उदयपुर। पानेरियों की मादड़ी स्थित घूमर गार्डन में चल रही भागवत कथा के द्वितीय दिन शुक्रवार को भागवताचार्य संजय शास्त्री ने राजा परीक्षित के जन्म, कलयुग का दमन, राजा परीक्षित को शृंग ऋषि का श्राप एवं शुकदेवजी का आगमन, श्रृष्टि वर्णन एवं विदुर मैत्री संवाद का ज्ञान दिया। कथा में उन्होंने तप के महत्व को समझाया तथा विभिन्न कथाओं के माध्यम से संगत का असर बताया। उन्होंने बताया कि सुसंगति से बुरे से बुरा व्यक्ति भी साधुत्व के गुण अपने अंदर ला सकता है। कथा में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लेकर कथा श्रवण का पुण्य प्राप्त किया। आयोजक श्यामलाल मेनारिया ने बताया कि आने वाले दिनों में और भी लोग इस भागवत अमृतवर्षा के श्रवण में जुड़ेंगे व लाभ पाएंगे। कथा 2 अगस्त तक जारी रहेगी।