हिन्दुस्तान जिंक द्वारा शिक्षा संबल शीतकालीन शिविर के माध्यम से लगभग 1700 से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित

उदयपुर : भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने शिक्षा पर केंद्रित शिक्षा संबल परियोजना के शीतकालीन शिविर का सफलतापूर्वक समापन किया, जिसमें वंचित ग्रामीण इलाकों के लगभग 1700 से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हुए। शीतकालीन शिविरों में प्रदेश के 6 जिलों के 47 राजकीय विद्यालयों के पहली पीढ़ी के शिक्षार्थियों को शामिल किया गया। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा शिक्षा संबल कार्यक्रम के तहत् शीतकालीन शिविर, शिक्षा-केंद्रित सामाजिक प्रभाव पहल, 2008 से राजस्थान में संचालित हो रहा है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के 2 लाख से अधिक विद्यार्थी सालाना लाभान्वित हो रहे है। शिक्षा संबल का उद्देश्य उन शिक्षार्थियों को सहायता प्रदान करना है, जो वित्तीय, सामाजिक और सुविधा संबंधी बाधाओं के कारण पढ़ाई और संतोषजनक करियर को आगे बढ़ाने का विकल्प नहीं चुन सकते हैं। यह पहल कक्षा 10वीं के छात्रों को शैक्षणिक सहायता प्रदान करती है जो त्यौहारी अवकाश के दौरान अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के अंतिम चरण में हैं और संरचित सत्रों, विशेष कार्यपुस्तिका अभ्यास और विज्ञान के छात्रों के लिए व्यावहारिक प्रयोगशाला कार्य के साथ-साथ गणित और अंग्रेजी के लिए उन्नत पुस्तकालय कार्य के माध्यम से पढ़ने, लिखने, गणित और विज्ञान जैसे मूलभूत विषयों में सहायता प्रदान करती है। इन मूल विषयों पर ध्यान केंद्रित कर, शिविर का उद्देश्य छात्रों की समझ को मजबूत करना और उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को बढ़ावा देना था। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम ने सीखने के परिणामों को अधिकतम करने के लिए लगातार उपस्थिति पर बल दिया, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रत्येक छात्र प्रदान की गई व्यापक शैक्षिक सहायता से लाभान्वित हो सके। विद्या भवन सोसाइटी के सहयोग से संचालित शिक्षा संबल शीतकालीन शिविर राजस्थान के उदयपुर, सलूंबर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, अजमेर और भीलवाड़ा सहित विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया गया।
हिंदुस्तान जिंक का शिक्षा संबल कार्यक्रम ग्रामीण राजस्थान में शिक्षा के माध्यम से वंचित बच्चों के उत्थान की व्यापक प्रतिबद्धता का अभिन्न अंग है। कंपनी ने हाल ही में राजस्थान के शिक्षा विभाग के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें राज्य में शैक्षिक विकास को बढ़ाने के लिए अगले पांच वर्षों में 36 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता है। कंपनी ने ग्रामीण बच्चों के बाल्यावस्था के विकास को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान और उत्तराखंड में 1400 से अधिक नंद घर स्थापित किए हैं, जिससे 2.5 लाख से अधिक महिलाएं और बच्चे लाभान्वित हुए हैं। पिछले कुछ वर्षों में, कंपनी ने अन्य पहलों जैसे ऊंची उड़ान, जो कम आय वाले पृष्ठभूमि से आने वाले आईआईटी उम्मीदवारों को सहायता प्रदान करती है, और जीवन तरंग, जो दिव्यांग बच्चों को सशक्त बनाती है, के साथ राज्य के शैक्षिक परिदृश्य को महत्वपूर्ण रूप से बदल दिया है। शिक्षा के साथ ही हिंदुस्तान जिंक ग्रामीण महिलाओं और किसानों के लिए स्थायी आजीविका के अवसरों, स्वास्थ्य सेवा पहुंच, जल संरक्षण और स्वच्छता को बढ़ावा देने में महत्पूर्ण पहल संचालित है, जिसने 3,700 से अधिक गांवों में 20 लाख से अधिक लोगों के जीवन को लाभान्वित किया है। भारत की शीर्ष 10 सीएसआर कंपनियों में सम्मिलित, हिंदुस्तान जिंक की पहल आत्मनिर्भर राजस्थान के निर्माण के लिए इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है जो समावेशिता, नवाचार और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देती है।

Related posts:

माता-पिता अपने बच्चों की शारीरिक बनावट के बजाय उनके आंतरिक गुण एवं दक्षता को महत्व दें : राजेंद्र गा...

प्रकृति ही जीवन की पोषक : कैलाश मानव

स्मार्ट वॉच से बीपी देखें पर सटीकता के लिए डॉक्टर जरूरी : डॉ. खंडेलवाल

नारायण सेवा ने संक्रांति पर देशभर में पहुँचाई सेवा

शिविर में 108 यूनिट रक्तदान

संगोष्ठी में महाराणा संग्रामसिंह प्रथम कालीन ‘मेवाड़ साम्राज्य के महत्व’ और नवीन शोध पर व्याख्यान

झीलों की नगरी में केंद्रीय महिला एवं स्वास्थ्य मंत्रालय का चिंतन शिविर का आगाज़

सेटेलाइट हॉस्पिटल में फल वितरित

Hindustan Zinc’s double sweep at the People First HR Excellence Award 2022

Hindustan Zinc Inaugurates 1 RO Hub plant at Ordi and 1 Water ATM at Dabok

48वें माइंस सेफ्टी वीक में हिन्दुस्तान जिंक जावर ग्रुप ऑफ माइंस का उत्कृष्ट प्रदर्शन

फील्ड क्लब की जमीन 93 सालों से हमारे पास है, सरकार ने हमे इस पर लोन दिया, हमारी भूमि पर सोसायटी ने इ...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *