विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं का मार्ग प्रशस्त कर रहा हिन्दुस्तान जिंक

हिन्दुस्तान जिंक के कार्यबल में 25 प्रतिशत से अधिक महिलाएं है, जो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रहा है।
लीडरशीप और ऑपरेशन में 200 से अधिक इंजीनियर सहित 700 से अधिक महिला कर्मचारी कार्यरत
उदयपुर :
हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक, अपने ऑपरेशसं में महिलाओं के उत्कृष्ट योगदान के साथ इंटरनेश्नल डे ऑफ वूमेन एण्ड गल्र्स इन साइंस पर गौरवान्वित है। भारत के सबसे बडे़ समूहों में से एक कंपनी माइंस और स्मेल्टर में कार्यरत 200 से अधिक महिला इंजीनियर्स के साथ मेटल इंडस्ट्री को नया रूप देने में अग्रणी है।
लगभग 25 प्रतिशत जेण्डर विविधता अनुपात के साथ, हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य परिचालन में 700 से अधिक महिलाएं कार्यरत है, यह आंकड़ा भारत के मुख्य मैन्युफैक्चरिंग, मेटल और माइनिंग सेक्टर की अन्य कंपनियों की तुलना में काफी अधिक है। कंपनी ने उल्लेखनीय बैंचमार्क भी स्थापित किए हैं जिनमें अंडरग्राउण्ड माइंस में भारत की पहली महिला माइन मैनेजर और देश की पहली और दूसरी ऑल वूमेन अंडरग्राउण्ड रेस्क्यू टीम शामिल है जो कि हिन्दुस्तान जिं़क की साइट पर कार्यरत हैं।
हिंदुस्तान जिंक की महिलाएं इंजीनियरिंग, अनुसंधान, भूविज्ञान और प्रयोगशाला विज्ञान में अभूतपूर्व योगदान दे रही हैं, जो सांइंस, टेक्नोलाॅजी, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्रों में महिला प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। विशेष रूप से, हिन्दुस्तान जिंक की 70 प्रतिशत से अधिक महिला कर्मचारियों की पृष्ठभूमि विज्ञान में है, जो माइनिंग, इंजीनियरिंग और मुख्य परिचालन में तकनीकी प्रगति को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रही हैं। हिन्दुस्तान जिंक, डिजिटलीकरण, इंडस्ट्री 4.0 तकनीक, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन को एकीकृत करके खनन और धातु उद्योग में सक्रिय रूप से बदलाव ला रहा है, जिससे मैनुअल श्रम की आवश्यकता कम हो रही है एवं खनन को विविध कार्यबल के लिए अधिक सुलभ बनाया जा रहा है। टेली-रिमोट अंडरग्राउंड माइनिंग, रियल-टाइम एनालिटिक्स और ऑटोमेशन की सुविधा वाली कंपनी की डिजिटल खदानें तेजी से विकसित हो रहे उद्योग में सभी के लिए समान करियर के अवसर प्रदान करती हैं।
हिन्दुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि “हिंदुस्तान जिंक 2025 तक अपने कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को 25 प्रतिशत और 2030 तक 30 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। महिलाओं को अवसर देकर, विशेष रूप से साइंस और माइनिंग में, हम एक ऐसे भविष्य का निर्माण कर रहे हैं जहाँ पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में महिला प्रतिभा को न केवल पहचान मिली है बल्कि उनका सम्मान भी किया जाता है। नेतृत्व में महिलाओं के लिए हमारा प्रयास केवल जेण्डर समानता के बारे में नहीं है – यह जटिल वातावरण में समस्या-समाधान और निर्णय लेने के लिए विविध दृष्टिकोणों का उपयोग करने के बारे में है।”
प्रत्यक्ष रोजगार के साथ ही , हिन्दुस्तान जिंक की सामाजिक पहल, जिंक कौशल केंद्र ने नर्सिंग और इलेक्ट्रिकल कार्य जैसे पूर्व-व्यावसायिक विज्ञान से संबंधित पाठ्यक्रमों के माध्यम से 500 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया है, जिससे उनकी रोजगार क्षमता और वित्तीय स्वतंत्रता बढ़ी है। भारत की अग्रणी खनन और धातु कंपनी के रूप में, हिन्दुस्तान जिंक बाधाओं को दूर कर और उद्योग मानकों को फिर से परिभाषित कर एक विविध और समावेशी कार्यबल को बढ़ावा देने में सबसे आगे है। प्रत्येक स्तर पर महिलाओं को सहयोग देने की हिन्दुस्तान जिंक की प्रतिबद्धता ने जीवनसाथी को कार्य पर रखना, चाइल्डकैअर के लिए साल भर की छुट्टी, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य अवकाश नीतियां और करियर को आगे बढ़ाने के अवसरों जैसी प्रगतिशील नीतियों को बनाया है। हिंदुस्तान जिंक माइन और मेटल उद्योग में समावेशिता के लिए विज्ञान-संचालित नवाचार और जेण्डर विविधता के साथ नया मानदंड स्थापित कर रहा है।

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