हिंदुस्तान जिंक को ईएसजी रिस्क द्वारा ‘ईएसजी इंडिया लीडरशिप अवार्ड‘

उदयपुर। देश की प्रमुख जिंक, सिल्वर एवं लेड उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक को सस्टेनेबल सिद्धांतों हेतु प्रतिबद्धता एवं अग्रणी भूमिका के लिये ईएसजी रिस्क द्वार ईएसजी इंडिया लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया है। ईएसजी रिस्क एआई द्वारा आयोजित पहले अवार्ड समारोह में पर्यावरण और ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी के लिये जिंक ने भारत की पहली ईएसजी रेटिंग कंपनी का गौरव हासिंल किया है। इस वर्चुअल पुरस्कार समारोह में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्व अध्यक्ष, यू के सिन्हा, भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर, एसएस मूंदडा, एवं अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
ईएसजीरिस्क एआई के चेयरमैन एवं एक्यूट समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शंकर चक्रवर्ती, ने जिंक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि हमें पर्यावरण सरंक्षण हेतु किये गये प्रयासों एवं जीएचजी उत्सर्जन में कमी के लिए अग्रणी जिंक को ईएसजी इंडिया लीडरशिप अवार्ड्स से सम्मानित कर प्रसन्नता हैै। जिंक ने अक्षय ऊर्जा उत्पादन, पुनः उपयोग के साथ-साथ अपशिष्ट को 31 और पानी को 39 प्रतिशत पुनर्चक्रित किया है। यह उन बहुत कम कंपनियों में से है जिसने 2026 तक स्कोप 1 और 2 जीएचजी उत्सर्जन को कम करने के लिए विज्ञान-आधारित लक्ष्य रखा हैं, साथ ही स्कोप 1 जीएचजी उत्सर्जन को 2.87 प्रतिशत तक सफलतापूर्वक कम करने में सफलता हांसिल की हैं। मैं पर्यावरण श्रेणी में उनके असाधारण प्रदर्शन के लिए बधाई देता हूं। यह पुरस्कार सकारात्मक जलवायु कार्रवाई को पूरा करने, अधिक सतत और हरित भविष्य के निर्माण की दिशा में जिंक की प्रतिबद्धता का उदाहरण है।
जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा कि हिंदुस्तान जिंक ईएसजी लीडर-पर्यावरण श्रेणी और ईएसजी रिस्क एआई से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी के लिए सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार हेतु गौरवान्वित है। यह हमारे सामूहिक सतत विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की मान्यता है। हमारे द्वारा सौर उर्जा संयंत्र की क्षमता में निरंतर वृद्धि, एसबीटीआई के अनुरूप सरंेखण में नेट जीरो लक्ष्य, पेस्ट फिल प्लांट, ड्राई टेलिंग प्लांट और पवन ऊर्जा उत्पादन कर एक हरित भविष्य बनाने में निरंतर योगदान दिया जा रहा हैं। हम सस्टेनेबिलिटी के प्रति जागरूक रह कर इस दिशा में अपने प्रयास जारी रखेंगे।
जिंक को भारत के अग्रणी पवन ऊर्जा उत्पादकों में से एक के रूप में मान्यता दी गई है और कंपनी के 40 मेगावाट के सौर संयंत्र मानव निर्मित अपशिष्ट डंप यार्ड पर स्थापित करने का गोरव हांसिल हैं। कंपनी ने पेस्ट फिल तकनीक के माध्यम से कचरे के उपयोग के लिए एक आधुनिक विकल्प को शामिल किया है जो टैंंिलंग मैनेजमेंट के साथ बैकफिलिंग प्रक्रिया को जोड़ती है। पीपीपी मॉडल के तहत 60 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट शुद्ध जल खपत को कम करने में एक और उल्लेखनीय पहल है जो कंपनी के संचालन के लिए एक स्थायी जल स्रोत प्रदान करता है। कंपनी की सभी ऑपरेटिंग इकाइयां पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली आईएसओ 14001 से प्रमाणित हैं। ई.एस.जी. रिस्क.एआई (ई.एस.जी. रिस्क असेसमेंट और इनसाइट्स लि.) भारत की पहली ई.एस.जी. रेटिंग कंपनी है और अकुइटेस रेटिंग्स और रिसर्च लि. की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। ई.एस.जी. रिस्क.एआई की मूल्यांकन पद्धति में पर्यावरण, सामाजिक और शासन मानकों के साथ-साथ उनकी रिपोर्टिंग पारदर्शिता पर कंपनी के प्रदर्शन को शामिल किया जाता है।

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