दिव्यांगजन स्वावलम्बन यात्रा का किया स्वागत

उदयपुर। विकसित भारत संकल्प यात्रा से प्रेरित स्वावलम्बन यात्रा गुरूवार को दिल्ली से रवाना होकर शुक्रवार प्रात: 11.30 बजे उदयपुर पहुंची। यह यात्रा विकसित भारत में दिव्यांगों के योगदान के संकल्प को लेकर दिल्ली से परपल फेस्ट, गोवा तक जायेगी।


उदयपुर पहुंचने पर यात्रा का स्वागत स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधि महान सेवा संस्थान से राजेन्द्र गामठ, ललित जोशी, अलर्ट संस्थान के जितेन्द्र मेहता एवं राज्य बाल सुरक्षा नेटवर्क के संयोजक बी. के. गुप्ता ने माल्यार्पण कर किया। यात्रा महान सेवा संस्थान कार्यालय पहुंची जहां पर एक सभा आयोजित की गई। सभा में यात्रा के संयोजक निखिल वर्मा ने बताया कि यह यात्रा सामाजिक संस्था आईडिया-सक्षम, नई दिल्ली एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण  विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के समन्वय में आयोजित की जा रही है। इस यात्रा में चार राज्यों के 45 दिव्यांगजन उद्यमी भाग ले रहे हैं। यह यात्रा लगभग 2000 किलोमीटर का सफर तय कर 8 जनवरी को गोवा पहुंचेगी।
सभा में यात्रा के साथ दिव्यांग उद्यमियों के अनुभवों एवं विचारों तथा महान सेवा संस्थान के ललित जोशी ने संस्थान द्वारा दिव्यांगजनों के लिए किये जा रहे प्रयासों, अलर्ट संस्थान के अध्यक्ष जितेन्द्र मेहता ने अलर्ट संस्थान के कार्यों एवं राज्य बाल सुरक्षा नेटवर्क के संयोजक बी. के. गुप्ता ने दिव्यांगजन बच्चों के लिये संरक्षण पर जानकारी साझा की। सभी का धन्यवाद विवेक ने दिया।

Related posts:

जेके टायर ने अब तक का सबसे ज्यादा राजस्व दर्ज किया

वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन के सहयोग में जिंक परिवार के 1600 से अधिक सदस्य बने प्रतिभागी

नविटास से नए बी2बी ब्राण्ड सनडेली ने गठबंधन किया

कोरोना मात्र 6 संक्रमित, मृत्यु भी मात्र 2

राज्य स्तरीय जनजाति खेलकूद प्रतियोगिता का हुआ समापन

CarDekho closes $70 million round from leading investors in China and Europe

जावर ग्रुप ऑफ़ माइन्स द्वारा बच्चों और अभिभावकों को पुस्तकों से जोड़ने हेतु बाल मेले का आयोजन

एसेन्ट करियर पॉइन्ट के अरिष्ट जैन ने रचा इतिहास

शिव भक्ति संग नारी शक्ति सम्मान

‘फीटल रेडियोलॉजी में रीसेंट अपडेट’ पर सीएमई का आयोजन

FIRST IN INDIA TRANSRADIAL CASE OF SHOCKWAVE INTRAVASCULAR LITHOTRIPSY “Coronary Blockage Can Now Be...

बाग वाले हनुमानजी को धराया छप्पन भोग