राज्यपाल की भूमिका केंद्र व राज्य के मध्य सेतु सी है – श्री माथुर
उदयपुर। सिक्किम के राज्यपाल ओमप्रकाश माथुर ने कहा कि राज्यपाल की भूमिका केन्द्र व राज्य सरकार के मध्य सेतु की होती है। वे अपने इस नवीन दायित्व में प्रयत्न करेगें कि नागरिक जीवन सुखी व समृद्ध कैसे हो, क्षेत्र व जनता का सर्वांगीण विकास कैसे हो।
राज्यपाल माथुर रविवार शाम को उदयपुर सुखाडिया रंगमंच पर सर्व समाज सिरमौर सम्मान समारोह समिति द्वारा अपने सार्वजनिक अभिनंदन समारोह में विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक कार्यकर्ता के रुप में उन्होंने कार्य प्रारम्भ किया, वे आज भी कार्यकर्ता की भूमिका में ही है। माथुर ने कहा कि ये मेरा सम्मान नहीं, मेरे स्नेहीजनों व कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान है, वे भविष्य में इसी अनुरूप काम करेगें।
प्रारम्भ में समिति के अध्यक्ष, पूर्व विधायक धर्मनारायण जोशी ने स्वागत उद्बोधन देते हुए राज्यपाल के अनुकरणीय व्यक्तित्व और उनके सार्वजनिक जीवन मे किये गए कार्यों का बखान किया। दीप प्रज्ज्वलन व पं अल्केश पंड्या के साथ आचार्यगणों के स्वस्तिवाचन के साथ आरम्भ समारोह में केबिनेट मंत्री बाबूलाल खराडी, राजस्व मंत्री हेमंत मीणा, सहकारिता मंत्री गौतम दक, वन व पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा, लोकसभा सांसद डॉ. मन्नालाल रावत, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, निम्बाहेड़ा विधायक श्रीचंद कृपलानी ने विचार व्यक्त किये। उदयपुर महापौर गोविंदसिंह टांक ने उदयपुरवासियों की ओर से माथुर का स्वागत किया। समारोह की अध्यक्षता उदयपुर विधायक ताराचंद जैन ने की।
समारोह में हरियाणा सरकार के सूचना आयुक्त प्रदीपसिंह शेखावत ने राज्यपाल माथुर के संस्मरणों की चर्चा करते हुए कार्यकर्ता से महामहिम तक के जीवन वृत्त की चर्चा की। समारोह में माथुर को भेंट किये गये अभिनंदन पत्र का वाचन भंवरलाल शर्मा ने किया। संयोजन राजकुमार फत्तावत ने व धन्यवाद स्वागत मंत्री मोहब्बतसिंह रूपाखेडी ने किया।
इस अवसर पर जिला प्रमुख ममता कुंवर, विधायक गोपाललाल शर्मा, पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर, धनसिंह रावत, पूर्व विधायक डा बी आर चौधरी, अशोक नवलखा, अनिता कटारा व बद्रीलाल जाट सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन भी उपस्थित थे।