इको डेस्टिनेशन टूर के इस रविवार के सफर में 35 उदयपुर वासियों ने लिया मौसम का आनंद लिया
उदयपुर : रविवार अल सुबह निकले उदयपुरवासियों ने सबसे पहले झाड़ोल की पहाड़ियों के मध्य स्थित सांडोल माता ईको डेस्टिनेशन साइट के नजारों का लुत्फ उठाया। वहा से निकल फुलवारी की नाल अभ्यारण्य के कठावाली झेर ट्रेक पर ट्रेकिंग की। ट्रेक के मध्य कनिष्क कोठरी ने जंगली हल्दी, जंगली केला, सिंदूरी, दुर्लभ आर्किड आकांपे प्रेमोर्सा जेसी कई सामान्य एवम औषधीय पौधों की जानकारी उदयपुरवासियों को प्रदान करी। विभाग के कर्मचारियों के साथ उदयपुर के शरद अग्रवाल ने अलग अलग पौधों की जानकारी के साथ पक्षी जगत की ऑरेंज हेडेड थ्रश, ब्लैक नेप्ड मोनार्क एवम जंगली उल्लू की आवाज को पहचान उदयपुर वासियों को उनके बारे में अवगत कराया।
दोपहर में दल आयुष तिवारी के नेतृत्व में वाकल नदी की और बढ़ चला जहा लंगोट्या भाटा देखते हुए दल फाइव स्टोन रिवर प्वाइंट पर पहुंचा। बौछार के मध्य दल ने वाकल नदी के उछलते पानी में डुबकियां लगा सुहाने मोसम का आनद उठाया। विभाग द्वारा वही पर चाय और गर्म पकोड़ी के जायके के बाद दल उदयपुर लॉट चला।
उपवन संरक्षक देवेन्द्रकुमार तिवारी ने बताया की अगले माह के वन भ्रमण के लिए गोरमघाट, सीतामाता वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी, भीलबेरी वाटरफॉल एवम रणकपुर जवाई लेपर्ड कंजर्वेशन रिजर्व के स्थान चिन्हित किए हैं जिसकी अग्रिम बुकिंग विभाग द्वारा 7568348678 पर की जा सकेगी।
फुलवारी की नाल अभ्यारण्य उदयपुर संभाग के अंदर सबसे सुंदर, घना एवम पर्यावरण की दृष्टि से सर्वोत्तम हैं। नाना प्रकार के आर्किड, जंगली औषधीय पौधे, राजस्थान के सबसे बड़े महुवे के झुंड के अलावा भारतीय तेंदूआ, जंगली सूअर, उड़न गिलहरी, स्लॉथ बीयर जेसे कई प्रकार के वन्यजीवो का निवास स्थल हैं।