बच्चों की जरूरतों के मुताबिक खुद को तैयार करेगा उदयपुर

अर्बन95 कार्यक्रम का दूसरे चरण में प्रवेश

उदयपुर । उदयपुर में अर्बन95 कार्यक्रम के पहले चरण की सफलता के बाद, अब उदयपुर नगर निगम (यूएमसी) और बर्नार्ड वैन लीर फाउंडेशन, इंटरनेशनल काउंसिल फॉर लोकल एनवायरमेंट इनिशिएटिव साउथ एशिया (ICLEI-SA) और इकोरिस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर दूसरे चरण की तैयारी कर रहे हैं। इस वैश्विक पहल का मुख्‍य सिद्धान्‍त शहरी परिवेश को बेबीज़, टॉडलर्स और बच्‍चों तथा उनके देखभाल करने वालों के लिए सुलभ बनाना है। साथ ही शहर को छोटे बच्चों और उनके परिवारों का पोषण करने में मदद करना, मजबूत समुदायों का निर्माण करना, पर्यावरण के निर्माण पर फोकस करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है । 

दूसरे चरण के दौरान उदयपुर शहर ने सार्वजनिक स्‍थानों में बच्चों और परिवारों के अनुकूल सुविधाओं एवं घटकों का दायरा बढ़ाने, परिवहन, शहरी परिवेश की योजना और शुरुआती बचपन के लिए जरूरी सेवाओं के साथ उदयपुर में मौजूद एजेंसियों के लिए डेटा प्रबंधन की सुविधा को मजबूती प्रदान करने की योजना बनाई है। इस दौरान शहरी पड़ोस, सड़कों और जंक्शनों, पार्कों, और स्वास्थ्य सुविधाओं में लाइट हाउस परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके साथ ही सहयोगियों के साथ मिलकर संस्थागत क्षमताओं में वृद्धि किए जाने के साथ शुरुआती बचपन को संवारने वाले श्रम बल को सहयोग दिया जाएगा और इस दौरान सभी पहलों को अमली जामा पहनाने के लिए प्रमुख हितधारकों के साथ मिलकर काम किया जाएगा।

तीन सालों के दौरान ०-५ वर्ष के बच्चों के लिए परियोजनाओं में बर्नार्ड वन लियर फाउंडेशन तकनीकि सहयोग करेगा व उदयपुर नगर निगम के साथ मिलकर काम करेगा । इसके साथ ही प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का निर्माण किया जाएगा जिसमें शहरी नियोजन और डिजाइन टीम, बचपन केंद्रित तकनीकी टीमें शामिल होंगी। बचपन आधारित परियोजनाओं और कार्यक्रमों को पूरा करने के लिए सामाजिक और व्यवहार बदलाव संबंधी सहयोग भी मुहैया कराया जाएगा ताकि युवा बच्चों, उनके परिवारों और शहर में मौजूद बचपन को सहयोग देने वाले श्रम बल की मदद की जा सके।

दूसरे चरण का प्रमुख उद्देश्य :

•           केयर गिवर्स के व्यवहार में बदलावों के लिए जमीनी स्तर पर कार्य

•           सर्विस प्रोवाइडर्स का नियमित क्षमतावर्धन

•           अर्बन 95 दिशानिर्देशों एवं नीति के अनुसार शहरी विकास में सहयोग

प्रस्तावित ढांचागत विकास :

•           2 चाइल्ड प्रॉयरिटी जोन का विकास

•           1 सेंसरी पार्क का विकास

•           3 चाइल्ड फ्रेंडली ट्रैफिक जंक्शन का विकास

•           1 चाइल्ड फ्रेंडली सड़क का विकास (1.5 किमी)

•           1मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र का विकास

•           1चाइल्ड फ्रेंडली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का विकास

 शहर के महापौर गोविन्द सिंह टांक ने कहा, ”दूसरे चरण में उदयपुर में जो भी निर्माण हो, वह शहर की छवि को और आगे तक लेकर जाए। इसी दिशा में सभी मिलकर आगे बढ़ेंगे। मुझे यह जानकर खुशी है कि उदयपुर इस प्रकार के प्रयास करने वाले देश के तीन शहरों में से एक है।’

उप-महापौर पारस सिंघवी ने कहा, ‘अर्बन 95 के नवाचारों ने शहर की पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया है। यह देखना काफी सुखद है कि कई शहर उदयपुर से प्रेरणा लेकर अपने यहां बच्चों के नजरिए से ढांचागत विकास करने की कोशिश कर रहे हैं। साल 2023 तक हम शहर में ट्रैफिक चौराहों, आंगनवाड़ी केन्द्रों, पार्क सहित ऐसे कई स्थायी ढांचागत विकास करने जा रहे हैं, जिससे अभिभावक बच्चों के साथ मोबाइल या टीवी की बजाय बाहर ज्यादा समय बिता सके।’

उदयपुर नगर निगम के आयुक्त हिम्मत सिंह बारहठ ने कहा, ‘परियोजना के तहत पहले चरण के काम निश्चित रूप से उदयपुर के लिए अच्छे अनुभव वाले रहे हैं। पहला चरण हम सभी के लिए काफी सीखने वाला रहा। दूसरे चरण में निगम पूरी कोशिश करेगा कि कि शहरी विकास का ऐसा मॉडल तैयार किया जाए, जो पांच साल तक के बच्चें, उनके अभिभावकों और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के लिए अनुकूल और सुरक्षित हो।’

बर्नार्ड वैन लीर फाउंडेशन की भारत की प्रतिनिधि रुशदा मजीद ने कहा, ‘उदयपुर राजस्थान का तेजी से बढ़ता शहर है और शहर में रहने वाले करीब पांच लाख बच्चों में से करीब 10.5 फीसदी छह वर्ष से कम आयु के हैं। शहर के भीतर बच्चों, शिशुओं, अभिभावकों और अन्य देखभाल करने वालों के लिए पर्याप्त मौके हैं और हमें पहले चरण के दौरान यूएमसी और ICLEI-SA की तरफ से की गई पहल को लेकर जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। हम एक ऐसे शहर के निर्माण के लिए निरंतर प्रयासों के लिए उदयपुर नगर निगम के आभारी हैं, जो पहले छोटे बच्चों और उनके परिवारों की जरूरतों को पूरा करता है। इस यात्रा में हमें भागीदार बनाने के लिए हम उनके आभारी हैं। दूसरे चरण के लिए ICLEI-SA और इकोरिस के साथ भागीदारी को लेकर हमें खुशी हैं।’

ICLEI-SA के एक्‍जीक्यूटिव डायरेक्टर एमानी कुमार ने कहा कि “अर्बन95 के दूसरे चरण की परियोजना के लिए तकनीकी साझेदार के रूप में इकोरिस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ ICLEI-SA की साझेदारी को लेकर हम खुश हैं। पहले चरण के दौरान किए रणनीतिक हस्तक्षेप से हमने काफी कुछ सीखा है और यह इस बात पर आधारित है कि टीम अब छोटे बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुछ स्थायी परियोजनाओं के विकास पर काम करेगी। हितधारकों के साथ चर्चा, जागरूकता पैदा करना, छोटे बच्चों की आवश्यकता के संबंध में व्यवहार संबंधी पहलुओं को शामिल करना महत्वपूर्ण घटक है जो दूसरे चरण की परियोजना के दौरान पूरे किए जाएंगे। दूसरे चरण को लागू करने के बाद टीम अर्बन 95 के सभी सिद्धांतों को शहर की भविष्य की योजनाओं में शामिल करेगी। परियोजना के क्रियान्वयन के दौरान क्षमता निर्माण को लेकर नियमित अंतराल पर कार्यशाला और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

पहले चरण के दौरान उदयपुर नगर निगम ने ICLEI-SA से तकनीकी सहायता और बीवीएलएफ के सहयोग से छह अस्थायी हस्तक्षेपों की योजना बनाई, जिनमें से चार को लागू किया जा चुका है। इसमें विद्या भवन प्री-प्राइमरी स्कूल के बाहर ट्रैफिक को कम करना, नैयो की तलाई चौक पर सार्वजनिक स्थान का उन्नयन, भटियाणी चौहट्टा के पास मीरा पार्क को अपग्रेड किया जाना और एक शहर-व्‍यापी अर्बन95 बाल महोत्सव शामिल है। इन हस्तक्षेपों का मुख्य उद्देश्य विचारों का परीक्षण करना और ऐसे हस्तक्षेपों के लिए समर्थन का निर्माण करना था, जो 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों, उनके माता-पिता और अन्य देखभाल करने वालों के लिए सुलभ सेवाओं, सुरक्षित सड़कों और एक चंचल और मैत्रीपूर्ण पड़ोस पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

पहले चरण के दौरान बच्चों और उनके परिवारों का डेटा संग्रह किए जाने के साथ शहर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए केंद्रित प्रशिक्षण का भी आयोजन किया गया। अर्बन 95 उदयपुर का दूसरा चरण स्थायी परियोजनाओं और कार्यक्रमों के जरिए शहर में अपना दायरा बढ़ाने पर फोकस करेगा।

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