत्रहीन कल्याण संघ स्कूल में प्रोजेक्ट स्पर्श के जरिए ‘आर्ट’ को बढ़ावा दिया है। स्पर्श का मकसद दृष्टिहीन बच्चों तक आर्ट का जादू पहुँचाना है, जिससे वे इसे पूरी तरह से एक नए दृष्टिकोण से अनुभव कर सकें। राजस्थान नेत्रहीन कल्याण संघ में एक स्कूल है जो पांच दशकों से अधिक समय से दृष्टिहीन छात्रों के जीवन में बदलाव ला रहा है। एशियन पेंट्स ने स्टार्ट इंडिया फाउंडेशन के साथ मिलकर ‘टैक्टाइल म्युरल्स’ बनाकर स्कूल में एक आर्टिस्टिक टच को जोड़ा है। टेक्टीलिटी की यह सेन्सैशन एशियन पेंट्स के टेक्सचर्ड पेंट्स की रॉयल प्ले रेंज के जारिए प्राप्त की जाती है, जो सरल सतहों को टैक्टाइल भाषा में बदल देती है जिसे छात्र छू सकते हैं और महसूस कर सकते हैं। यह इनिशिएटिव इन बच्चों के स्कूल में उनके जीवन को सार्थक तरीके से छूने पर फोकस करता है, जो उनमें से कई लोगों के लिए दूसरे घर की तरह है। स्पर्श के माध्यम से, उनका मकसद है कि बच्चों को नए तरीकों से आर्ट का अनुभव करने के तरीकों को बढ़ावा दें, जबकि वे राजस्थान के वाइब्रन्ट और कल्चरल हेरिटेज पर आधारित म्युरल के डिज़ाइन के माध्यम से अपने प्राइड को शेयर करें।
एशियन पेंट्स लि. के एमडी और सीईओ अमित सिंगले ने कहा कि एशियन पेंट्स में, हम आर्ट और रचनात्मकता का सहारा लेते हैं ताकि लोगों के बीच इन्क्लूसिविटी को बढ़ावा मिले। स्पर्श हमारे सहानुभूति के मूल्यों और रचनात्मक भावना का प्रतीक है। इस इनिशिएटिव का उद्देश्य टच और फ़ील के माध्यम से दृष्टिहीन छात्रों में खुशी और प्रेरणा लाना है। हमने कला को फिर से परिभाषित किया और स्पर्श कला के माध्यम से म्युरल आर्ट बनाने के लिए टेक्सचर्ड पेंट्स के साथ इसमें एक और डायमेंशन में जोड़ा है। ये म्युरल्स राजस्थान की समृद्ध हेरिटेज से लेकर हेलेन केलर की अदम्य भावना तक की मन को मोह लेने वाली कहानियाँ सुनाते हैं और सभी के लिए ऐक्सेसबल हैं, विशेषकर उन लोगों के लिए जो दुनिया को हमसे अलग समझते हैं। स्टार्ट इंडिया फाउंडेशन के साथ, स्पर्श इनिशिएटिव हमारे प्त आर्टफॉरआल के प्रति समर्पण का प्रमाण है।
जूलिया एम्ब्रोजी, स्टार्ट इंडिया फाउंडेशन की क्यूरेटर और सह-फाउन्डर ने कहा कि स्पर्श, एशियन पेंट्स के साथ सहयोग में, हमारे ‘आर्ट फॉर ऑल’ के प्रति हमारे समर्पण को प्रतिष्ठित करता है। ‘डू नॉट टच’ प्रतिबंधों के साथ पारंपरिक कला का विरोध करते हुए, स्पर्श टैक्टाइल डायमेंशन को पेश करता है, जिससे दर्शकों को कलाओं के साथ सीधे रूप से जुडऩे को प्रेरित किया जाता है। सावधानी से योजित वर्कशॉप, टैक्टाइल म्युरल्स और एक यूनीक इंडोर टैक्टाइल म्युजय़िम के माध्यम से, स्पर्श सक्रिय रूप से रुकावटें तोड़ता है, आर्ट को दृष्टिहीनों के लिए ऐक्सेसबल और आनंदित करने योग्य बनाता है। यह हमारे विश्वास की पुष्टि करता है कि आर्ट एक यूनिवर्सल भाषा होनी चाहिए, जो हर एक व्यक्ति के सेंसेस और अनुभवों के बारे में बताता हो। स्पर्श वास्तव में एक इंक्लूसिव और साझा मानवीय अनुभव बनाता है।
एशियन पेंट्स ने स्टार्ट इंडिया फाउंडेशन के साथ प्रोजेक्ट स्पर्श के जरिए ‘आर्ट’ को बढ़ावा दिया
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