राज्यपाल ने एमपीयूएटी के 16वें दीक्षांत समारोह में की शिरकत

कृषि उत्पादन बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा के लिए अपनानी होगी बहुआयामी रणनीति – राज्यपाल
पारम्परिक खेती के ज्ञान के साथ अपनाने होंगे नवाचार – राज्यपाल
उदयपुर।
राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने बुधवार को महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 16 वें दीक्षांत समारोह में विवेकानंद सभागार में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों को उपाधियां दी। कार्यक्रम में राज्यपाल ने सर्वप्रथम संविधान के मूल कर्तव्यों का वाचन किया एवं सभी को कर्तव्यों का पालन करने की शपथ दिलाई।
समारोह के प्रारम्भ में राज्यपाल ने उपस्थित विद्यार्थियों, अतिथियों एवं अभिभावकों को संविधान की शपथ दिलाई। दीक्षांत समारोह कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ एस. एल. मेहता, पूर्व कुलपति एमपीयूएटी तथा पूर्व उप महानिदेशक (कृषि शिक्षा) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने दीक्षांत उद्बोधन दिया। माननीय कुलपति डॉ अजीत कुमार कर्नाटक ने स्वागत के साथ विश्वविद्यालय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।


कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री मिश्र ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप को नमन किया। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के लिए जीवन का नया सोपान है जिससे वे अपने अर्जित ज्ञान के प्रकाश को समाज और राष्ट्र के विकास के लिये चहुँ ओर फैलाएं। उन्होंने सभी पदक विजेताओं और उपाधि प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने कहा कि कृषि एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में यह विश्वविद्यालय शोध और शिक्षा में देश का प्रमुख केन्द्र बने, इसके लिए जरूरी है कि नवाचार अपनाते हुए ऐसे विषयों पर विश्वविद्यालय ध्यान दें जिससे खेतों में उन्नत पैदावार हो तथा स्थानीय जलवायु के अनुसार खेती आगे बढ़े।
 राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि कृषि क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों के दौरान पैदावार में वृद्धि हुई है परन्तु मिट्टी की उर्वरा शक्ति क्षीण हुई है, खेती का क्षेत्र घटने लगा है। इसके साथ ही और भी बहुत सारी समस्याएं कृषि क्षेत्र में उत्पन्न हुई है। वे चाहते हैं कि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय इन समस्याओं के प्रभावी समाधान हेतु नई तकनीकों के उपयोग के साथ ही ऐसी शोध विकसित करें जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़े, विभिन्न प्रकार की फसलों का उत्पादन हो साथ ही खेती में रासायनिक उर्वरकों का कम से कम उपयोग हो। विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक ऐसे उपाय सुझाए जिससे खेत-खलिहानों में समृद्धि की बयार आए। उन्होंने प्राचीन कृषि संस्कृति को सहेजने की जरूरत भी बताई।


राज्यपाल ने कहा कि खेती के पारम्परिक तरीकों के साथ कृषि विज्ञान की हमारी वैदिक परम्परा और लोक से जुड़े ज्ञान का उपयोग हो इस पर वृहद स्तर पर चिंतन करने की आज जरूरत है। कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी व खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत हमें अब बहु-आयामी रणनीति अपनानी होगी। जिसके अंतर्गत खाद्य उत्पादन के साथ ही उनके भंडारण, खाद्य प्रसंस्करण, जरूरतमंदों के लिए विषिष्ट उत्पादन कर उन तक प्रभावी रूप में पोषण पहुंचाने की दिषा में भी कार्य करने होंगे। जलवायु परिवर्तन तथा ग्लोबल वार्मिंग इस समय की सबसे बड़ी समस्याएं हैं। कृषि-पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित कैसे किया जाए, इस पर वृहद स्तर पर चिंतन करते हुए कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा दिये गए नारे ‘‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान’’ के साथ जय अनुसन्धान के नये नारे की ओर सभी का ध्यान आकर्षित किया।
उन्होने कहा कि शिक्षा का ध्येय यही होना चाहिए कि अज्ञानता के हर स्तर को वह समाप्त करे। जो शिक्षा अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाए, उसी की सार्थकता है। उन्होंने कहा कि वे मानते हैं कि कृषि एवं प्रौद्योगिकी के जरिए बहुत बड़े स्तर पर समाज में परिवर्तन किया जा सकता है और महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय यह कार्य बखूबी कर रहा है। इस विश्वविद्यालय ने भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् की रैंकिंग में प्रदेश मंे प्रथम और समूचे देश मे 15वाँ स्थान प्राप्त किया है और साथ ही पांच वर्षों हेतु प्रमाणन प्राप्त कर श्रेष्ठता के स्तर को बनाए रखा है। इसके लिए उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति एवं पूरे परिवार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि समय संदर्भों के साथ कृषि तकनीकी क्षेत्र में विशेषज्ञ पाठ्यक्रमों एवं समन्वित शोध की शुरूआत हो, जिनसे युवा वर्ग कृषि क्षेत्र की वैश्विक  और पर्यावरण संरक्षण की चुनौतियों का सामना कर सके। कुलाधिपति ने अपने करकमलों से योग्य छात्र छात्राओं को उपाधि एवं स्वर्ण पदक प्रदान किये।
बेटियों ने पदक हासिल करने में बाजी मारी


दीक्षांत समारोह में भी बेटियों ने पदक हासिल करने में बाजी मारी है, इनमे से 12 छात्रों और 23 छात्राओं ने स्वर्ण पदक प्राप्त किया है जिसकी माननीय राज्यपाल महोदय ने भी प्रशंसा की। उन्होंने सभी उपाधियाँ और पदक पाने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को बधाई दी। कुलपति डॉ अजीत कुमार कर्नाटक ने विश्वविद्यालय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया व कहा कि विश्वविद्यालय का कृषि शिक्षा, अनुसंधान और प्रसार जैसे सभी मोर्चा पर श्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। आईसीएआर रैंकिंग में भी विश्वविद्यालय ने विगत वर्ष 15 वीं रैंक प्राप्त की है जो की 2 साल पहले 51वीं थी। एमपीयूएटी को समूचे राजस्थान में श्रेष्ठ विश्वविद्यालय के रूप में कुलाधिपति पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव मिला है। उन्होंने बताया कि राज्यपाल के स्मार्ट विलेज इनिशिएटिव पर गोद लिए ग्राम मदार में भी हमारा श्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है जिसके फलस्वरूप हमारे कार्यों और मदार को सभी विश्वविद्यालयों के लिए आदर्श ग्राम के रूप में रखा गया है।
कुलपति डॉ. कर्नाटक ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षा को अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप प्रदान करने के लिये इस वर्ष नामीबिया विश्वविद्यालय तथा वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय ऑस्ट्रेलिया के साथ तीन अनुबंध हस्ताक्षरित किये गए। शिक्षा, शोध तथा प्रसार को व्यापक आधार प्रदान करने हेतु इस वर्ष अब तक 16 ख्यातिनाम संस्थाओं से समझौते हस्ताक्षरित किये गये। हाल ही हमारे 5 विद्यार्थी अग्रिम प्रशिक्षण हेतु परड्यू विश्वविद्यालय, अमेरिका गये हुए हैं तथा 5 विद्यार्थी नॉर्थ केरोलिना विश्वविद्यालय जायेंगे। साथ ही तीन संकाय साथियों को प्रशिक्षण हेतु विदेश भेजने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है। डॉ. कर्नाटक ने कहा कि जैविक कृषि, कृषि अनुसंधान मे भी उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त की हैं।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों के स्टार्ट अप, कैंपस प्लेसमेंट अखिल भारतीय शोध परियोजनाओं, मक्का, मशरूम और फूलों की नयी किस्मों के विकास, डिजिटल टेक्नोलॉजी के विकास, कृषि ड्रोन और हुमनोइड रोबोट की स्थापना, बीजोत्पादन, मत्स्य पालन, प्रताप धन मुर्गी उत्पादन, कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा प्रदेश के सात जिलों में और आदर्श ग्राम में किये जा रहे कृषि प्रसार कार्यों, विश्वविद्यालय के राजस्व में बढ़ोत्तरी, कृषक महिलाओं, ग्रामीण युवाओं व फैकल्टी के कौशल विकास की बात कही।
 डॉ. एसएल मेहता ने अपना दीक्षांत उद्बोधन दिया। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव सुधांशु सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ.सुनील इंटोदिया, डॉ सोनू मेहता एवं डॉ गायत्री तिवारी ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ। आरंभ में जिला कलक्टर ताराचंद मीणा व जिला पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने माननीय राज्यपाल श्री मिश्र की अगवानी की।

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