लाभकारी कीटों के संरक्षण पर जागरूकता अभियान

उदयपुर। देश में विलुप्त हो रही उत्पादक कीट प्रजातियों के संरक्षण हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के प्राकृतिक राल एवं गोंद अनुसंधान संस्थान, रॉची द्वारा संचालित लाख कीट संरक्षण परियोजना के महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विष्वविद्यालय, उदयपुर में स्थित राजस्थान कृृषि महाविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग द्वारा इन कीटों के संरक्षण एवं संवद्र्धन हेतु 16 से 22 मई तक जागरूकता अभियान सप्ताह मनाया जा रहा है।
इस अवसर पर केन्द्र द्वारा 16 मई को द्वितीय राष्ट्रीय लाख कीट दिवस पर स्नातक व स्नातकोत्तर छात्रों का एक दिवसीय लाख प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर के 60 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इसमें कीट विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. रमेश बाबू एवं पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार महला ने विभिन्न उत्पादक कीटों (मधुमक्खी, लाख कीट एवं रेषम कीट) की महत्ता एवं संरक्षण के बारे में बताया।
परियोजना अधिकारी डॉ. हेमन्त स्वामी ने बताया कि देश में रंगीनी एवं कुसुमी लाख कीट के माध्यम से लाख उत्पादित किया जा रहा है। रंगीनी लाख कीट का उत्पादन मुख्यत: बेर, पलाश पर किया जा रहा है जबकि कुसुमी कीट प्रजाति का उत्पादन कुसुम के वृक्षों पर किया जा रहा है। राजस्थान के क्षेत्रों में भी रंगीनी लाख उत्पादन की अपार सम्भावनाऐं है परन्तु तकनीकि ज्ञान व जागरूकता के अभाव में लाख का उत्पादन बहुत कम हो रहा है जबकि लाख की सर्वाधिक खपत राजस्थान में होती है। कृषि विज्ञान केन्द्र बडग़ाँव के वैज्ञानिक डॉ. दीपक जैन ने बताया कि आदिवासी बहुल क्षेत्र में लाख की खेती की सम्भावना है व किसान अपनी परम्परागत खेती के साथ लाख कीट पालन अपनाकर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं।
उत्पादक कीट जागरूकता सप्ताह के अन्तर्गत पहले दिन उदयपुर क्षेत्र के किसानों में लाख उत्पादन के प्रति रूजान बढ़ाने एवं जागरूक हेतु कृषक प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इसमें 40 से अधिक कृषकों ने लाख उत्पादन तकनीक की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की। प्रशिक्षण के माध्यम से कृषकों को लाभकारी लाख कीट के संरक्षण के साथ कम लागत से अधिक उत्पादन की जानकारी दी गई जिससे उनकी आजीविका के स्तर में वृद्धि होगी। प्रशिक्षण के दौरान कृषकों ने कीट विज्ञान विभाग स्थित लाख कीट संग्रहालय एवं जीन बैंक का अवलोकन किया। इस दौरान उद्यान विभाग के डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने लाख के विभिन्न पोषक वृ़़क्षों तथा कीट विज्ञान विभाग के डॉ. अनिल व्यास ने लाख कीट के जीवन चक्र व प्रमुख प्राकृतिक शत्रु कीटों की जानकारी दी।

Related posts:

गौरीकांत शर्मा बने उपनिदेशक, कार्यभार संभाला

श्री विशाल बावा श्रीजी प्रभु के छप्पन भोग की सेवा में पधारे नाथद्वारा

महाराणा प्रताप को नमन के बाद सीएम व केन्द्रीय मंत्री ने किया जल संचय अभियान का शुभारंभ

पैलिएटिव केयर पर कार्यशाला आयोजित

पत्रकारों के लिए पत्रकारिता पर देश का पहला वेबिनार

‘माय एफएम देखता है’ में वीआईएफटी की सक्रिय भागीदारी

Vedanta Udaipur World Music Festival 2025 kicks off with soulful folk music, bollywood beats, and gl...

सकल राजपूत महासभा द्वारा राजपूत प्रत्याशियों के समर्थन की घोषणा

मतदान की वह घटना

पत्रकार डॉ. संदीप पुरोहित को मिलेगा पं. मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय अलंकरण

CHIK Easy introduces vibrant hair coloursinto the markets of Udaipur (or)

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा किसानों के लिये कृषि सेवा केंद्र का शुभारंभ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *