उदयपुर । एचडीएफसी बैंक ने सुरक्षित बैंकिंग जागरूकता अभियान के तहत अपने कर्मचारियों के लिए एक वर्चुअल ‘फ्रॉड अवेयरनेस सेशन’ आयोजित किया। इस सत्र का उद्देश्य विभिन्न प्रकार की धोखाधड़ी प्रथाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना और कर्मचारियों को धोखेबाजों की रणनीतियों के बारे में अधिक जागरूक होने के लिए जानकारी और कौशल से लैस करना था।
सुंदरेसन एम, समूह प्रमुख – खुदरा ऋण रणनीति व नियंत्रण और मनीष अग्रवाल, कार्यकारी उपाध्यक्ष – क्रेडिट इंटेलिजेंस व नियंत्रण – एचडीएफसी बैंक ने इस कार्यक्रम की मेजबानी की और इसे और स्पष्ट करने के लिए केस स्टडी साझा की। सेशन में कर्मचारियों को कूरियर घोटाले, फर्जी पुलिस घोटाले, फर्जी क्रेडिट घोटाले जैसे नए प्रकार के धोखाधड़ी के बारे में शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। साथ ही धोखाधड़ी वाले खाते खोलने से कैसे बचें, मनी म्यूल(एस), टेरोरिस्ट फंडिंग, साइबर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों के लिए बैंकिंग चैनलों के दुरुपयोग को कैसे रोकें जैसे पहलुओं को सभी कानूनी और प्रतिष्ठा संबंधी परिणामों के साथ शामिल किया गया।
इस सेशन को महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी और मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर डी. शिवानंदन, आईपीएस (सेवानिवृत्त) ने संबोधित किया। शिवानंदन ने अपने समृद्ध अनुभव से इस बात के जीवंत उदाहरण साझा किए कि कैसे धोखेबाज लालच, वासना और भय जैसी भावनाओं का उपयोग लोगों को प्रभावित करने के लिए करते हैं, जिससे वे आम तौर पर गलती कर बैठते हैं। उन्होंने धोखेबाजों द्वारा निर्दोष नागरिकों को ठगने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के तौर-तरीकों पर जानकारी साझा की।
इस अवसर पर बोलते हुए सुंदरेसन एम ने कहा कि आज हम डिजिटल रूप से अधिक लेन देन कर रहे हैं। इसलिए धोखेबाजों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न तौर-तरीकों और सुरक्षित बैंकिंग प्रथाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिनका पालन करने की आवश्यकता है ताकि हम ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार न बनें। बुनियादी बातों को याद रखना महत्वपूर्ण है जैसे कभी भी अविश्वसनीय लिंक पर क्लिक न करें तथा अजनबियों को निजी बैंकिंग जानकारी न दें।”
एचडीएफसी बैंक ने वित्त वर्ष 2024 में पूरे भारत में 16,000 से अधिक ऐसे सेशन आयोजित किए हैं और समाज के विभिन्न वर्गों को कवर करते हुए 2,00,000 से अधिक प्रतिभागियों तक पहुँच बनाई है। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों, ग्राहकों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, वरिष्ठ नागरिकों, स्वयं सहायता समूहों, विक्रेताओं, भागीदारों और कर्मचारियों आदि को धोखाधड़ी प्रथाओं के बारे में जागरूक और शिक्षित करना है।
बैंक अपने ग्राहकों को डिजिटल रूप से लेन-देन करते समय सतर्क रहने और सुरक्षित बैंकिंग आदतें अपनाने और अपनी गोपनीय बैंकिंग जानकारी किसी के साथ साझा करने से बचने के लिए प्रोत्साहित करता है। यदि कोई ग्राहक ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होता है, तो उसे तुरंत बैंक को अनधिकृत लेनदेन की सूचना देनी चाहिए और भविष्य में होने वाले नुकसान से बचने के लिए भुगतान मोड को ब्लॉक करवाना चाहिए। ग्राहकों को गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा शुरू की गई 1930 हेल्पलाइन नंबर और राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर तुरंत शिकायत दर्ज करनी चाहिए।