परीक्षाओं के दबाव में जीवन को खोना हमारी सामाजिक विफलता : राजनाथ सिंह

विद्यापीठ का भव्य 16वां दीक्षांत समारोह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रदान की 32 पी.एचडी की उपाधियां और 14 स्वर्णपदक

महाराणा प्रताप की चेतक आरूढ़ प्रतिमा और क्रिकेट स्टेडियम, पवेलियन का किया लोकार्पण
उदयपुर।
जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के 16वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि रक्षामंत्री राजनाथसिंह ने कहा कि जीवन में सफलता और विफलता दोनों ही का अपना महत्व है। असफलताएं हमें निखारने आती हैं। असफलता के बाद भी हमेशा कोशिश जारी रखनी चाहिए और सीखते हुए जीवन में आगे बढऩा चाहिए। अभिभावक भी अपने बच्चों की योग्यताओं और क्षमताओं का आकलन उनके परिणामों से नहीं करके उनके सीखने के प्रयासों से करें। कोई भी लक्ष्य जीवन से बड़ा नहीं हो सकता है। युवाओं का परीक्षाओं के दबाव में जीवन को खोना हमारी सामाजिक विफलताओं को बताता है। इसके लिए हम स्वयं जिम्मेदार हैं।


राजनाथसिंह ने कहा कि विद्यापीठ में विज्ञान प्रौद्योगिकी, चिकित्सा आधारित पाठयक्रमों के साथ-साथ प्रताप, मीरा के शोधपीठों का कार्य विद्यापीठ के प्राचीन और नवीनतम विचारों के समन्वय का प्रतीक है। राष्ट्र की वैश्विक प्रगति व विश्व गुरू के सम्मान का आधार उद्यमिता, कौशल विकास और नवीन अनुसंधानों से युक्त आज की युवा पीढ़ी है। सरकार युवाओं के समग्र विकास हेतु लगातार प्रयासरत है। जब तक हम विद्यार्थियों का कॉम्प्रिहेंसिव विकास नहीं करते, तब तक राष्ट्र के संपूर्ण विकास की कल्पना नहीं हो सकती। मैंने कभी जीवन में किसी से ईष्र्या नहीं की, जलन नहीं की, किसी का पैर खींचने का प्रयास नहीं किया। यह आप भी अपने जीवन में मत करना। लोगों की नजरों में आप गिरते चले जाओगे। देश लगातार आगे बढ़ रहा है। 2027 तक विश्व की टॉप थ्री इकोनोमी में शामिल हो जाएगा। आज दुनिया के लोग भारत में अपने सपने देख रहे हैं और भारत के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहे हैं। आज यदि भारत अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर बोलता है तो पूरी दुनिया हमें कान खोलकर सुनती है।
कुलपति प्रो. एस एस सारंदेवोत ने बताया कि मुख्य अतिथि रक्षामंत्री राजनाथसिंह दिल्ली से विशेष विमान से शनिवार सुबह 10.20 बजे पर डबोक एयरपोर्ट पर पहुंचे। वहां से सीधे प्रतापनगर स्थित विद्यापीठ विश्वविद्यालय परिसर में लगी संस्थापक मनीषी पंडित जनार्दनराय नागर की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की। एनसीसी के कैडेटस ने रक्षामंत्री को गार्ड आफ ऑनर प्रदान किया। इसके बाद दो करोड़ रूपयों की लागत से तैयार पवेलियन, क्रिकेट स्टेडियम व प्रात: स्मरणीय महाराणा प्रताप की चेतक आरूढ़ प्रतिमा का लोकार्पण कर नमन किया।


कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने बताया कि समारोह में रक्षामंत्री राजनाथसिंह ने 32 पी.एचडी. धारकों को उपाधियां और 14 स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर के स्वर्णपदक प्रदान किए। समारोह की शुरूआत में रित्विका अकादमिक प्रोसेशन से हुई। कर्नाटक भाजपा उपाध्यक्ष डॉ. तेजस्विनी अनंत कुमार को जनार्दनराय नागर संस्कृति रत्न सम्मान से नवाजा गया। इसके तहत उन्हें रजत पत्र, प्रतीक चिन्ह, उपरणा, पगड़ी, प्रशस्ति पत्र व एक लाख रूपये नकद राशि प्रदान की गई। यह सम्मान उन्हें अपने अगम्य चेतना फाउण्डेशन द्वारा भारतीय समाज, संस्कृति, प्रकृति व बच्चों की उन्नति हेतु विशिष्ट कार्यों को करने के लिए प्रदान किया गया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. डी.पी. सिंह, शिक्षाविद् एवं समाजसेवी अनिलसिंह, दीनदयाल उपाध्याय विवि गोरखपुर युपी के कुलपति प्रो. राजेशसिंह, श्रीगोविन्द गुरू विवि गोधरा के कुलपति प्रो. प्रतापसिंह चौहान, कुल प्रमुख बीएल गुर्जर, रजिस्ट्रार हेमशंकर दाधीच ने भी विचार व्यक्त किए।
समारोह में यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रो. डी. पी. सिंह, उपमहापौर पारस सिंघवी, समाजसेवी कुबेरसिंह चावड़ा, भाजपा जिला प्रभारी बंशीलाल खटीक, पूर्व विधायक दलीचंद डांगी, विद्या प्रचारिणी सभा के सेक्रेट्र महेंद्रसिंह आगरिया, एमडी डॉ. मोहब्बतसिंह रूपाखेड़ी, ओल्ड बॉयज एसोसिएशन के अध्यक्ष एकलिंगसिंह झाला, डीन डॉ. रेनू राठौड़, डॉ. अनिता राठौड़ पूर्व कुलपति प्रो. एनएस राठौड़, भाजपा शहर जिलाध्यक्ष रवीन्द्र श्रीमाली, ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, जिला प्रमुख ममता पंवार, देहात अध्यक्ष चंद्रगुप्तसिंह चौहान, प्रमोद सामर, महामंत्री गजपालिसिंह राठौड़, पूर्व मंत्री चुन्नीलाल गरासिया, पूर्व विस अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत, राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी, पीठ स्थवीर डॉ. कौशल नागदा, डॉ. सरोज गर्ग, डॉ. रचना राठौड़, डॉ. लिली जैन, डॉ. अमी राठौड़, प्रो. जीवनसिंह खरकवाल, प्रो. मंजू मांडोत, प्रो. शैलेंद्र मेहता, प्रो. मलय पानेरी, डॉ. युवराजसिंह राठौड़, डॉ. भवानीपालसिंह, डॉ. पारस जैन, डॉ. दिलीपसिंह चौहान, डॉ. हेमेंद्र चौधरी, डॉ. तरूण श्रीमाली, डॉ. मनीष श्रीमाली, प्रेमसिंह शक्तावत, महेंद्रसिंह शेखावत, साहित्यकार किशन दाधीच, डॉ. प्रवीण खंडेलवाल, अनंत गणेश त्रिवेदी, उपप्रधान प्रतापसिंह चौहान, हिमांशुराजसिंह झाला सहित गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

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