हिन्दुस्तान जिंक़ और एआईएफएफ द्वारा जावर में उत्तर भारत की पहली टेक्नॉलोजी आधारित गल्र्स फुटबॉल एकेडमी की शुरूआत

भारत में महिला फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक पहल
गल्र्स रेजीडेन्शियल एकेडमी के लिए एआईएफएफ के साथ पार्टनरशीप, पहले बैच में 20 बालिकाएं (अंडर-15) होंगी शामिल

उदयपुर (डॉ. तुक्तक भानावत)।
समानता, सशक्तिकरण और भारत में फुटबॉल क्रांति लाने के एक नए युग की शुरुआत करते हुए, वेदांता समूह की कंपनी हिन्दुस्तान जिंक़ और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ एआईएफएफ ने उत्तर भारत की पहली टेक्नॉलोजी आधारित जिंक़ फुटबॉल गल्र्स एकेडमी की शुरूआत की। यह अकादमी हिन्दुस्तान जिंक़ के सीएसआर कार्यक्रम के तहत्  बुनियादी स्तर पर फुटबॉल क्रांति की पहल है। एआईएफएफ इस गल्र्स अकादमी को तकनीकी और रणनीतिक सहायता प्रदान करेगा।
जिंक़ फुटबॉल गल्र्स एकेडमी के शुभारंभ अवसर पर भारतीय महिला फुटबॉल टीम की कप्तान स्वीटी देवी, एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे, निवृति कुमारी मेवाड़, सलूबंर जिला कलेक्टर अवधेश मीणा, हिन्दुस्तान जिंक़ मजदूर संघ फैडरेशन के अध्यक्ष यूएम शंकरदास, मजदूर संघ महामंत्री लालूराम मीणा, राजस्थान फुटबॉल एसोसिएशन के सचिव दिलीप सिंह शेखावत, हिन्दुस्तान जिंक़ के सीओओ किशोर कुमार एस, सीएचआरओ मुनिश वासुदेवा, चीफ  कॉमर्शियल सी सतीश, वेदांता की सीएसआर हेड अनुपम निधि, जावर माइंस आईबीयू सीईओ अंशुल खंडेलवाल की उपस्थिति में हुआ।

North India’s first girls football academy was inaugurated on Thursday in Zawar, Udaipur in the presence of Indian women’s football team captain Sweety Devi, AIFF President Kalyan Chaubey, Nivriti Kumari Mewar. Girls selected for the academy from all over India were also present on the occasion of inauguration.


जिंक़ फुटबॉल एकेडमी अनोखी जमीनी स्तर की फुटबॉल विकास पहल है, जो कि जावर, उदयपुर में विश्वस्तरीय सुविधाओं और देश की पहली टेक्नोलॉजी आधारित फुटबॉल ट्रेनिंग एवं अद्वितीय एफ-क्यूब तकनीक के साथ पूर्ण आवासीय गल्र्स फुटबॉल अकादमी है। इस पहल का लक्ष्य भारतीय फुटबॉल के विकास में योगदान करना है, जबकि दुनिया के सबसे प्रिय खेल की शक्ति का लाभ उठाकर विशेषकर महिलाओं, बच्चों और लोगों का सामाजिक उत्थान सुनिश्चित करना है।
जिंक फुटबॉल गल्र्स एकेडमी के तहत् अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के साथ पार्टनरशीप की है, जिसमें एआईएफएफ  गल्र्स आवासीय अकादमी के लिए रणनीतिक और तकनीकी भागीदार होगा। पार्टनरशीप के तहत, एआईएफएफ  परिचालन दिशानिर्देश और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करेगा, कोच और स्काउट्स की क्षमता निर्माण में सहायता करेगा और ज्ञान साझा करने में भी संलग्न होगा।


इस अवसर हिन्दुस्तान जिंक़ लिमिटेड की चेयरपर्सन, प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने कहा कि बालिकाओं के लिए एक प्रमुख आवासीय फुटबॉल अकादमी से हिन्दुस्तान जिंक़ की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्धता स्पष्ट है। हमारा उद्धेश्य समग्र विकास के अवसर दने की ओर है, जिससे युवा लड़कियों को कल के लिए आत्मविश्वासी और आगे बढऩे में सक्षम बनाया जा सके। इस अकादमी का उद्धेश्य केवल फुटबॉल प्रतिभा को विकसित करना ही नहीं है यह आने वाले कल के आत्मविश्वासी, मजबूत युवाओ को अवसर और आकार देना है।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष, कल्याण चौबे ने कहा कि हमें हिन्दुस्तान जिंक़ के साथ जिंक फुटबॉल गल्र्स अकादमी की शुरूआत करने पर हर्ष है। मुझे लगता है कि यह न केवल राजस्थान में बल्कि पूरे देश में फुटबॉल को विकसित करने में मदद करेगा। यह साझेदारी ऐसे समय में हो रही है जब एआईएफएफ के सीआरएस पोर्टल पर महिला खिलाडिय़ों के पंजीकरण में 232 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है और सीनियर महिला राष्ट्रीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में खेले जाने वाले एएफसी महिला एशियाई कप-2026 के लिए क्वालीफाई कर लिया है, यह बहुत महत्वपूर्ण है। एआईएफएफ इस एकेडमी की सफलता के लिए तकनीकी सहायता प्रदान कर गौरवान्वित है।
शुरुआती बैच में राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और झारखंड सहित विभिन्न राज्यों की 20 बालिका शामिल हैं। अगले 12-18 महीनों में अकादमी की इनकी संख्या बढ़ाकर 60 करने की भी योजना है। अकादमी, पूरी तरह से सुसज्जित आवासीय छात्रावास है, जिसमें 15 वर्ष से कम आयु वर्ग की 20 बेहद प्रतिभाशाली युवा लड़कियों से अपने पहले बैच की शुरूआत की है। यह कार्यक्रम इन बच्चों को पेशेवर फुटबॉलर बनने के लिए सभी अवसर और सही मार्गदर्शन प्रदान करेगा, साथ ही उनकी औपचारिक शिक्षा का भी ध्यान रखेगा।
जिंक फुटबॉल अकादमी 3 फीफा क्वालिटी टर्फ  और प्रशिक्षण और अभ्यास के लिए 7वी7 आकार के प्राकृतिक घास के मैदान से भी सुसज्जित है, जिसमें टीम डगआउट भी हैं। इसके अतिरिक्त, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन और क्रिकेट जैसे मनोरंजक खेलों के लिए एक मल्टी-स्पोर्ट ग्राउंड भी है। इस पहल ने कोचिंग की गुणवत्ता पर व्यापक जोर दिया है और बच्चों के लिए फुटबॉल प्रशिक्षण के हर पहलू का ध्यान रखने के लिए उच्च योग्य और लाइसेंस प्राप्त कोच टीम को नियुक्त किया है।
जिंक फुटबॉल अकादमी और जिंक फुटबॉल स्कूल्स में, एफ-क्यूब ट्रेनिंग एंड असेसमेंट टेक्नोलॉजी के माध्यम से खिलाडिय़ों का लगातार मूल्यांकन, निगरानी और विश्लेषण किया जाता है। यह एक सुव्यवस्थित खिलाड़ी डेटा ट्रैकिंग प्रणाली है जो हमारे योग्य कर्मचारियों को बच्चों के सही विकास के लिए उचित कदम उठाने में मदद करती है। एफ-क्यूब फुटबॉल और फिटनेस प्रशिक्षण, कौशल मूल्यांकन, संज्ञानात्मक विकास और अभ्यास के लिए दुनिया का पहला बुद्धिमान और इंटरैक्टिव उपकरण है। यह कौशल, पोषण, शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और मानसिक विकास जैसे महत्वपूर्ण मापदंडों को भी ध्यान में रखता है।
हिन्दुस्तान जिंक़ ने देश में जमीनी स्तर पर फुटबॉल विकसित करने के लिए भारत के प्रमुख फुटबॉल विकास संगठनों में से एक द फुटबॉल लिंक के साथ साझेदारी की है, जिसके पास बड़े पैमाने पर फुटबॉल पहल आयोजित करने की पेशेवर विशेषज्ञता है। 1976 में राजस्थान के जावर में हिन्दुस्तान जिंक़ द्वारा फुटबॉल स्टेडियम की स्थापना के लगभग चार दशकों से इस खेल से जुड़ा हुआ है और खिलाडिय़ों को बढ़ावा दे रहा है। पिछले 40 वर्षों से, जावर स्टेडियम में हर साल राष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट आयोजित किए जा रहे हैं। कंपनी ने अतीत में कई एथलीट का भी समर्थन किया है जो कि अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में देश के लिए सम्मान लाने में सफल हुए हैं। 

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