माइनिंग के क्षेत्र में कंधे से कंधा मिला कर विकास को गति दे रही हिन्दुस्तान जिंक की माइनिंग इंजीनियर
देश ही नहीं विश्व की सर्वश्रेष्ठ हिन्दुस्तान जिंक की माइंस में 200 से अधिक महिला इंजीनियर
उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक की सभी खनन एवं परिचालन इकाईयों में खनन में महिला अंतर्राष्ट्रीय दिवस उत्साह पूर्वक मनाया गया। कंपनी की राजपुरा दरीबा काॅम्प्लेक्स की राजपुरा दरीबा एवं एसके माइंस, जावर माइंस, रामपुरा आगूचा, कायड़ एवं चंदेरिया लेड जिंक स्मेेल्टर में केक काट कर महिला इंजीनियर एवं कर्मचारियों ने खनन क्षेत्र में विकास की अपनी प्रतिबद्धतता दोहरायी।
इस अवसर पर हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने कहा कि, देश की वृद्धि और विकास की मजबूत यात्रा, विविध विचारों और दृष्टिकोणों के साथ उद्योग के विकास में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान हैं। हमारा ध्यान न केवल अपने कर्मचारियों को बेहतर बनाने पर है, बल्कि उन सभी उभरती और महत्वाकांक्षी महिला खनन इंजीनियरों के लिए मार्ग प्रशस्त करना है जो आगे बढ़ना चाहती हैं।
वेदांता समूह और देश की सबसे बड़ी और जस्ता, सीसा और चांदी की एकमात्र उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक में 200 से अधिक खनन इंजीनियरों सहित 600 से अधिक महिला कर्मचारी माइनिंग और स्मेल्टर के कार्यों में परिवर्तनकारी बदलावों सहित नवाचार का नेतृत्व कर रही हैं। महिला इजीनियरों ने विविधता और समावेशन में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। देश की पहली महिला भूमिगत खदान बचाव दल का गठन, जिन्हें वूमेंन आॅफ वेल्लोर के रूप में जाना जाता है, और वेदांता की पहली महिला भूमिगत प्राथमिक चिकित्सा टीम का गौरव हांसिल हैं। ये महिलाएं हिंदुस्तान जिंक के विकास की अभिन्न अंग हैं। कंपनी युवा इंजीनियरों को नई प्रक्रियाएं विकसित करने और अत्याधुनिक तकनीकों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए बहुआयामी अवसर प्रदान करती है।
कंपनी सभी स्तरों पर पुरूष और महिलओं के लिए समान प्रतिनिधित्व और समान अवसरों के साथ लैंगिक समानता को लक्षित करती है। ट्रांसफोर्मिंग द वर्कप्लेस के दृष्टिकोण के अनुरूप, कंपनी द्वारा मातृत्व लाभ के साथ उद्योग-अग्रणी लोगों-प्रथम नीतियों की घोषणा की है, एकल माता-पिता और एलजीबीटीक्यूआईए़ व्यक्तियों के लिए पितृत्व नीति, और समावेशिता और कल्याण को बढ़ावा देने वाली महिला कर्मचारियों के लिए नो क्योश्चन्स आस्क पोलिसी विविध पहल हैं जो खनन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं ताकि उन्हें नई भूमिकाओं के लिए तैयार किया जा सके और कैंपस भर्ती में लिंग विविधता अनुपात को अनिवार्य किया जा सके जो वित्त वर्ष 24 में 34.27 प्रतिशत है।
महिला कर्मचारियों को सशक्त बनाने और उनके क्षमतावर्धन में सक्षम करने में कंपनी सदैव प्रयत्नशील रही है। परिणामस्वरूप भूमिगत खदानों में कार्य करने वाली भारत की पहली महिला खदान प्रबंधक हिंदुस्तान जिंक से हैं। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा वी-बिल्ड, महिलाओं द्वारा महिलाओं के लिए पहल है, जिसके माध्यम से कंपनी ने 20 उच्च क्षमता वाली महिला प्रोफेशनल की पहचान की। हिंदुस्तान जिंक का दृढ़ विश्वास है कि खनन और इंजीनियरिंग में महिलाओं की उपस्थिति भारत की वृद्धि और विकास की मजबूत यात्रा के लिए महत्वपूर्ण है। खनन और धातु प्रमुख ने समान प्रतिनिधित्व के लिए कार्यकारी कार्यबल में 21.7 प्रतिशत महिलाओं, कार्यकारी कार्यबल में 54 प्रतिशत इंजीनियरों और विभिन्न विभागों में निदेशक स्तर की भूमिकाओं में 45-50 प्रतिशत महिलाओं को शामिल किया है। हिंदुस्तान जिंक हमेशा जेण्डर, भौगोलिक, सांस्कृतिक और नस्लीय विविधता को बढ़ावा देने में अग्रणी रहा है और इसने सभी कार्यकारी और प्रबंधन समितियों के बीच 30 प्रतिशत विविधता हासिल करने और बनाए रखने का लक्ष्य है।