हिन्दुस्तान जिंक की समाधान परियोजना से जुडे़ 1.4 लाख किसानों ने विभिन्न कृषि स्त्रोतों से 192 करोड़ से अधिक की आय और राजस्व सृजित किया

280 लाख लीटर से अधिक दूध का उत्पादन और 90 करोड़ रुपये की पशुधन संपत्ति
510 किसान हित समूह और 5 एफपीओ का गठन कर 9,300 से अधिक किसानों को जोड़ा
पारंपरिक खेती को कृषि-व्यवसाय में बदलकर ग्रामीण क्षेत्रों में आया सकारात्मक बदलाव
उदयपुर।
विश्व की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड जिंक उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड, सीएसआर पहल के तहत समाधान प्रोजेक्ट के माध्यम से राजस्थान के किसानों के जीवन में बड़ा सकारात्मक बदलाव लाने में सफल हुई है। इस परियोजना से अब तक लगभग 1.4 लाख किसानों को जोडकर गत एक वर्ष में विभिन्न कृषि स्त्रोतों से 192 करोड़ रुपये की कृषि आय एवं राजस्व अर्जित करने में योगदान दिया है।
उदयपुर के शंकर लाल डांगी को पहले पारंपरिक खेती से महीने में केवल 6 हजार से 7 हजार रुपये की आय हो पाती थी। हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड की प्रमुख कृषि-आजीविका पहल, समाधान के समर्थन से, उन्होंने वैज्ञानिक फसल पद्धतियों, ड्रिप सिंचाई को अपनाया और किसान उत्पादक संगठन का हिस्सा बने जिसने सुनिश्चित बाजार पहुंच और उचित मूल्य सुनिश्चित किया। आज, उनकी फसल उत्पादकता में काफी सुधार हुआ है, दूध उत्पादन दोगुने से भी अधिक हो गया है, और उनकी वार्षिक आय भी बढ़ी है, जिससे उनके परिवार में वित्तीय स्थिरता, आत्मविश्वास और सम्मान आया है।

Close-up of raw milk being poured into container with dairy cows in background


समाधान परियोजना खेती पर आधारित तरीकों पर फोकस करता है, लोकल किसानों को प्रोडक्टिविटी बढ़ाने, मेहनत कम करने और सस्टेनेबल खेती के तरीके अपनाने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। फसल विविधीकरण, डेयरी विकास, पशुधन संपत्ति निर्माण, माइक्रोएंटरप्राइज प्रमोशन और किसान-स्वामित्व वाली संस्थाओं को शामिल करने वाले कई तरीकों वाले दृष्टिकोण के माध्यम से, इस कार्यक्रम ने पिछले एक साल में महत्वपूर्ण परिणाम दिए हैं। इनमें पशुधन संपत्ति निर्माण में 90 करोड़ रूपयें से अधिक, 280 लाख लीटर से अधिक दूध उत्पादन जिसका मूल्य 88 करोड़ रूपयें से अधिक है, पाँच व्यक्तिगत किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से 13 करोड रूपयें़ से अधिक की आय, और गौयम जैसे किसान-नेतृत्व वाले माइक्रोएंटरप्राइज से लगभग 7 करोड़ रूपयें का राजस्व शामिल है, जिसमें डेयरी-आधारित एफएमसीजी उत्पाद और मिनरल मिक्सचर उत्पादन सुविधाएं शामिल हैं।
राजस्थान के राजसमंद जिले के सिंदेसर कलां गाँव से भी बदलाव का उदाहरण है, जहाँ दिनेश पुरी गोस्वामी ने समाधान के मार्गदर्शन में कम रिटर्न वाली पारंपरिक खेती से हटकर विविध सब्जी की खेती और बेहतर डेयरी तरीकों को अपनाया। वैज्ञानिक कीट प्रबंधन, उठी हुई क्यारियों वाली नर्सरी और पशु नस्ल सुधार को अपनाकर, दिनेश ने सिर्फ चार महीनों में सब्जी की खेती से 78,000 रूपयें की आय की, जबकि उनकी मासिक दूध की आय बढ़कर 12,000 रूपये हो गई। आय के स्रोतों में विविधता लाने से जोखिम काफी कम हो गया है और उनके परिवार के लिए आय में स्थिरता आई है।
समाधान की सफलता की नींव मजबूत बुनियादी कार्य करने वाले संस्थानों और किसानों के स्वयं के मालिक होने के अनुरूप है। इस पहल ने 510 किसान इंटरेस्ट ग्रुप और पाँच इंडिविजुअल फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन बनाए हैं, जिनमें 9,300 से ज्यादा किसान-शेयरहोल्डर शामिल हैं, जिससे एग्रीगेशन, पक्का मार्केट एक्सेस और लंबे समय तक चलने वाली स्थिरता संभव हुई है। समाधान ने पीओपी छोटे प्लॉट, हाई-टेक सब्जी की खेती, सटीक सिंचाई, ट्रेलिस फार्मिंग, वैज्ञानिक डेयरी मैनेजमेंट, औषधीय फसलें ,वाडी और बायो-फोर्टिफाइड फसलें जैसे जिंक और आयरन से भरपूर गेहूं जैसी क्लाइमेट-स्मार्ट खेती की गतिविधियों को अपनाकर 2,449 हेक्टेयर जमीन को कवर किया है, जिससे बेहतर उत्पादकता, बेहतर पोषण परिणाम और बढ़ी हुई आय हुई है। इस यात्रा में महिला किसान भी बदलाव लाने में अग्रणी बन कर उभर रही हैं। डेयरी एंटरप्रेन्योरशिप से लेकर बागवानी और फार्मर इंटरेस्ट ग्रुप में लीडरशिप भूमिकाओं तक, उनकी भागीदारी घरों की समृद्धि और समुदाय की मजबूती को बढ़ा रही है। उदाहरण के लिए, गणेशपुरा गांव की गेंदी बाई ने ड्रिप सिंचाई और मल्चिंग का इस्तेमाल कर एक बीघा सब्जी की खेती से 90 हजार रूपये की आय की, जिससे उन्हें ब्लॉक स्तर पर प्रगतिशील किसान के रूप में पहचान मिली।
हिन्दुस्तान जिंक केवल कृषि ही नहीं अपनी सोशल इम्पैक्ट रणनीति विकास के लिए लंबे समय तक चलने वाले, इंटीग्रेटेड दृष्टिकोण के माध्यम से मजबूत समुदायों के निर्माण पर आधारित है। कंपनी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास, स्थायी आजीविका, खेल और पर्यावरण प्रबंधन के क्षेत्रों में कार्यरत है, साथ ही अपने ऑपरेशनल क्षेत्रों में स्थानीय बुनियादी ढांचे और संस्थानों को भी मजबूत कर रही है। नंद घर, सखी, जिंक कौशल, समाधान जैसे समुदाय-आधारित हस्तक्षेपों, पार्टनरशिप और स्केलेबल मॉडल के संयोजन के माध्यम से हिन्दुस्तान जिं़क से वर्तमान में 2,300 से अधिक गांवों में लगभग 23 लाख लोग लाभान्वित हो रहे है। भारत के प्रमुख सीएसआर योगदानकर्ताओं में से एक के रूप में, कंपनी राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं और विकसित भारत के विजन के अनुरूप समावेशी विकास, सामाजिक समानता और जमीनी स्तर पर क्षमता निर्माण को आगे बढ़ा रही है। समाधान के जरिए कंपनी का लक्ष्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाकर विकसित भारत के सपने को साकार करना है।

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