डॉ. महेंद्र भानावत कला समय लोकशिखर सम्मान से सम्मानित

उदयपुर। लोकसंस्कृति और कलाओं के बहुआयामी संरक्षणात्मक कार्यों के लिए उद्भट संस्कृति मर्मज्ञ डॉ. महेन्द्र भानावत को ‘कला समय लोकशिखर सम्मान’ से समादृत किया गया। यह सम्मान भोपाल की कला समय संस्कृति शिक्षा और समाज सेवा समिति द्वारा उदयपुर में स्थानीय संस्था प्रतिनिधि इतिहासकार डॉ. देव कोठारी तथा डॉ. श्रीकृष्ण ‘जुगनू’ द्वारा प्रदान किया गया। उक्त संस्था की ओर से राजस्थान में यह विशिष्ट सम्मान पाने वाले डॉ. भानावत पहले विद्वान हैं।
संस्था के संस्थापक सचिव तथा कला समय के सम्पादक भंवरलाल श्रीवास तथा अध्यक्ष पं. सज्जनलाल ब्रह्मभट्ट ‘रसरंग’ ने बताया कि कोरोना के चलते वे स्वयं नहीं पहुंच पाये। डॉ. कोठारी ने डॉ. भानावत को शॉल ओढ़ाकर स्मृति चिन्ह भेंट किया जबकि डॉ. जुगनू ने श्रीफल प्रदान कर प्रशस्ति वाचन का पाठ किया।
डॉ. कोठारी ने लोकसंस्कृति के क्षेत्र में डॉ. भानावत के योगदान की चर्चा करते कहा कि पिछले छह दशक से इस क्षेत्र में सक्रिय रहने के फलस्वरूप ही वर्तमान में देश के प्रत्येक विश्वविद्यालय में लोकसाहित्य पर शोधकार्य हो रहा है।
डॉ. जुगनू ने कहा कि डॉ. भानावत ने भारतीय लोकसाहित्य और लोककलाओं को विश्व फलक पर पहुंचाया है। उनके कार्यों पर देशभर में अनेक शोध-प्रबंधों का प्रणयन हुआ और हो रहा है। राजस्थान के लोकनाट्यों पर उनका पहला शोध अध्ययन राजस्थान की कलाओं को विश्व में पहचान स्थापित करने वाला रहा। धन्यवाद राजेन्द्र पालीवाल ने ज्ञापित किया।

Related posts:

देश के भविष्य को शिक्षा के अवसरों से दिशा दिखाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा हिन्दुस्तान जिंक

ज्ञान प्राप्ति के लिए ध्यान परमोपयोगी

डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को डी.लीट. की मानद उपाधि

श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा की पहली बैठक

35वां दिव्यांग सामूहिक विवाह समारोह कल

Hindustan Zinc and Serentica Renewables strengthen partnership, augment RE Power to 530 MW

वेदांता उदयपुर वल्र्ड म्यूजिक फेस्टिवल का 7वां संस्करण 7 से 9 फरवरी तक

झीलों की नगरी में केंद्रीय महिला एवं स्वास्थ्य मंत्रालय का चिंतन शिविर का आगाज़

गौमाता को राष्ट्रमाता बनाने की मुहिम

डंपर की टक्कर से उप सरपंच पति की मौत, एक गंभीर घायल

पीआईएमएस में नशामुक्ति एवं परामर्श केंद्र का शुभारंभ

हमारी संस्कृति सूर्य के उदय के प्रतीक पूर्व से शुरू होती है अस्त के प्रतीक पश्चिम से नहीं इसलिए अभिव...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *