उदयपुर। 4.1 ट्रिलियन के एयूएम के साथ देश के प्रमुख म्यूचुअल फंड हाउस में से एक एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने रिटेल निवेशकों के लिए एक नए फंड ऑफर (एनएफओ) के लॉन्च की घोषणा की है। यह फंड है- एचडीएफसी बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड- कई थीम, कई अवसर, एक फंड। नए फंड का उद्देश्य बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में निवेश करना और बाजार पूंजीकरण, बैंकिंग, ब्रोकिंग, परिसंपत्ति प्रबंधन, धन प्रबंधन, बीमा, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और वित्तीय सेवाएं प्रदान करने वाली अन्य कंपनियों में निवेश करना है। फंड उन कंपनियों में निवेश करेगा जो अग्रणी हैं और/या बेहतर कामकाज और बड़े पैमाने पर टैक्नोलॉजी को बेहतर ढंग से अपनाने के कारण बाजार में हिस्सेदारी हासिल कर रही हैं। फंड नई लिस्टिंग में अवसरों पर भी ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें उधार, बीमा, पूंजी बाजार व्यवसायों और फिनटेक में प्री-आईपीओ भागीदारी शामिल है। एनएफओ 11 25 जून तक खुला रहेगा।
एचडीएफसी म्यूचुअल फंड का मानना है कि वर्तमान दौर बैंकिंग और वित्तीय सेवा फंड के लिए उपयुक्त समय है, जिसमें सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि निचले स्तर पर है और वित्त वर्ष 22 और उसके बाद मजबूत आर्थिक विकास की संभावनाएं नजर आ रही हैं। आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने और मांग में बढ़ोतरी, वैश्विक विकास और पर्याप्त तरलता के कारण विकास की उम्मीद की जा रही है, जिससे इस क्षेत्र को और मदद मिलनी चाहिए। आर्थिक पुनरुद्धार का समर्थन करने के लिए सरकार और आरबीआई द्वारा किए गए उपायों से इस क्षेत्र को लाभ होगा। भारतीय बैंकिंग कई वर्षों के बाद सबसे अच्छी स्थिति में है, कैपेक्स चक्र के पुनर्जीवित होने की संभावना है और इसे ऋण वृद्धि का समर्थन करना चाहिए, कॉर्पोरेट एनपीए साइकल पीछे है और इस क्षेत्र की सहायता से आगे बढऩा चाहिए। पूर्व-कोविड अवधि की तुलना में सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी में भारी वृद्धि से लागत कम होने की संभावना है, जो वित्तीय सेवाओं के लिहाज से सकारात्मक है। कम ब्याज दरें और बढ़ती खुदरा भागीदारी पूंजी बाजार से जुड़े व्यवसायों के लिए एक और सकारात्मक संकेत है। बीमा क्षेत्र भी महामारी के बाद लाभान्वित होने के लिए तैयार है क्योंकि बढ़ती जागरूकता से बीमा की पैठ में सुधार की संभावना है।
फंड मैनेजर आनंद लड्ढ़ा ने कहा कि पिछले दो दशकों में बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्र जीडीपी की तुलना में तेजी से बढ़ा है। अतीत में इस वृद्धि के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था में विभिन्न बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं की पहुंच कम है। यानी इस सेक्टर के आगे बढऩे की अब भी भरपूर गुंजाइश है। बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं को मिलाकर देखें तो यह भारत के कुल बाजार पूंजीकरण का एक चैथाई हिस्सा है। यह एक अच्छी तरह से विविध निवेश अवसर प्रदान करता है और इसलिए हम इस फंड को लॉन्च कर रहे हैं।