राजस्थान के 5 जिलों एवं उत्तराखंड के पंतनगर में सखियों को ‘सफल सखी‘ टैबलेट होंगे उपलब्ध
उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा मंजरी फाउण्डेशन के सहयोग से वर्तमान समय में डिजिटल लेनदेन और अन्य कार्यों के ऑनलाइन होने के कारण स्वयं सहायता समूह के लेनदेन और अन्य हिसाब को भी ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने के लिए सखी सफल टैबलेट को लांच किया गया है। इसमें गाँवो में चल रहे स्वयं सहायता समूह के सदस्यों की बचत और अन्य लेन देन का संपूर्ण विवरण ऑनलाइन रहेगा। राजस्थान के 5 जिलों एवं उत्तराखंड के पंतनगर में इस टैबलेट का संपूर्ण संचालन चयनित ग्रामीण महिलाओं द्वारा ही किया जायेगा।
समूह सखी की महिलाओं को सफल सखी टैबलेट उपलब्ध करा सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण दिया गया और अब वह अपने अपने गाँवो के स्वयं सहायता समूह की जानकारी स्वयं के स्तर पर ऑनलाइन करेंगी। स्वयं सहायता समूहों द्वारा रेग्यूलर मोनिटरिंग एवं टैªकिंग सिस्टम आरएमटीएस का उपयोग किया जा रहा था। आरएमटीएस में मैनुअल अकाउंटिंग, डेटा एंट्री में त्रुटि और सॉफ्टवेयर अपडेट होने की कुछ समस्याओं को दूर करते हुए सफल सखी टैबलेट को लांच किया गया है। सफल सखी द्वारा प्रिंटर को जोड़कर व्यक्तिगत बचत के साथ साथ महिला समूहों की बचत के लिए भी प्रिंटेड रसीद उपलब्ध हो सकेगी। यह न केवल उनके दैनिक लेनदेन के रखरखाव के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा बल्कि उन्हें कई वित्तीय और सरकारी योजनाओं के लाभ के साथ ही बैंको से सहयोग में भी उपयोगी होगा।
जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने कहा कि सफल सखी टैबलेट डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण के अनुसार है एवं यह निश्चित तौर पर सखी महिलाओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने में सफल साबित होगा। यह पहल महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक आत्मनिर्भरता को सुदृढ़ करने का कार्य करेगी क्योकिं परिवार में महिलाएं स्थ्रिता बनाए रखने और बचत के सद्उपयोग को सुनिश्चित करती है।
राजस्थान के उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा और अजमेर में महिला सशक्तीकरण हेतु अब तक 119 समूह सखियों को सफल सखी टैबलेट के उपयोग हेतु प्रशिक्षण दिया गया है। इस पहल के तहत् 193 गांवों की 201 समूह सखियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। सफल सखी टैबलेट को वर्चुअल समारोह में अरूण मिश्रा, मंजरी फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक संजय शर्मा, जिंक वरिष्ठ प्रबंधन के अधिकारियों, मंजरी फाउंडेशन के सदस्यों एवं समूह सखियों की उपस्थिति में लांच किया गया।
वर्तमान में जून 2020 तक सखी परियोजना के अंतर्गत 1857 सखी समूहों के बैंक खातों से जोड़ा जा चुका है जिनकी सामुहिक बचत 9.60 करोड़ से अधिक है एवं कुल ऋण 28.04 करोड़ है। अब तक 22 हजार 250 महिलाओं द्वारा कम ब्याज दरों पर आजीविका, आय सृजन, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं ऋण भुगतान के लिए समूह ऋण का लाभ उठाया है।
सखी हिंदुस्तान जिंक की प्रमुख परियोजना है जिसमंे स्वयं सहायता समूहों के गठन के माध्यम से अपने परिचालन क्षेत्र के आसपास के ग्रामीण और आदिवासी गांवों की 26,000 से अधिक महिलाओं को सशक्त बनाया गया है। प्रत्येक समूह में 10 से 15 महिलाएं जुड़ी है जो बचत और अंतर-ऋण गतिविधियों से बचत शुरू करती हैं। स्वयं सहायता समूह की महिलाएं महत्वपूर्ण सामाजिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक सहायता प्राप्त कर रही हैं।
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