संगोष्ठी में शिक्षक शिक्षा के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा

उदयपुर : विद्या भवन गोविंदराम सेकसरिया शिक्षक महाविद्यालय, उदयपुर एवं अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, बेंगलूरु के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी “वर्तमान शिक्षक शिक्षा : लक्ष्य, चुनौतियां एवं संभावनाएं” में शिक्षक-शिक्षा से सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों पर विशेषज्ञों ने चर्चा की।
सह-समन्वयक डॉ. नैना त्रिवेदी ने बताया कि सत्र में कमल महेंद्रू ने शिक्षक शिक्षा में सेवारत क्षमता कार्यक्रम पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि सेवापूर्व प्रशिक्षण और वास्तविक विद्यालयी स्थितियों में अंतर को दूर किया जाना चाहिए।
शिक्षक शिक्षा में नीतिगत बदलाव और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर गुंजन शर्मा ने सत्र लिया। प्राथमिक स्तर पर इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम पर डॉ. सरोज गर्ग ने बताया कि प्राथमिक स्तर पर शिक्षण पद्धत्तियाँ विशिष्ट होती है इसके लिए शिक्षक में संवेदनशीलता के साथ रुचि होना आवश्यक है। शिक्षकों और शिक्षक प्रशिक्षकों का सेवाकालीन प्रशिक्षण : चुनौतियां एवं संभावनाएं विषय पर डॉ. ज़ेहरा बानू ने कहा कि सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण न केवल शिक्षको की क्षमता को बढ़ाता है वरन शिक्षक के माध्यम से विद्यार्थियों को भी लाभान्वित करता है। डॉ अरविंद आशिया ने शिक्षक शिक्षा में संस्कृति का उपयोग विषय पर बात करते हुए इस पर बल दिया कि शिक्षक सांस्कृतिक विरासत को अपने विद्यार्थियों तक पहुंचाता है अतः शिक्षक शिक्षा में इस पक्ष को भी पर्याप्त स्थान दिया जाना चाहिये।
गुरजीत कौर ने भारत में सेवा पूर्व शिक्षक शिक्षा : बदलते परिप्रेक्ष्य प्रारूप और पाठ्यक्रम पर चर्चा की। डॉ. भगवती अहीर ने बीएड और डीएड में अंतर विषय पर सत्र लिया। नई शिक्षा नीति 2020 के परिदृश्य में अध्यापक शिक्षा में चुनौतियां विषय पर डॉ. मनीषा शर्मा ने बताया कि शिक्षक शिक्षा से जुड़ी विभिन्न संस्थानों में समन्वय होना चाहिए इसका लाभ शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों के साथ ही प्रशिक्षणार्थियों को भी मिलेगा।
प्राचार्य डॉ. फरजाना इरफान ने 1 वर्षीय और 2 वर्षीय बीएड में अंतर पर कहा कि भावी शिक्षको के लिए वास्तविक विद्यालय के अनुभव बहुत आवश्यक है, एक वर्षीय पाठ्यक्रम में ये अवसर कम थे किंतु दो वर्षीय पाठ्यक्रम में इंटर्नशिप कार्यक्रम के माध्यम से इन्हें पर्याप्त अवसर दिया गया है। डॉ गिरीश शर्मा ने वर्तमान इंटर्नशिप प्रक्रिया समस्या और सुझाव पर कहा कि इंटर्नशिप कार्यक्रम अपना विशेष महत्व रखते हैं। प्रशिक्षणर्थियों के अनुभवों के आधार पर इसमें आने वाली समस्याओं का समाधान करके इसे ओर अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।

Related posts:

युवाशक्ति महाराणा सांगा से प्रेरणा लेकर आत्महत्या जैसे कदम उठाने बच सकती है : लक्ष्यराजसिंह मेवाड़

पिम्स हॉस्पिटल में सी-आर्म द्वारा फेंफड़े की कठिन गांठ की बायोप्सी

मैक्स-फैक फाउन्डेशन कार्यशाला आयोजित

निशुल्क दंत परामर्श एवं चिकित्सा शिविर आयोजित

भीलवाड़ा में यूज्ड कारों का डिजिटल स्टोर लॉन्च

Hindustan Zinc fights back the Scare of Lumpy Skin Disease through its ‘SAMADHAN’ Project

डॉ. लक्ष्यराजसिंह ने किया‘‘मेवाड़ में ज्योतिष परम्परा का इतिहास’’ पुस्तक विमोचन

Sensitizing Deaf and Mute Children: Hindustan Zinc Jeevan Tarang Program Conducts Road Safety Awaren...

गठिया एवं जोड़ रोग पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

एचडीएफसी बैंक ने ग्लोबल ट्रेड एंड फॉरेक्स टॉक्स की शुरुआत की

रामराज्य की परिकल्पना में मानव जाति के साथ समस्त जीवों और प्रकृति का कल्याण निहित : मुख्यमंत्री

VODAFONE TURBONET 4G VERIFIED AS THE FASTEST 4G NETWORK IN RAJASTHAN