उदयपुर। इंदिरा आईवीएफ ने 1,00,000 आईवीएफ को सफल बनाया है। यह देश की पहली आईवीएफ सिंगल-स्पेशियाल्टी चेन है जिसने सभी के लिए यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य के महत्व पर जोर देते हुए 10 वर्षों की अवधि में इस उपलब्धि को हासिल किया है। इंदिरा आईवीएफ ने पाया है कि इनके केंद्रों पर आने वाली सभी महिला रोगियों में इनफर्टिलिटी के दो प्रमुख कारण हैं – पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम और ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब बांझपन; जबकि पुरुषों में इनफर्टिलिटी का प्रमुख कारण शुक्राणुओं की कम संख्या है।
इंदिरा आईवीएफ ने देश के दूरदराज के हिस्सों तक गुणवत्तापूर्ण उपचार की पहुंच पर जोर दिया है। संगठन ने देशभर में 700 फिजिकल कैम्प्स के जरिए 60,000 कपल्स को जागरूक करने का काम किया है। कोविड -19 के दौरान भी डिजिटल एकीकरण और व्यक्तिगत परामर्श के साथ प्रयास जारी रहे। इसके 107 केंद्रों में से 50 प्रतिशत से अधिक केंद्र टियर 2 और टियर 3 स्थानों में स्थित हैं, जिन्होंने इनफर्टिलिटी के चिकित्सा उपचार के बारे में जागरूकता पैदा करके भारी संख्या में लोगों को सशक्त बनाया और तकनीकी रूप से समर्थित उपचार को आसानीपूर्वक उपलब्ध कराया। समूह की योजना बांग्लादेश और नेपाल में केंद्र स्थापित करके अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति के साथ हर साल 20 -30 और ऐसे केंद्र खोलने की है।
इंदिरा आईवीएफ समूह के संस्थापक और अध्यक्ष, डॉ. अजय मुर्डिया ने कहा कि हमारी सफलता की पहली कहानी तब घटित हुई जब वर्ष 2011 में नव्या नामक एक बच्ची इस दुनिया में आई। उस समय के एक जीवन से लेकर एक दशक में एक लाख के आँकड़े को स्पर्श करने तक, मुझे इसे देखकर बेहद खुशी हो रही है कि अपना परिवार बढ़ाने की चुनौतियों का सामना कर रहे कपल्स की मदद करने के उद्देश्य के साथ हम कितनी दूर आ चुके हैं। हम लोगों को इनफर्टिलिटी की समस्या से छूटकारा दिलाने और उनके उपचार के लिए चिकित्सा समाधान उपलब्ध कराने के प्रति संकल्पित हैं।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सह-संस्थापक, डॉ. क्षितिज मुर्डिया ने कहा कि पिछले साल हम अपनी प्रगति और महत्वाकांक्षा में तेजी लाने के लिए एक मजबूत टीम लाए। हमने इंदिरा आईवीएफ में अपने कार्यों को संभालने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को नियुक्त करने पर ध्यान दिया है। निदेशक और सह-संस्थापक नितिज मुर्डिया ने कहा कि हमारे एक लाख की उपलब्धि को हासिल करने में उन्नत तकनीकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हमने सर्वोत्तम कोटि के क्लोज्ड वर्किंग चैम्बर्स, इलेक्ट्रॉनिक विटनेसिंग, माइक्रोफ्लुइडिक्स, एडवांस्ड इनक्यूबेटर्स और लैबकेयर अलार्म सिस्टम को प्रयोग में लाया है, जिन्होंने निम्नतम संभव साइकल्स की संख्या में कपल्स को गर्भ धारण में मदद की है। हम अपने मरीजों के लिए प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) सॉफ्टवेयर के साथ भी काम कर रहे हैं। अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से लैस, इंदिरा आईवीएफ अनगिनत कपल्स को इनफर्टिलिटी की अक्सर-जटिल समस्या से मुक्ति पाने और अंतत: परिवार शुरू करने के उनके सपने को साकार करने में मदद करता है। यह काउंसलिंग एवं अंडाणु और शुक्राणु फ्रीजि़ंग की सुविधाएं भी प्रदान करता है जो 40-45 वर्ष की आयु तक परिवार नियोजन को टाले रखने वाले असंख्य युवकों और युवतियों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
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