उदयपुर : हिंदुस्तान जिंक को “इन्कलुजन व सोशल इम्पेक्ट पर बेस्ट एचआर प्रैक्टिसेज अवार्ड” की श्रेणी में “5वां सीआईआई नेशनल एचआर सर्कल कम्पटिशन 2021” से सम्मनित किया है। जिंक ऐसी कम्पनी है, जिसका़ विश्वास है कि उसके कर्मचारी ही सबसे बडी सम्पत्ती है जिसके लिए अपने कर्मचारियो को पूरी तरह से समर्थ करने में व विभिन्न क्षेत्रो में समलित कर एडवांस डिजिटल वर्कप्लेस बनाया जा सकता है। जिंक यह मानता है कि अगर कर्मचारी अपने क्षेत्रों मे उन्नती करेगें तो कम्पनी अपने आप अपनी उच्चाई पर मुकाम हासिल करेगी।
सीआईआई जूरी पैनल ने कई मानदंडों पर प्रतिभागी संगठनों को परखा जिसमें नीतियों और प्रेक्टिसेज को प्रमोट कर व्यावसायिक लाभ प्राप्त करने के लिए विविधता और समावेशिता को बढ़ावा देती कम्पनियों का क्या रोल है, वर्तमान परिदृश्य में सामाजिक प्रभाव से संबंधित एचआर प्रेक्टिसेज सामाजिक रूप से प्रभावशाली पहलु है जो कर्मचारियों की भागीदारी और ब्रांड बनाने के लिए सक्षम है।
जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, “ हम यहां हिंदुस्तान जिंक में यह विश्वास रखते हैं कि समावेशिता सामूहिक विकास पर मूल्य प्रणाली के साथ कार्य संस्कृति को सशक्त बनाने और व्यवस्थित करने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत बनाती है। हमारे जन विकास प्रयास ऐसी संस्कृति को सुदृढ़ करती है जहां हर कोई एक और सभी को समान अवसर प्रदान करके मूल्यवान और सम्मानित महसूस करता है। हमें खुशी है कि जिंक ने “इन्कलुजन व सोशल इम्पेक्ट पर बेस्ट एचआर प्रैक्टिसेज अवार्ड ” की श्रेणी के तहत “5वां सीआईआई नेशनल एचआर सर्किल कम्पटिशन 2021” जीता है जो हमें मजबूत और अधिक समावेशी विकास को सक्षम करने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रेरित करता है।
जिंक का विश्वास है कि वह समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है जो हर आम के लिये पहली उपलब्धता बन गया है। कंपनी हमेशा अपने कर्मचारियों और वर्कर्स की सेवा के लिए विभिन्न प्रयास करती रही है। हिंदुस्तान जिंक महिला कर्मचारी के शोषण व सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमेशा बाधाओं और रूढि़वादी मानदंडों को तोड़ती रही हैं। कंपनी की दो महिला कर्मचारियों ने इसी उपलक्षता पर इस वर्ष के दौरान आधार जोड़ने से लेकर बाधाओं को तोड़ने तक का प्रयास किया है। जिसका जीता जागता उदाहरण है संध्या रासकतला जो भारत की पहली महिला खान प्रबंधक बनीं और योगेश्वरी राणे प्रतिबंधित और अप्रतिबंधित दोनों श्रेणियों में प्रथम श्रेणी प्रमाणपत्र जीतने वाली भारत की पहली महिला बनीं। कंपनी में 15 प्रतिशत महिला एग्जीक्यूटीव है। विविधता के चलते जिंक में वुमेन काउन्सिल का गठन किया गया है जो सहयोग व सहभागिता को बढ़ावा देने, उनके विकास के लिये क्षमता को पहचानने में प्रयासरत है।
जिंक, हमेशा एक जिम्मेदार कॉरपोरेट के रूप में आग्रेनाइजेशन में होने वाली व्यावसायिक संघों के बीच विविधता और समावेश को बढ़ावा देने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहा है। कार्य स्थल पर एक बोर्ड गठित किया गया जिसका उद्देश्य हर स्तर पर समानता का ध्यान रखते हुए आपसी विकास हासिल करना है। कंपनी का उद्देश्य स्थायी कार्यस्थल पर एक कॉरपोरेट माहोल व कल्चर बनाना है जहां सभी एक समान हो ओर लिंग, जातीय, क्षेत्रीय संबद्धता, शारीरिक क्षमता, उम्र, रंग, वैवाहिक स्थिति, राष्ट्रीयता, धर्म और यौन उतपीडन्न आदि विभिन्न दृष्टिकोणों और अनुभवों को सम्मान के साथ कार्यरत हो। कंपनी का सस्टेनेबिलिटी गोल 2025 में एक समावेशी कार्यस्थल में 30 प्रतिशत विविधता प्राप्त करना है। कंपनी हमेशा इस विजन को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रयास करती रही है जिसकी का कारण है कि कंपनी को “इन्कलुजन व सोशल इम्पेक्ट पर बेस्ट एचआर प्रैक्टिसेज अवार्ड” प्रदान किया गया है।